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हाउला खून-खराबी के बहाने अन्नान शांति योजना को भंग करने से सतर्क
2012-05-30 16:35:13

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है, श्रोताओ, 25 मई को सीरिया के होम्स प्रांत के हाउला कस्बे में भयंकर खून-खराबी हुई, इस नरसंहार में 108 लोग मारे गए जिसमें 49 बच्चे और 34 महिलाएं शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र मॉनिटरिंग मिशन ने घटना स्थल पर तोप और टैंक के पदचिंह का पता चला, लेकिन शवों की जांच से व्यक्त हुआ है कि अनेक लोग नजदीकी से गोली चलाकर मार डाले गए थे और कुछों को मारने से पहले बुरी तरह यातनाएं भी दी गयी थीं। दुनिया को अचंभे में डालने वाली इस हिंसा घटना के हत्यारे कौन है?अभी इस की जांच की जा रही है। लेकिन सीरिया के सरकार विरोधी पक्ष और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने एक स्वर में सीरियाई सरकारी सेना को हत्यारा करार कर दिया और सीरियाई बशर सत्ता को मुरदाबाद करने का शोर मचाया। 29 मई को अमेरिका, ओस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटाली, स्पेन और कनाडा ने सीरियाई राजनयिकों को भगा देने की घोषणा की । फ्रांसीसी राष्ट्रपति हॉलांडे ने यहां तक कहा कि यदि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद राजी हो, तो सीरिया के खिलाफ बल प्रयोग भी होगा। सुनिए इस के बारे में एक रिपोर्ट

फिलहाल, संयुक्त राष्ट्र म़ॉनिटरिंग मिशन के प्रमुख पर्यवेक्षक, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान कि मून तथा विशेष दूत कॉफि अन्नान ने इस खून-खराबी की कड़ी निन्दा की और हत्यारे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा, इस के साथ ही उन्होंने सीरिया के विभिन्न पक्षों से हिंसा रोकने की अपील भी की। तीनों नेताओं ने अभी किसी हत्यारे की पुष्टि नहीं कर पायी।

सीरिया सरकार ने भी इस आतंक घटना की जबरदस्त भर्त्सना की और घटना की जांच करने का ऐलान किया। उसने बताया कि यह घटना विशेष दूत अन्नान के 28 मई को पुनः सीरिया की यात्रा पर आने के खिलाफ रची गयी है जिस की कुचेष्टा अन्नान की शांति योजना को विफल कर देना है।

सीरिया के विरोधी संगठनों की राष्ट्रीय कमेटी ने दावा किया कि यह नहसंहार सरकारी सेना द्वारा तैयार किया गया है। सीरियाई स्वतंत्र सेना ने कहा कि यदि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पायी, तो वह अन्नान के छह सूत्रीय सुझावों का पालन नहीं करेगी। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिन्टन ने ऐलान किया कि अमेरिका अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर बशर और उस के दल पर दबाव डालेगा, ब्रिटेन और फ्रांस ने पहले की ही तरह अमेरिका के स्वर में स्वर मिलाया। उधर रूस ने पश्चिमी देशों के निष्कर्ष पर प्रश्नचिंह लगाया।

बड़े पश्चिम देश हालांकि मुंह पर अन्नान के शांति प्रयासों का समर्थन करते हैं, किन्तु असल में वे समझते हैं कि अन्नान के मध्यस्थता प्रयास से बशर सत्ता की आयु बढ़ायी जाएगी। इसलिए वे अभी भी बशर सत्ता को पलट देने की अपनी नीति पर कायम रहे हैं, सीरिया के सरकार विरोधी दलों को सहायता जारी रखते हैं और सीरिया में युद्ध की कहर बढ़ाने में जुटे हैं ताकि वहां लीबिया फार्मुले की पुनरावृत्ति हो जाए। सीरिया के कुछ विरोधी दल पश्चिम के शह में अन्नान की योजना को विफल करने की कोशिश भी कर रहे हैं और बशर को गद्दी से उतार देने के लिए बल का प्रयोग कर रहे है। हाल की एक अवधि में सीरिया की राजधानी और अन्य कुछ शहरों में एक के बाद एक आतंकी घटनाएं हुईं, अब हाउला में भी यह भयानह खून-खराबी हुई, तो लोगों को यह जरूर आशंका हुई है कि अखिरकार इस तरह की खूनी घटनाएं किस प्रकार के लोग के हित में है।

बारीकी विश्लेषण से पता चलेगा कि संयुक्त राष्ट्र विशेष दूत अन्नान की सीरिया यात्रा की पूर्ववेला में सीरिया सरकार के लिए ऐसी खूनी घटना रचने का कोई भी सबब और लाभ नहीं है। लेकिन इस प्रकार की हिंसा घटना बड़े पश्चिमी देशों द्वारा अपना नव हस्तक्षेपवाद चलाने के लिए हितकारी है, यानिकि यदि किसी जगह गंभीर मानवीय विपत्ति हुई, तो पश्चिमी देश तथाकथित मानवीय हस्तक्षेप के कानूनी बहाने पर वहां के मामलों में दखल कर सकते हैं और अपना नव हस्तक्षेपवाद चलाने का मौका मिल जा सकता है। लीबिया फार्मुले की असलियत सरकार विरोधी पक्ष को हथियारबंद कर देने और गृहयुद्ध का विस्तार करने में है। मानवीय आफत रचने से पश्चिम को कानूनी बहाना मिल सकेगा। लीबिया के बाद अमेरिका जैसे पश्चिमी देश ने बशर सत्ता को राक्षस के रूप में पेश करने में कोई कसूर नहीं छोड़ा है और बशर को विश्व में अलगाव में डाल देते हुए उसे पलटने की हरचंद कोशिश की है। हाल ही में ओबामा ने यह तरीका भी प्रस्तुत किया कि बशर को यमन फार्मुले से हटाया जाए। पश्चिमी देशों का ध्यान अपनी रणनीतिक लक्ष्य पर है, न कि आम लोगों के जीवन मरण पर। बीते समय में हुए अनेकों तथ्यों से उन का असली चेहरा जाहिर हुआ है।

अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को इस बात से सतर्क रहना चाहिए कि अमेरिका की रहनुमाई में पश्चिमी देश इस प्रकार की हिंसक घटना का बेजाफायदा उठाकर सीरिया के खिलाफ नया कदम उठाएं और अन्नान की शांति योजना को विफल बनाएं। क्षेत्रीय व विश्व शांति व स्थिरता के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह काम फौरी जरूरी है कि तुरंत सीरिया के विभिन्न पक्षों से हिंसा रोकने की अपील करें और विदेशी शक्तियों से सीरियाई विरोधी दलों को शस्त्र व सैनिक ट्रेनिंग देना बन्द करने का आग्रह करें, अन्नान के मध्यस्थता कामों का पूरा समर्थन करें, ताकि सीरिया में स्थिति और बिगड़ने से बचे।

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