पहली दिसम्बर को विश्व का 25वां एडस दिवस है। चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक इस साल के अक्तूबर के अंत तक चीन में दर्ज हुए एडस विषाणु से संक्रमित लोगों यानी एचआईवि पीड़ितों और एडस रोगियों की कुल संख्या चार लाख 90 हजार से अधिक है। कुछ क्षेत्रों और विशेष जनसमूह में एडस की स्थिति गंभीर है और विभिन्न उम्र वाले लोगों में एडस से संक्रमित वालों की संख्या साल ब साल बढ़ती जा रही है। इसलिए चीन में एडस की रोकथाम के लिए काम काफी भारी है। मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में चीन में एक हजार से अधिक सामाजिक संगठन एडस नियंत्रण काम में जुटे हुए हैं, चीन सरकार इन सामाजिक संगठनों को और अधिक नीतिगत व पूंजीगत समर्थन देगी।
एडस रोग के बारे में जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस साल के पहले दस महीनों में चीन में एडस विषाणु से संक्रमित लोगों और एडस रोगियों के 68 हजार नए केस दर्ज हुए। इस साल के अक्तूबर के अंत तक चीन में एडस के कुल चार लाख 90 हजार मामले दर्ज हुए, जिनमें से तीन लाख 80 हजार लोग अभी जीवित हैं। चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के रोज नियंत्रण ब्यूरो के डिप्टी सुपरवाइजर सुन शिनह्वा के अनुसार वर्तमान चीन में एडस की निम्न विशेषताएं पायी गयी हैः
पहली, एडस का संक्रमण मुख्यतः सेक्स संबंध से होता है, पुरूष समलौंगिक वालों में एडस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार बड़े व मझोले शहरों में इस साल दर्ज हुए एडस मामलों का आधा भाग पुरूष समलौंगिकों में हुआ। दूसरी विशेषता है कि कुछ क्षेत्रों और कुछ विशेष जनसमूहों में एडस का मामला गंभीर है। चीन में ऐसे 9 प्रांत हैं जिनमें एडस का मामला गंभीर है और वहां एडस विषाणु से पीड़ितों और एडस रोगियों की संख्या देश में दर्ज हुए कुल एडस जनसंख्या का 80 प्रतिशत भाग बनती है और जहां युवा किशोरों व बूढों में एडस के केस बढ़ते जा रहे हैं।
चीन में वर्तमान में एडस रोगियों की मृत्यु दर भी बढ़ गयी है। इस साल के पहले दस महीनों में दर्ज हुए एडस रोगियों की मृत्यु पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में दस प्रतिशत बढ़ गयी है।
चीन सरकार की एडस नियंत्रण व इलाज योजना के मुताबिक 2015 के अंत तक एडस पर ऐसा काबू पाया जाएगा जिससे नए रोगियों की संख्या 2010 से 25 फीसदी कम हो और मृत्यु दर में 30 फीसदी की गिरावट हो। इस लक्ष्य के लिए चीन ने देश भर में जांच सर्वे का जाल काफी बड़ा कर दिया, अब देश के करीब 3000 जिलों में मुफ्त जांच व परामर्श केन्द्र खोले गए, सभी जिलों में एडस विषाणु का टेस्ट करने की मेडिकल कार्यक्षमता उपलब्ध है, इसके अलावा सारे देश में 753 मेथाडोन से एडस इलाज क्लिनिकें कायम हुई हैं जिनमें कुल 3 लाख 80 हजार लोगों की चिकित्सा की गयी है और नए एचआईवि पीड़ितों की संख्या में 30 प्रतिशत की कटौती हुई है।
श्री सुन शिनह्वा ने कहा कि एंटी विषाणु चिकित्सा के विकास से रोगियों की मौत भी घटती जा रही है। श्री सुन का कहना हैः
चीन में 84 प्रतिशत के एडस रोगियों का एंटी विषाणु चिकित्सा से इलाज किया जा सकता है और चीन में इस उपाये से उपचार का प्रभाव भी विकासशील देशों में समुन्नत है और बच्चों में इस का परिणाम विकसित देश के स्तर पर पहुंचा है।
सूत्रों के मुताबिक, चीन में गर्भवर्ती महिलाओं को मुफ्त एडस जांच की सुविधा दी जाने के फलस्वरूप पिछले दस सालों में प्रसूती महिलाओं व नवदात शिशुओं में एडस का संक्रमण बहुत कम हो गया और पहले की 34 प्रतिशत से घटकर अब 7 प्रतिशत रह गयी। इससे 3400 बच्चे एडस के संक्रमण से बचे हैं।
चीन में एडस नियंत्रण के काम में गैर सरकारी संगठन एक अहम शक्ति है। अब 1000 से अधिक गैर सरकारी संगठन एडस रोकथाम काम में जुटे हुए। एडस दिवस की पूर्ववेला में चीन सरकार ने विशेष तौर पर गैर सरकारी संगठनों की बैठक बुलाई और कहा कि सरकार गैर सरकारी संगठनों के काम पर ध्यान देगी और उन्हें और अच्छी सहायता मुहैया करेगी।
चीन में वर्तमान नीति के तहत एडस नियंत्रण काम में लगे गैर सरकारी संगठनों के लिए सब से बड़ी समस्या यह है कि उन्हें नागरिक मामला विभाग में पंजीकरण की सुविधा नहीं मिलती है, इसतरह उन्हें सरकार की ओर से विभिन्न सुविधाएं मिलना मुश्किल है। श्री सुन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक मामला मंत्रालय संयुक्त रूप से दस्तावेज जारी करेंगे और गैर सरकारी संगठनों को पंजीकरण की सुविधा देंगे।
इसके अलावा सरकार उन्हें पूंजीगत समर्थन भी देगी और तकनीकी सहायता भी देगी जिसमें तकनीकी प्रशिक्षण का काम भी शामिल है।
इस साल, चीन सरकार एडस नियंत्रण काम में सक्रिय गैर सरकारी संगठनों को दस करोड़ य्वान की पूंजी दे रही है, जबकि पूरे साल में केन्द्रीय सरकार की ओर से एडस नियंत्रण व चिकित्सा में कुल 2 अरब 40 करोड़ य्वान का अनुदान हुआ है जो पिछले साल से 20 करोड़ अधिक है।