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चीनी दुर्लभ मिट्टी के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में निगरानी व प्रबंधन का संयुक्त अभियान
2012-07-16 17:28:50

दोस्तो , चीनी दुर्लभ मिट्टी उत्पादन क्षेत्र गैर कानूनी खुदाई पर रोक लगाने के लिये निगरानी व प्रबंधन का संयुक्त अभियान चलाएंगे , इसी बीच चीन दुर्लभ मिट्टी की खुदाई से उत्पन्न पर्यावरण प्रदूषण जैसे सवालों को सुलझाने के लिये पर्यावरण संरक्षण की निगरानी व प्रबंधन में तेजी लायेगा । 

चीनी राष्ट्रीय भूमि व संसाधन मंत्रालय की नवीनतम खबर के अनुसार दक्षिण व उत्तर चीन में दुर्लभ मिट्टी के कुछ प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में सरकार द्वारा दुर्लभ मिट्टी क्षेत्रीय निगरानी व प्रबंधन संयुक्त अभियान तंत्र लागू किये जाने के बाद चालू वर्ष में निगरानी व प्रबंधन का दायरा क्रमशः भीतरी मंगोलिया , शांगतुंग , सछ्वान , च्यांगशी , क्वांगतुंग और हू नान समेत नौ प्रांतों के 20 शहरों व प्रिफेक्चरों तक विस्तृत हो गया है , उक्त ये इलाके चीनी दुर्लभ मिट्टी के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों की गिनती में आते हैं ।

चीनी राष्ट्रीय भूमि व संसाधन मंत्रालय के उप मंत्री च्यांग मिन ने कहा कि इस निगरानी व प्रबंधन के संयुक्त अभियान तंत्र का मकसद दुर्लभ मिट्टी की खुदाई व्यवस्था नियमित और बाजार प्रचालन व्यवस्थित बनाना और इस उद्योग का समन्वित विकास करना है ।

हमारे लिये यह जरुरी है कि दुर्लभ मिट्टी की खुदाई में प्रवेश प्रणाली को मजबूत बनाया जाये , पिछड़ी उत्पादन क्षमता वाले कारोबारों को रद्द कर खुदाई व प्रयोग का स्तर उन्नत किया जाये , खनन अधिकार लाइसेंसिंग प्रणाली की पहचान को सुदृढ़ बनाकर सर्वेक्षण व खुदाई की कार्यवाहियों को परिसीमित किया जाये । सहायक प्रबंधक प्रणाली की मजबूती की जाये और बुनियादी निगरानी व प्रबंधन दायित्व व्यवस्था को संपूर्ण बनाया जाये । बाजार विनियमन के लिये संपत्ति के अधिकारों की गठबंधन प्रणाली को सुदृढ़ बनाया जाये और व्यवसायिक आत्मानुशासन को बढावा दिया जाये । साथ ही उक्त बीच शहरों व प्रिफेक्चरों की सरकारों के नेतृत्व तले संबंधित विभागों के साथ मिलकर क्षेत्रीय दुर्लभ मिट्टी संसाधन के प्रबंधन में तेजी लायी जाये , गैरकानूनी खुदाई पर रोक लगाने के लिये संयुक्त रुप से योजना निर्धारित की जाये । प्रमुख दुर्लभ मिट्टी उपक्रमों को व्यवसायिक आत्मानुशालन करने में पहल करना ही होगा ।

दुर्लभ मिट्टी की खुदाई से पैदा गम्भीर प्रदूषण पर चीन का व्यापक ध्यान केंद्रित हो गया है । चीनी पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय के अधिकारी छन युंग छिंग ने कहा दुर्लभ मिट्टी की खुदाई , शोधन , पृथक्करण और शुद्धि के दौरान संसाधन की ज्यादा खपत और प्रदूषित चीजों के ज्यादा निकास से मिट्टी , वनस्पति , भूमिगत व सतही जल और वायु मंडल पर गम्भीर कुप्रभाव पड़ गया है । कुछ दुर्लभ मिट्टी उपक्रमों ने जल पर्यावरण सुरक्षा को गम्भीर खतरे में डाल दिया है और वायु मंडल को प्रदूषित कर दिया है तथा परिस्थितिकी पर्यावरण को बिगाड़ दिया , रेडियोलोजिकल खतरा भी बढा दिया है ।

