चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने 20 से 26 जून तक ब्राजील की राजधानी रिओ डे जेनेरौ में सतत विकास के बारे में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भाग लेने के बाद ब्राजील, उरूगाय, अर्जेंटीना और चैली की औपचारिक यात्रा की। यह चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ की प्रथम लातिन अमेरिका यात्रा है और वर्ष 2008 में चीन सरकार द्वारा लातिन अमेरिका व कॅरिबीयन के बारे में चीन का नीतिगत दस्तावेज जारी किये जाने और इस के बाद चीनी राष्ट्राध्यक्ष व उप राष्ट्राध्यक्ष की लातिन अमेरिका यात्राओं के बाद वहां चीनी नेताओं की एक नयी ऐतिहासिक यात्रा है। यह यात्रा नई स्थिति में चीन लातिन अमेरिका संबंधों के विकास, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग की मजबूती तथा वित्तीय संकट से मिलकर निपटने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
20 जून से 22 जून तक चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने सतत विकास के बारे में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भाग लिया। उन्हों ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चीन सतत विकास की विचारधारा का दृढ समर्थन करता है और इस रणनीति पर सक्रिय रूप से अमल भी करता है, चीन सतत विकास के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने की भरसक कोशिश करता है। सम्मेलन के दौरान प्रधान मंत्री वन चापाओ ने जो सक्रियता, जिम्मेदारी और रचनात्मकता का रूख दिखाया है, वह बहुत ध्यानाकर्षित हो गया। उन के भाषण में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मानव जाति के सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए चीन का संकल्प व्यक्त हुआ है। उन्होंने ऐलान किया कि चीन संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रोग्राम के ट्रस्ट कोष को 60 लाख अमेरिकी डालर प्रदान करेगा, 20 करोड़ चीनी य्वान की राशि में तीन सालाना अन्तरराष्ट्रीय सहयोग चलाएगा, जिससे छोटे द्वीपों वाले देशों, सब से अविकसित देशों तथा अफ्रीकी देशों को मौसम परिवर्तन से निपटने में मदद दी जाएगी। चीन और सम्मेलन के अन्य देशों के द्वारा पारित उपलब्धि संबंधी दस्तावेज में साझा होने, पर अलग अलग कर्तव्य निभाने वाला सिद्धांत दोहराया गया।
चार लातिन अमेरिकी देशों की यात्रा में चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने इन देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विकास तथा समान दिलचस्पी वाले अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय सवालों पर विचारों का गहन आदान प्रदान किया और चीन सरकार की ओर से चार देशों के साथ संयुक्त वक्तव्य जारी किए। चार देशों में श्री वन चापाओ ने दर्जनों गतिविधियों में हिस्सा लिया और व्यापक तौर पर नेताओं, राजनीतिकों, अर्थ जगत के व्यक्तियों से मुलाकातें कीं। चीन ने चारों देशों के साथ दसियों सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधान मंत्री वन चापाओ की मौजूदा यात्रा भरपूर सफल रही।
श्री वन चापाओ की यात्रा से चीन और चारों लातिन अमेरिकी देशों के संबंधों का स्तर उन्नत हुआ है। चीन ब्राजील व चैली का प्रथम बड़ा व्यापार साझेदार है और उरूगाय व अर्जेंटीना का दूसरा व्यापार साझेदार। वन चापाओ की यात्रा से चारों देशों के साथ चीन के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिला है। ब्राजील में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंध को चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदार के स्तर पर पहुंचाने की घोषणा की है, विदेश मंत्री स्तरीय संपूर्ण रणनीतिक वार्ता की स्थापना करने का फैसला किया और दस सालाना सहयोग योजना पर हस्ताक्षर किए। उरूगाय में दोनों देशों ने राजनीतिक विश्वास बढ़ाने, व्यावहारिक सहयोग चलाने तथा सांस्कृतिक आदान प्रदान व बहुमुखी सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया। अर्जेटीना में रणनीतिक साझेदार संबंध के ढांचे में दोनों देशों की 2013-2017 सरकारी कार्य योजना बनाने का काम शुरू किया गया। चैली में दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदार संबंध का दर्जा पक्का कर दिया।
यात्रा के दौरान दर्जनों सहयोग समझौते व दस्तावेज हस्ताक्षरित हुए और द्विपक्षीय संबंधों को चौतरफा, व्यापक और बहुस्तरीय रूपों में विकसित करने का निश्चय किया गया। चार देशों के साथ चीन वैज्ञानिक तकनीकी सृजन, अंतरिक्ष, ऊर्जा, खनिज, शिक्षा, कृषि व पशुपालन, पर्यटन व्यापार, अक्षय ऊर्जा के विकास तथा बुनियादी विज्ञान आदि क्षेत्रों में सहयोग करेगा।
यात्रा से चीन व लातिन अमेरिका एकीकरण संगठन के बीच सहयोग सुदृढ़ हुआ। प्रधान मंत्री वन चापाओ ने दक्षिणी साझा बाजार के नेताओं के साथ विडियो सम्मेलन में चीन लातिन अमेरिका संबंधों पर चीन का रूख स्पष्ट किया और संबंधों के विकास के बारे में सुझाव पेश किया।
जैसा कि चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ का कहना है कि जटिल अन्तरराष्ट्रीय परिस्थिति में चीन और लातिन अमेरिकी देशों के समान हितों का विस्तार हो रहा है, एक दूसरे से मांग बढ़ रही है, कारोबारी सहयोग मजबूती और जन संपर्क के विकास का बड़ा तकाजा है। गहरा सहयोग, परस्पर मदद, समान विजय के लिए कोशिश दोनों पक्षों की जनता के लिए हितकारी है और विश्व के संतुलित विकास, समृद्धि व स्थिरता के लिए भी लाभदायक है। चीन बड़ी ईमानदारी के साथ चीन लातिन अमेरिका संबंधों को आगे ले जाएगा और द्विपक्षीय सहयोग को एक नए स्तर पर पहुंचा देगा।