चीन अफ्रीका सहयोग मंच का पांचवां मंत्री सम्मेलन 19 जुलाई की सुबह पेइचिंग में उद्घाटित हुआ । चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने घोषित किया है कि चीन सरकार निवेश व वित्तपोषण , सहायता , अफ्रीकी एकीकरण और सुरक्षा समेत इन पांच प्रमुख क्षेत्रों में अफ्रीका की शांति व विकास कार्य का समर्थन करने और चीन व अफ्रीका के नये आकार वाले रणनीतिक साझेदार संबंध को बढावा देने को कृतसंकल्प है । उन्होंने साथ ही बल देते हुए कहा कि चीन व अफ्रीका के नये आकार वाले रणनीतिक साझेदार संबंध की नयी स्थिति के लिये चीन व अफ्रीका को आपसी राजनीतिक विश्वास को सुदृढ़ बनाना और बाहरी दखल को दूर करना चाहिये ।
चीन अफ्रीका सहयोग मंच अक्तूबर 2000 में स्थापित हुआ है , यह चीन व अफ्रीका के बीच सामूहित वार्तालाप और सार्थक सहयोग का महत्वपूर्ण तंत्र ही है । 2006 में चीन अफ्रीका सहयोग मंच का पेइचिंग शिखर सम्मेलन यानी तीसरा मंत्री सम्मेलन पेइचिंग में हुआ , चीन व 48 अफ्रीकी देशों के राज्याध्यक्ष , शासनाध्यक्ष और उच्च स्तरीय अधिकारी इस सम्मेलन में शरीक हुए । पर मौजूदा सम्मेलन का उद्घाटन ऐसे मौके पर हुआ है , जबकि चीन अफ्रीका सहयोग मंच दूसरे दशक में प्रविष्ट हो रहा है , अनिश्चित भूमंडलीय अर्थव्यवस्था और एक के बाद एक चर्चित समस्याओं को ध्यान में रखकर चीन अफ्रीका सहयोग मंच की विकास दिशा एक आकर्षण का केंद्र बन गयी है ।
पेइचिंग शिखर सम्मेलन से लेकर आज तक के चीन व अफ्रीका के सहयोग विकास का सिंहावलोकन करते हुए चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने उद्घाटन समारोह में कहा चीन व अफ्रीका राजनीतिक तौर पर एक दूसरे का सम्मान व विश्वास करते हैं , मैत्रीपूर्ण संबंध पूर्ण रुप से विकसित हो रहा है , चीन अफ्रीकी देशों द्वारा अपने क्षेत्रीय चर्चित सवालों का स्वतंत्र रुप से समाधान किये जाने और अफ्रीका के एकीकृत निर्माण का समर्थन करता है । चीन व अफ्रीका आर्थिक तौर पर पारस्परिक लाभ और सार्थक सहयोग लगातार गहरा रहा है । चीन अफ्रीका के साथ व्यापार व पूंजी निवेश का पैमाना निरंतर विस्तृत करता है । 2011 में चीनी अफ्रीकी व्यापार रकम एक खरब 66 अरब 30 करोड़ अमरीकी डालर तक पहुंच गयी है , जो 2006 की तुलना में दो गुना बढ़ गया है । चीन व अफ्रीका सांस्कृतिक तौर पर एक दूसरे से सीखते हैं , मानवीय आदान प्रदान दिन ब दिन क्रियाशील रहा है ।
हू चिन थाओ ने बल देते हुए कहा कि 6 साल पहले की तुलना में अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति में भारी परिवर्तन हुआ है , विश्व वित्तीय संकट का प्रभाव फिर भी बरकरार रहा है , अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय हाँट स्पाँट एक के बाद एक सामने आये है । अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफ्रीका की शांति व विकास मामलों का बड़ा ख्याल रखना और सहायता बढाना और अफ्रीका को शीघ्र ही संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी विकास लक्ष्य को साकार बनाने में मदद देना चाहिये ।
