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चीन में माइक्रो ब्लॉग की शक्ति
2012-11-02 16:28:17

चीन में ट्विटर की भांति माइक्रोब्लॉग भी तेजी से विकसित हुआ और बड़ी संख्या में नेटीजनों को इससे विभिन्न प्रकार की सूचनाएं मिलती है। चीनी लोगों ने माइक्रोब्लॉग के माध्यम से परोपकारी कार्यवाही और सरकारी कामों पर निगरानी में भाग लेते हैं और चीन के सामाजिक विकास को प्रेरित करने की नयी शक्ति बन गए हैं।

चीनी पत्रकार तेंग फे चीन में परोपकारी योजना मुफ्त लंच कार्यक्रम का प्रवर्तक है। वर्ष 2011 में क्वोचाओ प्रांत के एक गरीब पहाड़ी गांव में कवरेज के दौरान उन्हें पता चला था कि वहां के बच्चे कुपोषण पीड़ित हैं। उन्होंने देश के सैकड़ों पत्रकारों के साथ मिलकर मुफ्त लंच योजना का सूत्रपात किया, जिसके तहत गरीब बच्चों को मुफ्त में दोपहर का खाना मुहैया करने के लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा है। उन्होंने माइक्रोब्लॉग के जरिए समाज से चंदा देने की अपील की, उसे तुरंत विभिन्न तबकों का सक्रिय समर्थन मिला और 24 घंटों के भीतर ही 46 हजार य्वान की उगाही हुई।

उस साल, दो अप्रैल को मुफ्त लंच योजना के तहत पहला कार्यक्रम क्वोचाओ प्रांत के शाबा प्राइमरी स्कूल में शुरू हुआ जिसके मुताबिक हर रोज स्कूल के 169 बच्चों को चावल, सूप और अंडे मुफ्त खिलाये जाते हैं। यूं यह एक छोटा योगदान है, पर तेंग फे बहुत प्रेरित हुए। उन का कहना हैः

मैं अकसर स्कूल जाता हूं, लम्बी दूरी का रास्ता तय करने से बहुत थका हुआ लगता है, फिर भी बच्चों की मुस्कान देखने पर मुझे काफी खुशी महसूस हुई है।

मुफ्त लंच योजना को माइक्रोब्लॉग के जरिए चंदा मिलता रहता है और लाखों लोगों ने इस का समर्थन किया और पैसे का चंदा किया है, अधिकांश पैसा साधारण वेतन भोगी लोगों से प्राप्त होता है। चंदा का सिलसिला अब तक जारी रहा है। श्री तेंग फे ने कहाः

पिछले अप्रैल से अब तक हमें कुलमिलाकर चार करोड़ धन मिला है और करीब दस लाख लोगों ने चंदा किया है। हम ने सरकारी विभाग के साथ सहयोग किया, जिससे प्रेरित होकर केन्द्रीय सरकार ने भी कदम उठाया और फलस्वरूप ग्रामीण स्कूलों के बच्चों की खाने की समस्या हल हो गयी।

26 अक्तूबर 2011 को चीनी राज्य परिषद ने गांवों में स्कूली छात्रों की आहार सुधार योजना बनाया और हर साल सरकार इसके लिए 16 अरब य्वान का अनुदान करती है जिससे देश के 680 जिलों में पढ़ने वाले दो करोड़ 60 लाख छात्रों को लाभ मिला है।

गैर सरकारी संगठन द्वारा माइक्रोब्लॉग के जरिए मुफ्त लंच योजना के विकास से चीन के परोपकारी कार्य केलिए एक बेहतर उदाहरण मिला। इसकी ही तरह चीन में अन्य अनेक परोपकारी योजनाएं चलायी गयीं, जैसाकि प्रवासी मजदूरों की सेवा में स्वास्थ्य लाभ योजना, गरीब क्षेत्रों के लोगों को कपड़ों का चंदा कार्यक्रम एक के बाद एक प्रकाश में आए।

चीनी समाज विज्ञान अकादमी के सर्वेक्षण के मुताबिक जून 2012 तक चीनी नेटीजनों में माइक्रो ब्लॉग का योज करने वालों की संख्या 27 करोड़ 40 लाख हो गयी और रोज दस करोड़ खबरें जारी की जाती हैं। इससे लोक मतों को बहुत प्रभावित किया जाने लगा।

पिछले दो सालों में, माइक्रोब्लॉग की शक्ति पर सरकार का ध्यान भी लगा, बहुत से सरकारी संस्थाओं और पदाधिकारियों ने भी अपना माइक्रोब्लॉग खोला। चीन के प्रसिद्ध माइक्रोब्लॉग वेब---शिनलांग माइक्रोब्लॉग के आंकड़ों के मुताबिक सितम्बर के अंत तक सरकारी माइक्रोब्लॉगों की संख्या 50957 हो गयी जिसमें देश के 34 प्रांतीय प्रशासनिक विभाग शामिल है और मुख्यतः सार्वजनिक सुरक्षा, नौजवान लीग, पर्यटन और चिकित्सा व स्वास्थ्य क्षेत्र में केन्द्रित हैं। इसलिए कुछ लोग कहते हैं कि वर्ष 2011 चीन का सरकारी माइक्रोब्लॉग वर्ष है। चीनी पीपुल्स युनिवर्सिटी के पब्लिक नीति अध्ययन कालेज के उप कुलपति प्रोफेसर माओ शो लुंग ने कहा कि माइक्रोब्लॉग सरकार के लिए लोकमतों के साथ संपर्क का एक अच्छा माध्यम बन गया है। उन्होंने कहाः

माइक्रोब्लॉग के माध्यम से बहुत से नए नए सवाल नीति नियामक दल तक पहुंच जा सकते हैं, जिसमें आम लोग अपनी अपनी राय, चिंता और सुझाव पेश कर सकते हैं और सरकार को जनादेश और इच्छा मालूम होती है, इसतरह संबंधित नीति बनाने की प्रकिया और समय कम हो सकता है।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी माइक्रोब्लॉग के विकास से सरकारी सूचना सार्वजनिक की जाने की नयी शुरूआत हुई है, जिससे जाहिर है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सत्ता चलाने के सिद्धांत में परिवर्तन आया है और चीनी समाज में सरकार व आम जनता के बीच संपर्क और संवाद भी धीरे धीरे स्वस्थ और खुले होते जा रहे हैं।

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