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चीन ने विश्व व्यापार संगठन में अपनी अर्थ नीति पर प्रकाश डाला
2012-06-13 15:58:46

विश्व व्यापार संगठन ने 12 जून को चौथी बार चीन की व्यापार नीतियों की जांच की। जांच की बैठक में चीनी वाणिज्य मंत्री के सहायक श्री यु च्यानह्वा ने पिछली जांच के बाद चीन की अर्थ व्यापार नीतियों की प्रगति पर प्रकाश डाला, उन्होंने विशेष कर खुलेद्वार के विस्तार तथा विश्व व्यापार संगठन के सदस्य के रूप में अपने वचनों व कर्तव्य का पालन करने में प्राप्त प्रगति से अवगत कराया और कहा कि चीन अन्य सदस्यों के साथ मिलकर बेहतर अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक माहौल बनाने की कोशिश करता रहेगा।

जांच सम्मेलन में विश्व व्यापार संगठन के अन्य 153 सदस्यों ने भाग लिया। चीनी प्रतिनिधि मंडल के नेता, वाणिज्य मंत्री के सहायक श्री यु च्यानह्वा ने सर्वप्रथम भाषण दिया। नियम के मुताबिक जांच सम्मेलन में मुख्यतः सदस्यों की अर्थ व्यापार नीतियों की जांच समीक्षा की जाती है। इसलिए चीनी प्रतिनिधि ने अपने भाषण में पिछली जांच के बाद चीन द्वारा लागू अर्थ नीतियों और अपने वचनों के पालन के बारे में जानकारी दी। श्री यु च्यानह्वा ने कहाः

पिछली जांच के उपरांत, चीन के सामने जटिल आर्थिक व व्यापारिक स्थिति आयी, इस के मुद्देनजर चीन सरकार ने सुधार को गहराई में लाने, द्वार को अधिक खोलने, आंतरिक मांगों का विस्तार करने तथी आर्थिक ढांचे व आर्थिक वृद्धि के तौर तरीकों के बदलाव को तेज करने की नीति अपनायी और देश की अर्थव्यवस्था के स्वस्थ, निरंतर व संतुलित विकास का लक्ष्य प्राप्त किया। चीन के आर्थिक व्यापारिक विकास में अच्छा रूझान बना रहा है, चीन और अन्य देशों व क्षेत्रों के आर्थिक व्यापारिक संबंध और मजबूत हो गए हैं।

श्री यु ने कहा कि वित्तीय संकठ के जारी रहने तथा कुछ देशों द्वारा गैर परंपरागत मौद्रिक नीति अपनायी जाने से चीन पर बहुत से नकारात्मक असर पड़ा, चीनी मुद्रा के मूल्य में निरंतर बढ़ोत्तरी से चीन के निर्यात उन्मुखी उद्योग गंभीर रूप से प्रभावित हुए। तिस पर भी चीन मौद्रिक सुधार नीति पर कायम रहता रहेगा और चीनी मुद्रा रनमिनबी और अमेरिकी डालर की विनिमय दर को अधिक प्लावन दिलाया। चीन ने अपनी श्रेष्ठता के सहारे बेहतर निवेश वातावरण तैयार किया और सेवा उद्योग में अपनी ओर से उदारता दी, जो विश्व व्यापार संगठन को दिए अपने वचन से भी अधिक है।

चीन में बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण पर विदेशी निवेशकों का हमेशा ध्यान बना रहा है। इस क्षेत्र में चीन के किए गए प्रयासों की जानकारी देते हुए श्री यु ने कहाः

पिछली जांच के बाद चीन सरकार ने सरकारी संस्थाओं व कारोबारों से फोफ्ट वेयर सवाल पर कानून बनवाया है और देश भर में बौद्धिक संपदा अधिकार का उल्लंघन करने वाली कार्यवाहियों, नकली उत्पाद बनाने तथा बेचने की हरकतों पर प्रहार किया। चीन सरकार ने इसके लिए एक उच्च स्तरीय कार्य दल भी गठित किया है, ताकि बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण का काम हमेशा चले।

वैश्विक बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था की स्थापना विश्व व्यापार संगठन का लक्ष्य है और इसके लिए चीन सरकार ने भी संजीदा वायदा दिया है। व्यापार संगठन में भाग लेने के बाद पिछले 10 सालों में चीन ने अपने वचन का पालन करते हुए सदस्यों के साथ आर्थिक व्यापारिक संबंधों का विकास किया। इस पर चीनी प्रतिनिधि यु च्यानह्वा ने कहाः

चीन दृढ़ता के साथ बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था का समर्थन करता है और व्यापार संरक्षणवाद का डटकर विरोध करता है। दोहा वार्ता के बारे में चीन वार्ता की बहाली के लिए सभी प्रयासों का समर्थन करता है, साथ ही मानता है कि संगठन के सदस्यों को अपने विकास का फर्ज नहीं छोड़ देना चाहिए और बहुपक्षीय व्यवस्था से नहीं हटना चाहिए।

एक विकासशील देश होने के नाते चीन हमेशा दक्षिण दक्षिण सहयोग पर महत्व देता आया है। वर्ष 2008 के बाद चीन लगातार चार साल तक सबसे अविकसित देशों का सबसे बड़ा निर्यात बाजार बन रहा है। वर्ष 2011 में चीन ने सबसे अविकसित देशों से जो आयात किया है, उसमें 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो इन देशों के कुल निर्यात का चौथाई भाग बना।

श्री यु च्यान ह्वा ने कहा कि भविष्य में चीन खुलेद्वार नीति चलाने में और अधिक पहल करेगा और दृढ़ता के साथ सुधार के काम को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा, चीन और अधिक खुलेपन, सहिष्णुता, सहयोग और जिम्मेदार रूख अपनाएगा, अन्य व्यापार साझेदारों के साथ मिलकर बेहतर अन्तरराष्ट्रीय वातावरण तैयार करेगा, संतुलित और सभी के लिए हितकारी बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था के लिए कोशिश करेगा। चीन की आशा है कि समान प्रयासों से चीन और अन्य देशों के बीच आपसी लाभ वाला आर्थिक व्यापारिक संबंध स्वस्थ व दीर्घकालीन होगा।

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