चीन व अफ्रीका के नये आकार वाले रणनीतिक साझेदार संबंध की नयी स्थिति की चर्चा में हू चिन थाओ ने कहा कि चीन व अफ्रीका के लिये आपसी राजनीतिक विश्वास और रणनीतिक वार्तालाप को मजबूत बनाया जाये और बाहरी दखलों को हटाया जाये । चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ शांति व स्थिरता की रक्षा की अफ्रीकी देशों की कोशिश का दृढ़ समर्थन करने और अफ्रीकी मामिलों में सकारात्मक व रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है ।
हू चिन थाओ ने चीन सरकार की ओर से आगामी तीन सालों में अफ्रीका की शांति व विकास का समर्थन करने के बारे में ठोस कदम भी घोषित किया है ।
पश्चिमी एशियाई व उत्तरी अफ्रीकी परिस्थितियों में उथल पुथल आने से अफ्रीकी सुरक्षा परिस्थिति बेहद चिन्ताजनक है । हू चिन थाओ ने अपने भाषण में कहा कि चीन अफ्रीका की शांति व स्थिरता को बढावा देने के लिये कदम उठा देगा , ताकि अफ्रीका के विकास के लिये सुरक्षित वातावरण तैयार किया जा सके ।
चीन चीन अफ्रीका शांति , सुरक्षा , सहयोग और साझेदार प्रस्ताव पेश करेगा , अफ्रीकी संघ और अफ्रीकी देशों के साथ अफ्रीकी शांति व सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग को बढावा देगा , ताकि अफ्रीकी संघ को शांति स्थापन कार्यवाही और नियमित सेना के निर्माण के लिये धन राशि समर्थन दिया जाये और अफ्रीकी संघ के लिये और ज्यादा शांति सुरक्षा मामलात अधिकारियों व शांति स्थापन व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जाये ।
उद्घाटन समारोह में मौजूदा सम्मेलन के अफ्रीकी अध्यक्ष देश मिश्र के राष्ट्रपति के विशेष दूत व विदेश मंत्री मोहमद अमर ने मिश्र के राष्ट्रपति मोहमद मुर्सी का बधाई संदेश पढ़कर सुनाया । इस बधाई संदेश में कहा गया है ( आवाज 3----)
चीन अफ्रीका सहयोग मंच अब चीनी व अफ्रीकी सामूहिक वार्तालाप का महत्वपूर्ण मंच और सार्थक सहयोग का कारगर तंत्र बन गया है । चीन ने अफ्रीकी क्षेत्रीय एकीकरण का जो समर्थन किया है , उस से यह अभिव्यक्त हो गया है कि चीन व अफ्रीका ने आधारभूत संस्थापनों के निर्माण , ऊर्जा और दूस संचार के क्षेत्रों में सफल सहयोग किया है और चीन ने अफ्रीका की शांति व सुरक्षा को बनाये रखने में योगदान दिया है । हम इस बात पर चीन के आभारी हैं कि उस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफ्रीका के प्रतिनिधित्व को समर्थन दिया है । राजनीतिक तौर पर समानता व आपसी विश्वास , आर्थिक तौर पर सहयोग व उभय जीत , सांस्कृतिक तौर पर आदान प्रदान यह चीन व अफ्रीका के नये आकार वाले रणनीतिक साझेदार संबंध की विशेषता ही है । चीन अफ्रीका संबंध एक संपूर्ण व तेज विकास के नये काल में प्रविष्ट हो गया है ।
संयुक्त राष्ट्र महा सचिव पान की मून ने उद्घाटन समारोह में चीन अफ्रीका सहयोग मंच की तारीफ करते हुए कहा कि यह दक्षिण दक्षिण सहयोग की आदर्श मिसाल है , उन्हें उम्मीद है कि चीन अफ्रीका सहोयग मंच गरीबी उन्मूलन , खाद्यान सुरक्षा , सतत विकास , अफ्रीकी विकास क्षमता और हरित अर्थव्यवस्था को बढावा देने में और बड़ी उपलब्धियां प्राप्त कर लेगा ।
इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान चीन व 50 अफ्रीकी देशों के राजनयिक व आर्थिक सहयोग मामलात मंत्री और अफ्रीकी संघ की कमेटी के अध्यक्ष संबंधित विषयों पर विचार विमर्श कर रहे हैं , साथ ही संबंधित कार्यवाही कार्यक्रम और आगामी तीन वर्षों में चीन अफ्रीका सहयोग के बारे में पूर्ण योजना बनाने में मग्न भी हैं ।