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चीन में क्रिकेट
2012-11-07 16:29:36

क्रिकेट का इतिहास सौ वर्ष से अधिक पुराना है ,पर चीन में यह एक नया खेल है ।इधर कुछ साल क्रिकेट चीन के स्कूलों में दाखिल हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय पिच में चीनी टीम नजर आ रही है ।

वर्ष 2005 एशियाई क्रिकेट संघ के समर्थन के तहत चीन औपचारिक रूप से क्रिकेट लोकप्रिय बनाने लगा ।उस साल चीनी क्रिकेट एसोसिएशन की सथापना हुई ।अब पेइचिंग ,थ्येन चिन ,शांग हाइ ,क्वांग तुंग व च च्यांग समेत नौ प्रांतों व प्रत्यक्ष प्रशासित शहरों के सौ से अधिक स्कूलों में क्रिकेट खेला जाता है ,जिन में शांग हाई और च च्यांग में क्रिकेट के विकास की स्थिति अच्छी रही है ।चीनी क्रिकेट एसोसिएशन के महानिदेशक ल्यू रोंग शाओ के विचार में क्रिकेट लोकप्रिय बनाने के आधार पर उस का स्तर उन्नत करना चीन में इस खेल के विकास का सब से अच्छा रास्ता है ।बाल व युवा टीम तैयार करना क्रिकेट के प्रचार प्रसार में सब से अहम काम है ।उन्होंने बताया ,अब तक देश के कई प्राइरी स्कूलों ,मिडल स्कूलों ,हाई स्कूलों और विश्वविद्यालयों में बहुत क्रिकेट प्रेमी हैं ।वे खेल क्लास ,छुट्टियों व अन्य अवकाश में अभ्यास करते हैं ।अगर अब राष्ट्रीय क्रिकेट चैंपियनशिप का आयोजित हुआ ,तो चालीस से पचास टीमें इस में भाग ले सकेंगी ।एक खेल के विकास के लिए टीमों की संख्या काफी है ।

चीनी युवाओं में क्रिकेट लोकप्रिय बनाने के लिए वर्ष 2005 से एशियाई क्रिकेट एसोशिएशन हर साल चीन में विभिन्न तरह के ट्रेनिंग क्साल करता है और चीन के लिए प्रशिक्षक और रेफरी तैयार करता है ।ट्रेनिंग क्साल में भाग लेने वाले लोग संबंधित पात्रता प्रमाण पत्र मिलने के बाद चीन में क्रिकेट लोकप्रिय बनाने वाली मुख्य शक्ति बन जाते हैं ।छिंग ह्वा विश्वविद्यालय के खेल शिक्षा प्रोफेसर व क्रिकेट रेफरी ल्यू छिंग मिन ने अपने विश्वविद्यालय में क्रिकेट की चर्चा करते हुए कहा ,छिंग ह्वा विश्वविद्यालय में 500 से अधिक लोगों ने क्रिकेट सीखी है ।छिंग ह्वा के अधीन प्राइमरी स्कूल में क्रिकेट अच्छी तरह चल रहा है ।इस स्कूल के लगभग सभी छात्रों को इस खेल को आता है ।खेल क्साल में क्रिकेट सिखाया जाता है ।हर कक्षा में लगभग 300 छात्र है और 6 कक्षाओं में लगभग 2000 छात्रों ने क्रिकेट सीखा है ।

चीनी क्रिकेट एसोसिएशन के महासचिव ल्यू रोंग शाओ के विचार में चीन में क्रिकेट लोकप्रिय बनाने के दो उपाय हैं ।एक है कि छात्रों में इसे लोकप्रिय बनाना और दूसरा है कि राष्ट्रीय टीम का स्तर उन्नत करना है ।वर्ष 2007 में एशियाड की तैयारी के लिए चीन की प्रथम पुरुष और प्रथम महिला क्रिकेट टीमों की स्थापना की गयी ।वर्ष 2010 क्वांग चाओ एशियाड में चीनी महिला टीम ने चौथा स्थान प्राप्त किया ।हाल ही में क्वांग चाओ में आयोजित टी 20 एशिया कप पर चीनी महिला टीम का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा ।बंगलादेश की महिला टीम के मुख्य कोच ओसी प्रियाराज वीरारसिंध ने बताया कि चीनी खिलाडियों की बडी निहित शक्ति है ।उन को अपना स्तर उन्नत करने के लिए अधिक अंतरराष्ट्रीय मैचों में भाग लेना चाहिए ।उन्होंने कहा ,चीन में क्रिकेट एक नया खेल है । ट्रेनिंग सुधारने से उन का रिजर्ट और अच्छा होगा ।चीनी टीम को अधिक अंतरराष्ट्रीय मैचों में भाग लेना और भारत ,बंगलादेश व श्रीलंका जैसी शक्तिशाली टीमों के साथ अधिक आदान प्रदान करना चाहिए ।इस तरह चीनी टीम का स्तर तेजी से उन्नत होगा ।श्रीलंकाई टीम के मुख्य कोच लंका द सिलवा ने एशिया कप में चीनी टीम का उच्च मूल्यांकन किया ।उन के विचार में अगर चीनी टीम का अनुभव अधिक हो ,तो वह जल्दी से भारत व श्रीलंका जैसी शक्तिशाली टीमों के बराबर होगा ।

