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चीन हरित विकास के रास्ते पर अग्रसर है
2012-08-06 16:42:41

हरित और कम कार्बन वाला विकास अब विश्व अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा बना है, चीन भी सक्रिय रूप से हरित उत्पादों के अनुसंधान व विकास में जुट रहा है और हरित विकास का रास्ता अपनाना सरकार, कारोबारों और जनसमुदाय की सहमति बन गया है। चीन सरकार ने कुछ साल पहले कम ऊर्जा खर्च करने वाले बिजली बल्बों को लोकप्रिय करने की योजना आरंभ की, जिससे आम लोगों को ऊर्जा की किफायत में निम्न ऊर्जा खपत वाले बल्बों का योगदन मालूम हुआ और उन में इस प्रकार के बल्बों का इस्तेमाल करने का उत्साह उभरा। इस साल के पूर्वार्द्ध में चीन सरकार ने घरेल विद्युत उपकरणों की खरीदारी के लिए भत्ता देने की नीति लागू की, इस काम में सालाना एक करोड़ 20 लाख टन कोयले का कम खर्च हुआ।

चीनी समाज विज्ञान अकादमी के शहरी विकास व पर्यावरण इंस्टिट्यूट के प्रमुख फान चाह्वा ने कहा कि इधर के सालों में चीन में ऊर्जा किफायत और कम कार्बन तकनीकों के इस्तेमाल व प्रसार में उल्लेखनीय कामयाबी हासिल हुई है। उन का कहना हैः

चीन ने ऊर्जा किफायत और कम कार्बन उद्योग के विकास में भारी प्रगति प्राप्त की है, वैज्ञानिक तकनीकी मदद से अल्प समय में ईकाइ डीजीपी पर ऊर्जा के खर्चे, ग्रीन हाउस की गैस निकासी में आयी गिरावट विश्व में सब से अधिक है। कम कार्बन तकनीकों के विकास में भी चीन विश्व में श्रेष्ठ है, हालांकि इस क्षेत्र में चीन को बहुत से काम करना बाकी है, किन्तु चीन का आगे बढ़ने का कदम ठोस और पुख्ता है।

इस शताब्दी के शुरू में चीन ने ऊर्जा की किफायत के लिए सिलसिलेवार नीति, कानून और सरकारी उपाये अख्तियार किए। खासकर 2005 से 2010 तक चीन ने औद्योगिक ढांचे में सुधार, प्रमुख परियोजनाओं के निर्माण और तकनीकी प्रगति को प्रोत्साहन जैसे प्रबल कदम उठाकर कड़ी मेहनत से ऊर्जा किफायत और प्रदूषण निकासी में कटौती के लिए उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं।

चीनी राष्ट्रीय ऊर्जा किफायत केन्द्र के डायरेक्टर ली यांग चे ने कहा कि चीन में प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण ऊंची ऊर्जा खपत और भारी प्रदूषण पर तेज गति के विकास के लिए काबिल नहीं रहेगा, इधर के दस सालों में ज्ञान के प्रचार व नीतिगत बढ़ावे से ऊर्जा के कम व्यय तथा पर्यावरण संरक्षण की विचारधारा आम लोगों के दिल में घर कर गयी है।

हरित विकास के रास्ते पर बढ़ना अब सिर्फ सरकार व कारोबारों की सहमति के अलावा समूची चीनी जनता की समान कार्यवाही भी बन गया है। अब सभी चीनी लोग पर्यावरण का महत्व, पर्यावरण व संसाधन को विकसित करने में कम ऊर्जा की खपत का महत्व समझ सकते हैं और वास्तव में इस काम के लिए जन समुदाय की समान कार्यवाही की बड़ी आवश्यकता है।

इस साल के विश्व पर्यावरण दिवस यानी 5 जून को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और चीनी पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय ने समान थीम बनाया और पर्यावरण के लिए व्यक्तिगत कार्यवाही व विकल्प की अहमियत पर बल दिया। चीनी उप पर्यावरण मंत्री वू श्यो छिंग ने कहाः

मेरे विचार में उपभोग आर्थिक विकास प्रक्रिया में जन समुदाय के साथ संपर्क की एक मुख्य कड़ी है, हरित उपभोक्ता का अर्थ अनावश्यक उपभोग की कटौती, पर्यावरण को क्षति पहुंचाने एवं संसाधनों का खर्चीला उपयोग करने वाले उत्पादों का बहिष्कार करने से होता है। हरित उपभोग समाज में सभी आर्थिक जीवन में मौजूद है, समाज के सभी सदस्यों को हरित उपभोग बढ़ाने में शिरकत करना चाहिए ।

हरित, निम्न ऊर्जा खपत व कम कार्बन स्वरूपी उपभोक्ता बाजार को विकास की भारी निहित संभावना भी प्रदान करेगी। इसलिए चीनी कारोबार भी इस क्षेत्र में अपने विकास के लक्ष्य पेश कर अधिक निवेश करेंगे।

चीन सरकार ने आने वाले पांच सालों के विकास की योजना बनायी है, जिसके अनुसार 2015 तक चीन दस हजार य्वान जीडीपी पर ऊर्जा खपत में 2010 से 16 फीसदी कम लायी जाएगी, सारे देश में सल्फर डाइआक्साइड की निकासी में 8 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। हालांकि चीन में तरह तरह की कठिनाइयां उपस्थित हैं, लेकिन ऐसे लक्ष्य तय होने के बाद चीन नये ढंग के हरित व कम कार्बन वाले विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता रहेगा।

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