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प्रधान मंत्री वन च्चा पाओ चीनी सतत विकास रणनीति पर प्रकाश डालेंगे
2012-06-18 17:33:51

चीनी प्रधान मंत्री वन च्चा पाओ 20 से 26 जून तक ब्राजिल के रियोजनीरो में होने वाले संयुक्त राष्ट्र सतत विकास महा सभा में भाग लेंगे और ब्राजिल , उरुगाय , अर्जेटिना और चिली की औपचारिक यात्रा भी करेंगे । चीनी उप विदेश मंत्री श्ये हांग शंग ने 18 जून की सुबह पेइचिंग में कहा कि वन च्चा पाओ मौजूदा यात्रा के दौरान चीन की भावी सतत विकास रणनीति पर प्रकाश डालेंगे , जिस से दक्षिण लातिन अमरीका के साथ चीन के संबंधों को नयी बुलंदी पर पहुंचाने के लिये मददगार सिद्ध होगा । लीजिये सुनिये विस्तार से ।

चीन के उप विदेश मंत्री श्ये हांग शंग ने न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास महा सभा में हिस्सेदारी वन च्चा पाओ की मौजूदा दक्षिण लातिन अमरीका यात्रा का प्राथमिक मुद्दा ही है । वन च्चा पाओ महा सभा में महत्वपूर्ण भाषण देंगे और चीन की सतत विकास रणनीति व प्राप्त उपलब्धियों पर प्रकाश डालेंगे तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढाने के चीन सरकार के सैद्धांतिक रुख से अवगत भी करा देंगे । उन्होंने कहा  चीन को उम्मीद है कि यह महा सभा सहमतियों को जुटाने , अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को ठोस रुप से मूर्त रुप देने की सकारात्मक , स्पष्ट और जबरदस्त सूचना जारी करने में सफल होगी और भूमंडलीय सतत विकास की प्रक्रिया में नयी जीवनी शक्ति का संचार कर देगी , रियो भावना व सिद्धांत , खासकर समानता के साथ साथ भिन्नता वाले जिम्मेदाराना सिद्धांत का अनुसरण करते हुए विभिन्न देशों को राजनीतिक इच्छा मजबूत बनाने , 1992 में पर्यावरण विकास महा सभा और 2002 में हुए सतत विकास से जुड़े शिखर सम्मेलन में संपन्न समझौतों को पूर्ण रुप से अमल में लाने के लिये प्रोत्साहन कर पाएगी , साथ ही आर्थिक विकास , सामाजिक प्रगति व वातावरण संरक्षण का संयुक्त रुप से बंदोबस्त के लिये स्पष्ट ठोस कार्यांवयन योजना बना देने , धन राशि का समर्थन , तकनीकी हस्तांतरण और क्षमता के निर्माण के विकसित देशों के वचनों का पालन करने तथा भूमंडलीय सतत विकास की प्रक्रिया को गति देने के लिये सार्थक कदम उठा देगी ।

श्ये हांग शंग ने परिचय देते हुए कहा कि चीन ने सतत विकास को राष्ट्रीय रणनीतिक रूप दे दिया है और मानवीय , पूर्ण समन्वित व निरंतर वैज्ञानिक विकास दृष्टिकोण सुनिश्चित भी कर दिया है । उन्होंने कहा कि चीन ने गरीबी उन्मूलन , ऊर्जा किफायत व ग्रीन हाऊस के कम उत्सर्जन , जनसंख्या की वृद्धि व वृक्षारोपण आदि क्षेत्रों में विश्वविख्यात उपलब्धियां हासिल कर ली हैं ।

