अब हम आप की सेवा में एक चर्चा प्रस्तुत करेंगे जिस के मुताबिक इन सालों में चीन ने शिक्षा के क्षेत्र में पूंजी के निवेश को काफी बढ़ाया है जो इस साल देश के डीजीपी का 4 प्रतिशत हो गया है।
पूर्वी चीन के शानतुंग प्रांत के वीफांग शहर में नगर पालिका ने स्कूली शिक्षा बढ़ाने के लिए अनेक तरीके अख्तियार किए। शहर के शिक्षा ब्यूरो के डायरेक्टर चांग क्वोह्वा ने परिचय देते हुए कहा कि सरकार ने शहर के प्रायोगी प्राइमरी स्कूल के विकास में ही 6 करोड़ य्वान की पूंजी लगायी है। उन्हों ने कहाः
वीफांग सरकार ने शहर के शिक्षा विकास के लिए अपनी वित्तीय आय के एक चौथाई भाग को लगाया है, अब हर साल शिक्षा में 10 अरब य्वान की राशि लगायी जाती है। वीफांग शहर के अधीनस्थ सभी जिलों में अच्छी तरह शिक्षा पर वित्तीय व्यय की नीति लागू की जाती है और शिक्षा के संतुलित विकास के लिए अहम भूमिका अदा की गयी है।
इधर के सालों में चीन की केन्द्रीय व स्थानीय सरकारों ने शिक्षा में निवेश लगातार बढ़ाया, शिक्षा में निवेश की कुल राशि सालाना 20 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी होती गयी। इस साल, चीन सरकार की कार्य रिपोर्ट में यह लक्ष्य पेश किया गया है कि सरकार शिक्षा के लिए जो पूंजी लगाएगी, वह जीडीपी की 4 फीसदी तक पहुंचेगी, यानी सरकार इस साल शिक्षा के विकास में 18 खरब 80 अरब य्वान की राशि डालेगी।
सरकार की ओर से देश के शिक्षा कार्य में जीडीपी की 4 प्रतिशत लगाने का लक्ष्य विश्व में शिक्षा स्तर आंकने की बुनियादी रेखा होता है। वर्ष 1993 में ही चीन ने यह लक्ष्य प्रस्तुत किया था कि देश के शिक्षा विकास में पूंजी के निवेश का अनुपात जीडीपी की 4 फीसदी होगा। लेकिन विभिन्न कारणों से यह लक्ष्य समय पर नहीं प्राप्त हो पाया।
देश की स्थानीय सरकारें किस तरह शिक्षा में वित्तीय बजट पेश करेंगी, जो पूरे देश में 4 प्रतिशत का लक्ष्य पाने केलिए निर्णायक कारक है। पिछले साल, चीन सरकार ने विभिन्न स्थानों से यह मांग की कि वे जमीन बेचने से प्राप्त होने वाली आय का 10 प्रतिशत भाग शिक्षा में लगाएं, ताकि शिक्षा केलिए बजट स्रोत का विस्तार किया जा सके। चीनी शिक्षा मंत्रालय के वित्त विभाग के प्रभारी वू क्वो सेंग ने कहा कि इस साल, केन्द्रीय सरकार इस लक्ष्य के लिए विभिन्न स्थानीय सरकारों की जिम्मेदारी स्पष्ट करेगी।
चीनी शिक्षा मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय तथा राष्ट्रीय सुधार व विकास आयोग के साथ मिलकर एक विशेष कार्यालय गठित किया है जो शिक्षा के विकास में विभिन्न स्थानीय सरकार के वित्तीय निवेश की हालात का मूल्यांकन करेगा, मूल्यांकन शिक्षा के लिए वित्तीय बजट की वृद्धि, वित्तीय व्यय के अनुपात, अतिरिक्त धन वसूली दर तथा जमीन बेचने से प्राप्त होने वाली आय के शिक्षा में निवेश की प्रतिशत चार पहलुओं में किया जाएगा और उन की जांच की जाएगी ताकि स्थानीय सरकार शिक्षा के लिए निवेश बढ़ाने का अपना फर्ज निभाएं।
विश्लेषकों का कहना है कि शिक्षा के विकास में निवेश बढ़ाने के साथ चीन के सामने कुछ नयी चुनौतियां भी मौजूद हैं, जैसाकि शिक्षा में निवेश की निरीक्षण व कंट्रोल व्यवस्था कायम हुई या नहीं, इस स्थिति से बचने की कोशिश की जाए कि जहां एक तरफ पैसों का दुरूपयोग किया जा रहा है, वहां दूसरी तरफ शिक्षा में पूंजी लगाने से कतरा रहने की कोशिश की जा रही है। केन्द्रीय सरकार की मांग है कि धन राशि में से हरेक कौड़ी भी आवश्यक काम में लगायी जानी चाहिए।
इस पर चीनी शिक्षा मंत्री युन्न क्वीरन ने बलपूर्वक कहा कि निगरानी और कंट्रोल पर बल लगाया जाएगा और इसे सुनिश्चित किया जाएगा कि पूंजी के इस्तेमाल सुव्यवस्थित हो, सुरक्षित हो और कारगर हो। उन्होंने कहाः
चीनी शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा के लिए वित्तीय बजट के युक्तियुक्त इंतजाम और प्रयोग के बारे में निर्देशक रायें वाला दस्तावेज तैयार किया है, साथ ही मंत्रालय ने शिक्षा के पैसे पर निगरानी व प्रबंधन सुदृढ़ करने वाले सिलसिलेवार दस्तावेज बनाये हैं। सब से अच्छा प्रबंध तरीका यह है कि शिक्षा पर होने वाला खर्चा खुला और पारदर्शी हो, जिससे विभिन्न अहम शिक्षा योजनाओं तथा अहम शिक्षा निवेश मुद्दों का काम केन्द्रीय सरकार की तकाजे के मुताबिक किया जाने की गारंटी हो सकेगी।