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चीन वृद्धों को सरकारी समर्थन बढ़ाएगा
2012-07-12 16:21:40

वर्तमान चीन में वृद्ध सवाल बहुचर्चित विषय बन गया है, क्योंकि चीन की कुल जनसंख्या में दस करोड़ से अधिक लोग वृद्ध उम्र में होते हैं, यह संख्या सारी दुनिया में मात्र चीन में पायी गयी है, अतः वयोवृद्ध मसला एक चुनौति के रूप में चीन के सामने खड़ा हुआ है। इस साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस में चीन में भी गतिविधि आयोजित हुई, जिसमें चीनी राष्ट्रीय जनसंख्या व परिवार नियोजन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि चीन वृद्धों के गरीब परिवारों को सहायता देने पर जोर देगा।

जनसंख्या में वृद्धों की संख्या लगातार बढ़ने का सवाल चीन के लिए एक चुनौति हो गया। चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के अंत तक चीन की कुल जनसंख्या 1 अरब 34 करोड़ 70 लाख दर्ज हुई है, जिसमें वृद्धों की संख्या 18 करोड़ 50 लाख हो गयी, जो कुल जनसंख्या का 13.7 फीसदी बन गयी है। इसके अलावा अपनी संतान से अलग होकर अकेले रहने वाले वृद्ध-वृद्धाओं का अनुपात भी निरंतर बढ़ता जा रहा है, उन की प्रतिशत 50 तक पहुंची है। विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की गतिविधि में चीनी जनसंख्या व परिवार नियोजन आयोग की उपाध्यक्षा छ्वी ली ने कहा कि भविष्य में चीन वृद्ध लोगों समेत विभिन्न गरीब परिवारों का समर्थन बढ़ाएगा। उनका कहना हैः

सरकार की वर्तमान जन कल्याण नीति के आधार पर चीन में निम्नतम जीवन गारंटी, वृद्ध बीमा, सहकारी चिकित्सा प्रणाली, गरीबी उन्मूलन से जुड़ी जनहित व्यवस्था को बेहतर किया जाएगा, विभिन्न प्रकार के गरीब परिवारों की बुनियादी जरूरतों की गारंटी के लिए भौतिक सहायता, मानसिक सहानुभूति, आपूर्ति तथा गरीबों को मदद देने के अनेक कदम उठाए जाएंगे।

वर्तमान में वृद्धीकरण मामला चीन में व्यापक ध्यानाकर्षक बन गया है। जून के अंत में चीनी राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सभा में वृद्धों के अधिकार व हितों की गारंटी के विधेयक पर समीक्षा की गयी। इस विधेयक में इस का प्रावधान किया गया है कि परिवार सदस्यों को वृद्धों के मनोगत आवश्यकताओं का तवज्जो देने का फर्ज होता है, इकाइयों को अपने यहां कार्यरत वृद्धों की संतान को उन्हें देखने जाने की छुट्टी देनी चाहिए। इस प्रावधान पर देश में व्यापक प्रतिक्रियाएं हुईं, इससे जाहिर है वृद्धों की मानसिक आवश्यकता पर अधिक से अधिक ध्यान दिया गया है।

वर्तमान चीन में ऐसे लोगों की संख्या 20 करोड़ से अधिक है, जो नौकरी के लिए प्रवासी जीवन बिताते हैं। बहुत से युवा लोग अच्छे जीवन की खोज में गांव से शहर चले गए और उन के बूढ़े मां बाप गांव में रहकर खेती करते रहते हैं और पोता पीढ़ी का लालन-पालन करते हैं। चीनी जन विश्वविद्यालय के जनसंख्या व विकास अनुसंधान केन्द्र के प्रोफेसर कु बोछांग ने माना है कि ग्रामीण क्षेत्र में वृद्धों का सवाल गौण नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहाः

जन्म दर नीचे आने के कारण चीन में संतानों की संख्या कम हो गयी, बहुत से बच्चे मां बाप के साथ शहर में जा बसे हैं, उन के दादा पीढ़ी के लोग गांव में रह गए, इस के चलते गांवों में वृद्धीकरण का सवाल गंभीरहीन होना नहीं हो सकता।

पिछली शताब्दी के 70 के दशक से चीन में परिवार नियोजन की नीति शुरू हुई। इस नीति को अब वृद्धों के परवरिश से पैदा चुनौति का समाना करना पड़ा। परिवार नियोजन आयोग के अधिकारियों का कहना है कि जनसंख्या में वृद्धीकरण गंभीर होते रहने की वर्तमान स्थिति में सरकार परिवार नियोजन की नीति का पालन करने वाले परिवारों को पुरस्कार के रूप में सहायता देने में ज्यादा निवेश करेगी। अब देश के विभिन्न स्थानों में वृद्धों का परवरिश करने के तौर तरीकों पर अनेक उपाये अख्तियार किए गए है। पेइचिंग के हाईत्यान डिस्ट्रिक्ट की परिवार नियोजन समिति के अध्यक्ष ल्यू यान ने परिचय देते हुए कहाः

स्थानीय सरकार संतान से अलग कर रहने वाले वृद्धों के परिवार को कल्याण देने की नीति लागू करती है और सरकारी विभागों से पैसा निकाल कर उन्हें सेवा दिलाती है। इस नीति के तहत अकेले रहने वाले वृद्ध-वृद्धों को चिकित्सा बीमा करायी जाती है, पारिवारिक सेवा दिलायी जाती है और छात्रों, सैनिक जवानों एवं सामाजिक स्वयं सेवकों का गठन कर उन की सेवा करवायी जाती है और उन का मनोवैज्ञानिक देखभाल किया जाता है। वर्तमान में पेइचिंग में विभिन्न डिस्ट्रिक्टों में वृद्ध कल्याण सदन बनाए जा रहे हैं जहां वृद्धों को बहुमुखी सेवाएं प्रदान की जाती है।

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