हाल ही में पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत के ईवू शहर में ऋण विवाद से भारतीय व्यापारियों की गैर कानूनी नजरबंदी पर व्यापक ध्यान केंद्रित हो गया है । भारतीय अखबार द हिन्दू टाइम्स की 22 मई की रिपोर्ट के अनुसार चीन स्थित भारतीय दूतावास ने 21 मई को एक बार फिर सिफारिश चेतावनी आदेश जारी किया , जिस में भारतीय व्यापारियों को याद दिलाया गया है कि चीनी व्यापार शहर ईवू में व्यापार करने में खतरा मौजूद है । रिपोर्ट के अनुसार इस से पहले ईवू शहर में ऋण विवाद से लिपटे दोनों भारतीय व्यापारियों पर नया आरोप लगाया जायेगा ।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुंग लई ने उसी समय हुए संवाददाता सम्मेलन में उक्त रिपोर्ट की चर्चा करते हुए कहा कि इस मामले से संबंधित रिपोर्ट झूठ है । उन्होंने कहा कि चीन एक कानूनी शासित देश है , चीन भारत के साथ अपने मैत्रीपूर्ण संबंध को बड़ा महत्व देता है और भारतीय नागरिकों समेत तमाम विदेशियों के कानूनी अधिकारों व हितों की सदा के लिये रक्षा करता है । उन्होंने यह भी कहा कि चीन को उम्मीद है कि भारत चीन में अपने व्यापारियों को चीन के संबंधित कानूनों व नियमों का पालन करने और विधिवत ईमानदारी से व्यापार करने का उपदेश देगा और उचित रुप से चीन के संबंधित निपटारे को समझ लेगा ।
इसी मामले को लेकर हमारे संवाददाता ने हाल ही में विशेष तौर पर ईवू शहर के विदेश सेवा केंद्र के प्रधान छन लिन रुई के साथ साक्षात्कार किया । उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थानीय न्यायिक संस्था कानूनी रुप से उक्त मामले का निपटारा करने में संलग्न है , अब ईवू शहर में विदेशी व्यापारी सामान्य रुप से व्यापार करने में व्यस्त हैं , स्थानीय विदेश व्यापार वातावरण इस से कोई प्रभावित नहीं हुआ ।
ईवू शहर का विदेश सेवा केंद्र इसी शहर के विदेश व्यापारिक व आर्थिक सहयोग ब्यूरो के अधीन है , वह मुख्य तौर पर विदेशी व्यापारियों को विविध व्पापारिक व आर्थिक सेवाएं उपलब्ध कराता है और विदेश आर्थिक मामलात के निपटारे में समन्वय करता है । इस के प्रधान छन लिन रुई ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि भारतीय व्यापारियों की नजरबंदी बिलकुल एक अलग मामला है ।
भारतीय व्यापारियों का ऋण मामला एक अलग मामला मात्र ही है , इस से ईवू में कोई बड़ा प्रभाव उत्पन्न नहीं हुआ , विदेशी व्यापारियों की नजर में ईवू शहर व्यापार करने का सब से सुरक्षित और अनुकूल स्थल है ।
रिपोर्ट के अनुसार इधर सालों में अधिकाधिक भारतीय व्यापारी ईवू में माल लेकर अपने देश में बेचते हैं । चालू वर्ष की पहली तिमाही में भारत ईरान को पीछे छोड़कर ईवू बाजार का सब से बड़ा निर्यातक देश बन गया है , व्यापार रकम 12 करो़ड़ अमरीकी डालर से अधिक हो गयी है ।
छन लिन रुई ने इस का परिचय देते हुए कहा कि इधर सालों में ईवू शहर विदेशी व्यापारियों के लिये अनुकूल विदेश व्यापार वातावरण व बढ़िया सुविधाएं उपलब्ध कराने में तेजी ला रहा है, ताकि और अधिक विदेशी व्यापारियों को ईवू में आकर्षित किया जा सके , खास कर ईवू अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र के उद्घाटन से विदेशी व्यापारियों को सरल सुविधाएं उपलब्ध हो गयी हैं , जिस से कार्य दक्षता बड़ी हद तक उन्नत हो गयी है । उन का कहना है इस अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सेवा केंद्र में आप्रवासन , उद्योग व वाणिज्य , श्रम , वाणिज्य ब्यूरो , उड्डयन सेवा , कानूनी परामर्श , जीवन व सूचना सेवा समेत सभी संबंधित जरूरी सेवाएं उपलब्ध करायी जाती हैं ।
ईवू के अनुकूल व्यापारिक व नीतिगत वातावरण ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के व्यापारियों को अपनी ओर खींच लिया है । अब स्थायी रुप से ईवू में बसने वाले विदेशी व्यापारियों की संख्या 14 हजार तक पहुंच गयी है । आँस्ट्रेलिया के व्यापारी करोप कई साल पहले ईवू में आये हैं , वे यहां पर एक व्यापार कम्पनी चलाते हैं । उन का मानना है कि वर्तमान में ईवू में विदेश व्यापार वातावरण बहुत सुरक्षित है ।
मुझे यहां पर व्यापार करने में कभी भी कोई दिक्कत नहीं हुई , सभी व्यापारिक गतिविधियां सुचारु रुप से चलती हैं । मेरे ख्याल से अब उत्पादों की क्वालिटी उत्तरोत्तर उन्नत हो गयी है और पैकिंग भी बहुत सुधर गया है , पश्चिमी देशों के काफी ज्यादा व्यापारी व्यापार के लिये ईवू में आते हैं ।
ईवू के कस्टम और वाणिज्य ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2011 में ईवू मालों के निर्यातित कंटेनरों की संख्या पांच लाख 70 हजार हो गयी है और निर्यात रकम तीन अरब 60 करोड़ अमरीकी डालर तक पहुंच गयी है । ईवू शहर के विदेश सेवा केंद्र के प्रधान छन लिन रुई ने कहा कि इतनी बड़ी व्यापार मात्रा में कुछ आर्थिक विवाद उत्पन्न होने से बचना मुश्किल है । उन्होंने संकेत देते हुए कहा कि सामने आने वाले देशी विदेशी आर्थिक विवादों को ध्यान में रखकर ईवू शहर विदेशी आर्थिक विवादों का फौरी निपटारा कार्य तंत्र स्थापित करने को तैयार है ।
अब ईवू शहर गम्भीर विदेशी आर्थिक विवादों का फौरी निपटारा तंत्र स्थापित करने में लगा हुआ है , बाद में इस तंत्र को व्यवस्थीकरण व सामान्यकरण का रुप दिया जायेगा ।