चांग फिंग ने कहा कि चीन और भारत को एक साथ वित्तीय संकट से आए नकारात्मक प्रभावों से निपटना चाहिए। बुनियादी सुविधाओं में सहयोग को मजबूत करके चीनी उद्यमों के भारतीय रेलवे, बिजली, संचार आदि क्षेत्रों के निर्माण में सक्रिय भागीदारी को भी बढ़ाने की ज़रूरत है। इसके अलावा दोनों पक्षों को व्यापार एवं निवेश संरक्षणवाद के खिलाफ एकजुट भी रहना होगा।
अहलुवालिया ने कहा कि भारत और चीन का आर्थिक विकास नई वैश्विक आर्थिक व्यवस्था के गठन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। भारत की चीन के साथ जी-20 और ब्रिक्स देशों आदि ढांचे के तहत समन्वय और सहयोग को मजबूत करने की उम्मीद है।
वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने संयुक्त अनुसंधान, रेलवे, सॉफ्टवेयर, औद्योगिक ऊर्जा दक्षता आदि विभागों के बीच सहयोग संबंधी ज्ञापनों और 4.8 अरब डॉलर के निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए।
(नीलम)