30 नवंबर को 43वां भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव दक्षिण भारत के गोवा शहर में समाप्त हुआ ।भारतीय फिल्म अंहे घोडे का दान ने सर्वोच्च पुरस्कार गोल्डन पीकॉक पुरस्कार प्राप्त किया ।
30 नवंबर को दोपहर बाद आयोजित समापन-समारोह में भारतीय युवा निदेशक गुर्विंडर सिंह की फिल्म अंहे घोडे का दान को गोल्डन पीकॉक यानी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का इनाम मिला ।क्यूबा ,ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से बनायी गयी फिल्म उना नोचे को ज्युरी मंडल विशेष पुरस्कार यानी सिल्वर पीकॉक पुरस्कार प्राप्त हुआ ।
दक्षिण कोरिया के निदेशक क्यू ह्वान जो ने अपनी फिल्म द वेट से सर्वश्रेष्ठ निदेशक पुरस्कार हासिल किया ।सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार क्रमंशः पोलैंड और श्रीलंका को मिले।मशहूर भारतीय निदेशक मियारा नैयर की नयी फिल्म द रेलक्टेंट फंडमेंटालिस्ट ने भारतीय फिल्मोद्योग की सौ वर्षगांठ के लिए स्थापित विशेष पुरस्कार पाया ।
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव वर्ष 1952 में शुरू किया गया था ,जो दक्षिण एशिया में सब से प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव है ।