तुर्की,अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के बीच दो दिवसीय सातवां शिखर सम्मेलन 12 दिसंबर को तुर्की की राजधानी अंकारा में समाप्त हुआ। सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि आतंकवाद, उग्रवाद और सीमा पार से नशीली दवाओं की तस्करी क्षेत्रीय शांति,सुरक्षा व स्थिरता के लिये सबसे बड़ा खतरा है। इसलिये तुर्की,अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान तीनों देश इन धमकियों के खिलाफ़ सहयोग मज़बूत करेंगे।
बयान में दोहराया गया कि तीनों देश एक दूसरे से विभिन्न विभागों के बीच संपर्क और मज़बूत करेंगे। तीनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच हॉटलाइन व्यवस्था भी स्थापित की जाएगी। साथ ही उनके बीच परिवहन संपर्क का और विस्तार होगा। बयान में वर्तमान में तीनों देशों के बीच मौजूद सैन्य प्रशिक्षण और अभ्यास को और आगे बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया गया है। जिससे उनके बीच सैन्य आदान-प्रदान और अनुभव साझा किए जा सकें।
बयान के मुताबिक नवस्थापित त्रिपक्षीय व्यापार आयोग उन देशों के आर्थिक व व्यापारिक विभागों के बीच संपर्क और आगे बढ़ाकर संबंधित सहयोग के विकास के लिये प्रयास करेगा।
गौरतलब है कि तुर्की के राष्ट्रपति अब्दुल्लाह गुल, अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ़ अली जरदारी ने इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया।
(रमेश)