चीनी क्रिकेट एसोसिएशन के महासचिव ल्यू रोंग शाओ ने बताया कि चीन में क्रिकेट बहुत देर से शुरू हुआ ,पर शुरुआत में उसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संघ और एशियाई क्रिकेट संग का जोरदार समर्थन मिला ।चीनी महिला टीम के कोच पाकिस्तान ,बंगलादेश व भारत जैसे देशों से आये वरिष्ठ स्तरीय कोच हैं ।

चीनी युवा क्रिकेट टीम के मुख्य कोच मोनजुरुल इस्लाम बंगलादेश के हैं ।उन के विचार में युवा टीम राष्ट्रीय टीम का रिजर्व बल है ।दूरगामी दृष्टि से युवा प्रतिभाओं को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा जाना चाहिए ताकि वे प्रगतिशील तकनीक सीख सकें ।उन्होंने कहा ,इस साल हमारी दो महिला खिलाडी ट्रेनिंग के लिए आस्ट्रेलिया जाएंगी और एक पुरुष खिलाडी अब आस्ट्रेलिया में ट्रेनिंग ले रहा है ।अगली फरवरी या मार्च में 15 चुनिंदा पुरुष खिलाडी और 15 चुनिंदा महिला खिलाडी बंगलादेश में एक महीने का अभ्यास करेंगे ।

अमिनुल एशियाई क्रिकेट संघ की ओर चीन में क्रिकेट लोकप्रियता प्रोजेक्ट के जिम्मेदार व्यक्ति हैं ।वर्ष 2007 में उन्होंने चीन आकर प्रथम चीनी महिला क्रिकेट टीम की स्थापना की ।उन्होंने बताया कि क्रिकेट खेलने में तकनीक ,बुद्धि और रैबिड प्रतिक्रिया की जरूरत है ।मैच में जबरदस्त शारीरिक मुकाबला नहीं है ।इसी कारण क्रिकेट चीन में लोकप्रिय बनाने के योग्य है ।उन के विचार में चीन में क्रिकेट के विकास के तीन बडे लाभ हैं ।उन्होंने बताया ,चीनियों की तीन बडी विशेषताएं हैं .पहला ,चीनी लोग अनुशासन व नियमों का सख्त पालन करते हैं ।दूसरा ,चीनी लोगों को बडी देशभक्ति है ।खेल प्रतियोगिताओं में उन को हमेशा प्रथम स्थान प्राप्त करने की भावना है ।तीसरा ,मैं ने देखा कि जब चीनी किसी काम को पूरा करना चाहते हैं ,तो वे पूरी कोशिश करते हैं ।

चीन के विशाल बाजार और निहित क्रिकेट दीवानों की संख्या पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट एसोसिएशन और एशियाई क्रिकेट एसोसिएशन ने अपनी नजर डाली है ।एशियाई क्रिकेट एसोसिएशन संघ के महासचिव सईद के विचार में अगर 1 अरब 30 करोड जनसंख्या वाला चीन क्रिकेट परिवार में शामिल हुआ ,तो इस खेल के विश्व भर प्रचार प्रसार को बढावा मिलेगा ।

उन्होंने कहा ,हम चीनियों से क्रिकेट खेलने की आशा करते हैं ।क्योंकि चीन विश्व में सब से महान देशों में से एक है ।अगर चीन में क्रिकेट लोकप्रिय नहीं है ,तो हम ऐसा नहीं कह सकते कि क्रिकेट एक विश्व भर लोकप्रिय खेल है ।अगर मैं देख सकूंगा कि क्रिकेट चीन में अच्छी तरह चल रहा है ,तो मैं सफल हूंगा ।

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