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चीनी नौ सेना की पूर्वी समुद्री बेड़े और भारतीय नौ बेड़े के बीच आवाजाही
2012-06-15 16:40:37
14 जून की रात चीनी नौ सेना की पूर्वी समुद्री बेड़े ने शांगहाई शहर के अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र में चीन की यात्रा पर आई भारतीय नौ सेना की पूर्वी बेड़े के स्वागत में सत्कार समारोह आयोजित किया। चीनी नौ सेना की पूर्वी समुद्री बेड़े के डिप्टी कमांडर, मेजर जनरल कु श्यांगबिंग, भारतीय पूर्वी नौ बेड़े के कमांडर, मेजर जनरल अजीत कुमार, शांगहाई स्थित भारतीय कांसुलट के प्रतिनिधि और दोनों देशों की नौ सेनाओं के दो सौ से अधिक अफसर और जवान समारोह में उपस्थित थे।

चार पोतों से गठित भारतीय नौ बेड़ा शांगहाई की पांच दिवसीय मैत्रीपूर्ण यात्रा के लिए 13 जून को शांगहाई पहुंची। चीनी नौ सेना की पूर्वी समुद्री बेड़े के डिप्टी कमांडर मेजर जनरल कु श्यांगबिंग ने यात्रा पर आए भारतीय सैनिकों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि चीन और भारत के बीच मित्रता का लम्बा इतिहास रहा है, लिखित आलेख के अनुसार दोनों देशों के बीच आवाजारी ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी से ही शुरू हुई। इधर के सालों में चीन और भारत के संबंधों में विकास की अच्छी प्रवृत्ति आयी, दोनों देशों के उच्च स्तरीय नेताओं की एक दूसरे देश की यात्रा जारी रही, आर्थिक व्यापारिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान प्रदान में उल्लेखनीय कामयाबियां हासिल हुईं । मेजर जनरल कु ने सत्कार समारोह में कहाः

13 तारीख को भारतीय नौ बेड़ा सकुशल शांगहाई पहुंची, इसके बाद दोनों देशों के सैनिक अफसरों व सिपाहियों के बीच आदान प्रदान की अनेक गतिविधियां चलीं, विशेष कर मेरे और मेजर जनरल अजीत कुमार के बीच हुई बातचीत और भारतीय पोतों पर हुए गतिविधियों से हमें यह समान समझ प्राप्त हुई है कि चीन और भारत विश्व के दो सब से बड़े विकासशील देश हैं, दोनों के बीच अनेकों अहम मामलों पर व्यापक सहमतियां हैं, दोनों सेनाओं के आदान प्रदान दोनों देशों के संबंधों का एक भाग है, चीनी व भारतीय सेनाओं, खासकर नौ सेनाओं के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध एवं सहयोग से दोनों देशों की जनता को लाभ मिलेगा, और वह क्षेत्रीय व विश्व शांति और विकास के हित में है।

भारतीय नौ सेना की पूर्वी बेड़े के कमांडर मेजर जनरल अजीत कुमार ने चीनी नौ सेना की जोशीली मेहमानरवाजी पर धन्यवाद दिया। जब उन्हें मालूम हुआ कि यह पहली बार है कि चीनी नौ सेना द्वारा शांगहाई अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र में किसी विदेशी नौ सेना के लोगों का स्वागत सत्कार किया गया और इस सम्मेलन केन्द्र में एपेक नेताओं का सत्कार किया गया था, तो कुमार जी ने कहा कि उन्हें बड़ा सौभाग्य महसूस हुआ है। कुमार जी ने यह भी कहा कि भारत चीन मैत्रीपूर्ण सहयोग वर्ष के मौके पर भारतीय नौ बेड़ा चीन आयी है, उन्हें विश्वास है कि इस से दोनों सेनाओं और दोनों देशों के बीच परस्पर समझ व विश्वास और बढ़ेगा।

चीनी जन मुक्ति सेना की नौ टुकड़ी के अफसरों और जवानों के साथ आदान प्रदान से हमने अनेकों अहम अवधारणाओं का साझा किया है, साथ ही हमें पक्का विश्वास है कि आने वाले दिनों में चीन भारत दोनों देशों के बीच समुद्र पर सुरक्षा के संबंध और मजबूत होंगे।

14 जून को चीनी नौ सेना के जवानों ने यात्रा पर आए भारतीय युद्ध पोत शिवालिक और आपूर्ति जहाज शक्ति का दौरा किया और वहां पर भारतीय नौ सैनिकों के साथ गहन रूप से विचारों का आदान प्रदान किया। दोपहरबाद भारतीय नौ सेना के जवानों ने चीनी नौ सेना के मिसाइल रक्षक जहाज आनशान का दौरा किया और चीनी सैनिकों के साथ बातचीत की। दोनों देशों के नौ सैनिकों व अफसरों ने कहा कि इस प्रकार के आदान प्रदान से परस्पर समझ और विश्वास बढ़ जाएगा, उन की अपेक्षा है कि आगे इस प्रकार के आदान प्रदान तथा सहयोग और बढ़ेगा।

आदान प्रदान गतिविधियों के दौरान भारतीय नौ बड़े के कमांडर अजीत कुमार ने सी आर आई संवाददाता से इंटरव्यू में कहाः

भारतीय जनता को चीन के आर्थिक विकास में प्राप्त करिश्मे पर बड़ा आश्चर्य हुआ है। मुझे विश्वास है कि चीनी जनता भी भारत में इन सालों में प्राप्त तरक्कियों पर बड़ा ध्यान देती है। कल मुझ को बताया गया है कि बहुत से चीनी युवा लोग बॉलीवूड फिल्म और योग पसंद करते हैं। मुझे विश्वास है कि भारतीय और चीनी लोगों के बीच भावी संबंध और घनिष्ट हो जाएंगे।

जानकार सूत्रों के अनुसार 17 जून को यात्रा समाप्त होने के बाद चीनी व भारतीय नौ बेड़ों के जहाज दूर संचार तथा जहाजों के बेड़े के रूप में गठन जैसा संयुक्त अभ्यास करेंगे।

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