दोहा में मौसम परिवर्तन सम्मेलन 27 नवम्बर को जारी रहा । सारी दुनिया के 200 से अधिक देशों व इलाकों से आए प्रतिनिधि क्योटो प्रोटोकोल के दूसरे चरण के वायदों पर अमल और प्रदूषण निकासी में कटौती के लक्ष्यों की प्राप्ति, डर्बान मौसम सम्मेलन में प्राप्त सहमतियों को अंजाम देने के तरीके तथा विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों को पूंजीगत व तकनीकी सहायता देने की गारंटी जैसे अहम मामलों पर सलाह मशविरा कर रहे हैं।
27 तारीख की सुबह, क्योटो प्रोटोकोल के तहत गठित विशेष कार्यदल और दीर्घकालीन सहयोग के लिए कार्य योजना बनाने वाले दल ने बैठकें बुलाईं। ये दोनों कार्य दलों का कार्यकाल इस साल के अंत में समाप्त होगा, इसलिए सम्मेलन में भाग लेने वाले विभिन्न पक्षों की आशा है कि इन दोनों दलों में अच्छी उपलब्धि प्राप्त होगी और डर्बान प्लेटफार्म के विशेष कार्य दल के लिए विचार विमर्श का एक अच्छा आधार तैयार होगा। चीनी प्रतिनिधि ने क्योटो प्रोटोकोल के विशेष कार्य दल की बैठक में बोलते हुए कहा कि विकसित देशों को यह समझना चाहिए कि उनपर ऐतिहासिक जिम्मेदारी क्या है और उन्हें विकासशील देशों को ऊर्जा की कीफायत और प्रदूषण निकासी में कटौती के काम में और अच्छी तरह मदद देने की कोशिश करनी चाहिए।
इन दो प्रमुख बैठकों के अलावा दोहा मौसम परिवर्तन सम्मेलन के दौरान अन्य देशों के प्रतिनिधि मंडलों ने भी बैठकों में या अपनी ओर से बुलाई न्यूज ब्रिफींग में अपने अपने देश के रूख और दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। सभी कार्य सक्रिय रहे हैं।
दोहा मौसम सम्मेलन को साथ देने तथा विश्व को कतर और खाड़ी देशों में ऊर्जा कीफायत व प्रदूषण निकासी की कटौती के काम में प्राप्त उपलब्धियों से अवगत कराने के उद्देश्य में कतर ने 27 नवम्बर को दोहा में निरंतर विकास की कामयाबियों के बारे में प्रदर्शनी लगायी जिसमें कतर के अलावा सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात आदि खाड़ी देशों ने भी ग्रीन हाउस गैस निकासी में कटौती व नयी ऊर्जा विकास में हासिल हुई अपनी अपनी कामयाबियां प्रदर्शित कीं। खाड़ी देश बड़े तेल उत्पादक देश हैं जिनमें तेल दोहन के दौरान बड़ी मात्रा में ग्रीन हाउस गैस निकलती है, जो सारी दुनिया में बहुचर्चित विषय बन गया है। इसलिए अब कतर की प्राकृतिक गैस कंपनियों, तेल कंपनियों और सऊदी अरब तेल कंपनियों ने ग्रीन हाउस गैस के प्रयोग व गैस निकासी की कटौती के लिए बहुत सारे काम किए हैं। जैसाकि सऊदी अरब तेल कंपनी ने तेल दोहन से निकलने वाली कार्बन डाइओक्साइड को भूमि के अन्दर डाल दिया, जिससे वायु काफी कम प्रभावित हो सकता है।
प्रदर्शनी में कतर ने 2022 विश्व कप फुटबॉल के लिए बनाये जाने वाले कुछ स्टेडियमों के मॉडल दिखाये, जो अत्याधिक समुन्नत और पर्यावरण संरक्षित भवन निर्माण माने जाते हैं। कतर में गर्मियों के दिन कमरे के बाहर तापमान 60 सेल्सिलय तक पहुंचता है, इसलिए विश्व कप फुटबॉल के आयोजन के दौरान वहां के सभी स्टेडियम पूरी तरह बंद छत वाले बनाये जाने चाहिए और दिनरात एयरकंडिशन खोला जाएगा, जिससे ऊर्जा का बहुत खर्चा होगा। प्रदर्शनी के कार्यकर्ताओं ने परिचय देते हुए कहा कि विश्व कप के लिए सभी स्टेडियमों के बाहरी भागों में सौर ऊर्जा सोखने वाली सामग्री लगायी जाएगी और भवन के अन्दर एयरकंडिशन को सौर ऊर्जा व बिजली दोनों से चलाया जाएगा। इसतरह धूप के दिन सौर ऊर्जा से पर्याप्त मात्रा में बिजली प्राप्त होगी। इसके अलावा खेल के दौरान प्रयुक्त नयी किस्मों की गाड़ियां भी प्रदर्शनी में दिखाई दी, जिससे भी ऊर्जा की बड़ी कीफायत होगी। प्रदर्शनी में दिखाई ऐसी उपलब्धियों ने दर्शकों को बहुत ही आकर्षित किया है।
27 तारीख को, प्रदर्शनी स्थल के बाहर जो कुछ काम किए गए, इससे भी आयोजक पक्ष की ऊर्जा कीफायत और पर्यावरण संरक्षण समर्थक विचारधारा प्रकट हुई है। जैसाकि दोहा सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधियों और पत्रकारों के पहचान पत्र प्लास्टिक सामग्री से नहीं बनाये गए, बल्कि कचरे के पुनरूपयोग से बनायी गयी नयी सामग्री से निर्मित हुए है। दोहा सम्मेलन में प्रतिनिधियों और पत्रकारों को पीने के लिए प्रदान किए जाने वाले पानी भी डिब्बाबंद नल का पानी है और पानी पीने के लिए जी गिलास इस्तेमाल किए जाते हैं, वे भी विशेष सामग्री से बनाए गए है।