छन युंग छिंग ने कहा कि चीन ने दुर्लभ मिट्टी औद्योगिक प्रदूषण निकास मापदंड लागू किया है और व्यवसायिक प्रवेश का प्रबंधन भी कड़ा कर दिया है , इसी वीच पर्यावरण संरक्षण की जांच पड़ताल के क्षेत्र में देश के भीतर 56 उपक्रम पर्यावरण संरक्षण आवश्यकताओं को पूरा कर लिया है , दुर्लभ मिट्टी उपक्रमों ने पर्यावरण संरक्षण में और चार अरब चीनी य्वान की धनराशि लगायी है ।

वर्तमान में चीन विश्व में दुर्लभ मिट्टी का सब से बड़ा उत्पादक , उपयोगी और निर्यातित देश है , उस ने विश्व की 90 प्रतशत से ज्यादा मांग की आपूर्ति पूरी कर ली है , जबकि चीन का दुर्लभ मिट्टी भण्डारण केवल सारी पृथ्वी का 23 प्रतिशत बनता है। इसलिये दुर्लभ मिट्टी संसाधन की हद से अधिक खुदाई से पारिस्थितिकी पर्यावरण प्रदूषण जैसे सवाल दिन ब दिन प्रकाश में आये हैं । चालू वर्ष के जून में चीन ने चीनी दुर्लभ मिट्टी की हालिया स्थिति व नीति के बारे में श्वेत पत्र जारी किया और कहा कि चीन दुर्लब मिट्टी उद्योग के विकास के लिये पर्यावरण की कीमत हरगिज नहीं चुकाय़ेगा और दुर्लभ मिट्टी संसाधन के लिये कड़ा पारिस्थितिकी पर्यावरण संरक्षण मापदंड और परिरक्षित खुदाई नीति लागू कर देगा ।

चीन ने दुर्लभ मिट्टी की खुदाई , उत्पादन और निर्यात से जुड़ी विभिन्न कड़ियों में समयानुकूल प्रबंधन कदम उठा दिये हैं । चीन सरकार ने बारंबार कह दिया है कि दुर्लभ मिट्टी उद्योग के प्रबंधन की मजबूती का मूल उद्देश्य है कि पर्यावरण संरक्षण व संसाधन को बनाया रखा जाये , निरंतर विकास को बढावा दिया जाये , यह अंतर्राष्ट्रीय नियम व विश्व व्यापार संगठन के संबंधित नियम से मेल खाता है , इस से चीन के विकास के लिये ही नहीं , बल्कि विश्व विकास के लिये जिम्मेदार भी है ।

चीनी दुर्लभ मिट्टी सोसायटी के उप महा सचिव चांग आन वन ने कहा कि कुछ विदेशी लोकमतों को इस से आपत्ति है , पर उन्हें चीन की तरफ सोचना चाहिये ।

हम ने विश्व की 90 प्रतिशत दुर्लभ मिट्टी की आपूर्ति करने के लिये सचमुच पर्यवारण , नीले आसमान , सफेद बादल और जल संसाधन की कीमत चुकायी है । दुर्लभ मिट्टी की आपूर्ति में विविधीकरण लागू करना चाहिये , अमरीका , कनाडा , आस्ट्रेलिया , मध्य एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया आदि क्षेत्रों में दुर्लभ मिट्टी का समृद्ध भण्डार भी है , सिर्फ चीनी मंडी पर निर्भर रहने की कोई जरुरत नहीं है । क्योंकि दुर्लभ मिट्टी की हद से ज्यादा खुदाई से चीनी पर्यावरण को बनाये रखना मुश्किल होगा ।

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