भूमंडलीय सतत विकास की प्रक्रिया 20 साल पहले रियोजनीरो में हुए संयुक्त राष्ट्र वातावरण व विकास सभा में शुरु हुई है । इस के बाद सतत विकास धारणा धीरे धीरे लोगों के दिल में घर कर चुकी है , विश्वव्यापी निरंतर विकास कार्य में सकारात्मक प्रगति भी प्राप्त हो गयी है । लेकिन इस के साथ ही सतत विकास गम्भीर चुनौतियों का सामना कर रहा है , मसलन उत्तर दक्षिण विकास का असंतुलन , गरीब सवाल , जनसंख्या में तेज वृद्धि , ऊर्जा व संसाधनों की हद से ज्यादा खपत , विकासमान देशों के विकास पूंजी व तकनीक की कमी और कमजोर क्षमता आदि आदि । ये सभी चुनौतियां सतत विकास के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बाधित कर रही हैं । ठीक ऐसी पृष्ठभूमि में 20 साल के बाद आज अंतर्राष्ट्रीय समुदाय फिर एक बार रियोजनीरो में एकत्र होकर सतत विकास पर समान रुप से विचार विमर्श कर रहे हैं । श्ये हांग शंग ने कहा मौजूदा महा सभा 1992 में हुई संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण व विकास महा सभा और 2002 में हुए सतत विकास शिखर सम्मेलन के बाद इसी संदर्भ में होने वाला और एक उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ही है । महा सभा में मुख्यतः सतत विकास और गरीबी उन्मूलन की पृष्ठभूमि तले हरित अर्थव्यवस्था व सतत विकास के तांत्रिक ढांचे पर विचार विमर्श किया जायेगा , पिछले 20 सालों में सतत विकास के क्षेत्र में प्रगति व फासले का पूर्ण रुप से आकलन किया जायेगा और सतत विकास में उत्पन्न नये मामलों व नयी चुनौतियों के मुकाबले के लिये राजनीतिक वचन दोहराया जायेगा । यह महा सभा अंतर्राष्ट्रीय सतत विकास की प्रक्रिया पर महत्वपूर्ण व दूरगामी प्रभाव डाल देगी ।

सतत विकास महा सभा में भाग लेने के अलावा प्रधान मंत्री वन च्चा पाओ ब्राजिल , उरुगाय , अर्जेटिना और चिली इन चार देशों की औपचारिक यात्रा भी करेंगे । यात्रा के दौरान वन च्चा पाओ उक्त चार देशों के नेताओं के साथ वार्ता करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों व समान दिलचस्पी वाले अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों को लेकर विचारों का आदान प्रदान भी करेंगे ।

वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति में जटिल परिवर्तन आने की स्थिति में लातिन अमरीका के विकासमान देशों की समग्र ठोस ताकतें व प्रभावशाली शक्तियां लगातार मजबूत होती गयी हैं , चीन व लातिन अमरीका संबंध संपूर्ण तेज विकास का बेहतरीन रुझान बनाये रखे हुए है । 2011 में चीन व लातिन अमरीका की व्यापार रकम दो खरब 41 अरब 50 करोड़ अमरीकी डालर तक पहुंच गयी है , चीन अब अधिकतर लातिन अमरीकी देशों का प्रथम या दूसरा व्यापार साझेदार बन गया है । साथ ही दोनों पक्षों ने पूंजी निवेश , वित्त , कृषि , वैज्ञानिक आविष्कार और बुनियादी संस्थापन निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग निरंतर विस्तृत कर दिया है और लाभ भी निरंतर बढा दिया है ।

श्ये हांग शंग का मानना है कि प्रधान मंत्री वन की मौजूदा यात्रा लातिन अमरीकी क्षेत्र के साथ चीन का एक अहम कूटनीतिक कार्यवाही है , उस का इन देशों समेत विकासमान देशों के साथ एकजुट सहयोग और चीन लातिन अमरीकी संबंधों को नयी बुलंदी पर पहुंचाने के लिये भारी महत्व है । उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री वन च्चा पाओ का उक्त चार देशों की यात्रा का उद्देश्य आपसी राजनीतिक विश्ववास , सार्थक सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलात में सहयोग और आपसी मैत्री को बढावा देना है ।

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