स्थानीय समय के अनुसार 20 जून के दोपहर बाद संयुक्त राष्ट्र सतत विकास सभा ब्राजील के रियोजनीरो में उद्घाटित हुआ , चीनी प्रधान मंत्री वन च्चा पाओ ने सभा को संबोधित करते हुए सतत विकास व अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारे में चीन के सैद्धांतिक रुख से अवगत कराया और चीन की भावी सतत विकास रणनीति पर प्रकाश भी डाल दिया ।
विश्वव्यापी सतत विकास प्रक्रिया 20 साल पहले रियोजनीरो में हुई संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण व विकास सभा में शुरु हुई । इस के बाद सतत विकास की धारणा धीरे धीरे लोगों के दिलों में जम गयी है , भूमंडलीय सतत विकास कार्य में सकारात्मक प्रगति भी प्राप्त हुई । 20 साल के बाद आज अंतर्राष्ट्रीय समुदाय फिर रियोजनीरो में एकत्र होकर नये काल में भूमंडलीय सतत विकास पर समान रुप से विचार विमर्श कर रहा है ।
स्थानीय समय के अनुसार 20 जून के दोपहर बाद संयुक्त राष्ट्र सतत विकास सभा ब्राजीन के दूसरे बड़े शहर रियोजनीरो में उद्धाटित हुई, चीनी प्रधान मंत्री वन च्चा पाओ समेत 120 से ज्यादा देशों के नेता सभा में उपस्थित हुए । वन च्चा पाओ ने सभा के दूसरे पूर्णाधिवेशन और इस के बाद हुए उच्च स्तरीय गोलाकार मेज सम्मेलन में अलग अलग तौर पर भाषण दिया । उन का कहना है औद्योगिक क्रांति के बाद मानव जाति ने अभूतपूर्व समृद्धिशाली भौतिक संपत्ति तैयार कर ली है, पर साथ ही वह जनसंख्या वृद्धि , विकास के असंतुलन , संसाधनों की कमी और पर्यावरण की विकृति आदि बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है । 20 साल पहले यहां पर हुई संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण व विकास सभा ने मानव जाति का सतत विकास का नया युग शुरु कर दिया है । पिछले 20 सालों में सतत विकास की धारणा लोगों के दिलों में जम गयी है , सहस्राब्दी विकास लक्ष्य साकार बनाने में भारी प्रगति भी हुई है । इस से हम बेहद प्रोत्साहित हुए हैं ।
वन च्चा पाओ ने पिछले 20 सालों में चीन के सतत विकास रास्ते का सिंहावलोकन करते हुए कहा कि चीन सतत विकास धारणा का दृढ़ समर्थक है । चीन घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय व्यवहारों के आधार पर संसाधन की बचत व अनुकूल पर्यावरण वाले समाज और पारिस्थितिकी संभ्यता का निर्माण करने व नये आकार वाले औद्योगिकरण रास्ता अपनाने पर डटा हुआ है । चीन सतत विकास रणनीति का सक्रिय व्यवहारिक है । हम आर्थिक विकास , सामाजिक प्रगति और पर्यावरण संरक्षण को समन्वित रुप से महत्व देते हैं । चीन सतत विकास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का मजबूत प्रवर्तक है । हम ने दक्षिण दक्षिण सहयोग को सकारात्मक रुप से बढावा दिया है और विश्व के सतत विकास के लिये अपना यथोचित योगदान भी किया है ।
लेकिन चीन का सतत विकास को बढावा देने का कार्य बहुत भारी है । चीन फिर भी एक विकासमान देश है , हालांकि चीन की कुल आर्थिक मात्रा काफी अधिक है , पर प्रति व्यक्ति के हिस्से में राष्ट्रीय आय विश्व के 90वें स्थान पर है , नये गरीबी उम्मेलन मापदंड के अनुसार और दस करोड़ से अधिक चीनी लोग गरीबी रेखा के नीचे भी हैं , संसाधन पर्यावरण का दबाव भी निरंतर बढ गया है , विकास में असंतुलित , असमन्वित और अनिरंतर समस्याएँ फिर भी तीव्र रुप से बनी रही हैं ।
इस के साथ ही विश्वव्यापी सतत विकास की प्रक्रिया भी संतुलित नहीं है , उत्तर व दक्षिण के बीच अंतर लगातार विस्तृत हो रहा है , संसाधन पर्यावरण की समस्या हल नहीं हो पायी है , वित्तीय संकट , जलवायु परिवर्तन , ऊर्जा व खाद्यान सुरक्षा , क्षेत्रीय टक्कर जैसे तत्वों से सतत विकास के लिये नयी गम्भीर चुनौतियां पैदा हो गयी हैं । इन नयी चुनौतियों की चर्चा में वन च्चा पाओ ने कहा आज की दुनिया में नये महा द्वीप व नखलिस्तान की खोज करना नामुमकिन है , संसाधन पर्यावरण का संरक्षण करना और सतत विकास को साकार बनाना हमारा एकमात्र विकल्प ही है । भविष्य की ओर देखा जाये , हम एक ऐसे हरित खुशहाली विश्व पर आशा बांधे हुए हैं , जिस में गरीब व अज्ञान और भेदभाव व उत्पीडन न हो , जबकि आर्थिक विकास , सामाजिक निष्पक्ष और अनुकूल पर्यावरण वाला संतुलित व सामंजस्यपूर्ण दुनिया स्थापित की जायेगी , ताकि समूची मानव जाति व संतानें आधुनिक संभ्यता के परिणामों का पूरा लाभ उठा सकें।
इस के मद्देनजर वन च्चा पाओ ने पृथ्वीव्यापी सतत विकास की प्रक्रिया को गति देने के लिये तीन प्रस्ताव पेश किये । उन्हों ने कहा कि चीन सरकार अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को और सकारात्मक रुप से बढावा देगी और सतत विकास व पृथ्वीव्यापी सुधार में हिस्सा लेगी तथा कदम ब कदम दूसरे विकासमान देशों को सहायता बढा देगी ।
चीन एक बड़ा जिम्मेदाराना व विकासमान देश है , चीन का जितना तेजी से विकास होता है , उस से विश्व को उतना ही बड़ा विकास मौका व योगदान दिया जा सकता है । चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर मौके का फायदा उठाने के साथ साथ चुनौतियों का समान रुप से सामना करने और मानव जाति के सतत विकास कार्य का नया अध्याय जोड़ने को संकल्पबद्ध है ।
विकासमान देशों के सतत विकास को बढावा देने के लिये वन च्चा पाओ ने ये ठोस सहायता कदम घोषित किये कि चीन संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के ट्रस्ट कोष को 60 लाख अमरीकी डालर देगा , विकासमान देशों को पारिस्थितिकी संरक्षण व बंजर भमि के सुधार आदि क्षेत्रों के प्रबंधन व तकनीशियनों को प्रशिक्षण देने में हाथ बटाएगा और 20 करोड़ य्वान जुटाकर तीन वर्षीय अंतर्राष्ट्रीय सहयोग करेगा , ताकि छोटे द्विपीय देशों , अति अविकसित देशों और अफ्रीकी देशों को जलवायु परिवर्तन के मुकाबले में सहायता दी जा सके ।