जबकि कुछ लोग इन परियों की कहानी के प्रति नकारात्मक रूख अपनाते हैं, उन लोगों का मानना है कि माइक्रो परियों की कहानी सिर्फ़ वाणिज्य परिकल्पना है, इस रूख के प्रति थान शू दूंग ने कहा
"कुछ लोगों ने मीडिया पर प्रश्न उठाया है, इसे मैं ने भी देखा है, वासत्व में अगर तुम परियों की कहानी लिखते हो तो अच्छी और बुरी प्रस्तुती साथ-साथ मौजूद होती है, यह सामान्य बात है, कुछ समय मुझे लगता है कि यह एक आदत है, अगर आपको चावल खाने की आदत है, तो संभवतः केक पसंद नहीं आएगा, लेकिन आप केक को जरूर पौष्टिक नहीं कहते हो तो मुझे लगता है कि यह निष्पक्ष नहीं है।"