चीनी शिक्षा सोसाइटी द्वारा प्रवर्तित चीन में पारिवारिक शिक्षा प्रसार व प्रोत्साहन योजना हाल ही में पूर्वी चीन के शानतुंग प्रांत के वीफांग शहर में शुरू हुई, योजना के अंतर्गत चीनी विशेषज्ञ दल ने गांवों में पारिवारिक शिक्षा प्रसारित करने का कार्यक्रम किया, 28 मई तक विभिन्न गांवों में कुल 120 सभाएं आयोजित की गयीं और काफी अच्छी उपलब्धियां हासिल हुईं।
चीन में पारिवारिक शिक्षा प्रसार व प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य वैज्ञानिक ढंग से पारिवारिक शिक्षा की विचारधारा प्रसारित करना, पारिवारिक शिक्षा के बारे में सफल अनुभवों को लोकप्रिय करना, अभिभावकों की शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाना तथा बच्चों के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देना है। यह एक दीर्घकालीन प्रोग्राम है। फिलहाल वीफांग में चल रही गांवों में पारिवारिक शिक्षा का प्रसार करने वाली कार्यवाही के तहत देश के शिक्षा सोसाइटी, पेइचिंग नार्मल विश्वविद्यालय, चीनी समाज विज्ञान अकादमी के मनोवैज्ञानिक शिक्षा संस्थान आदि से आए दस से ज्यादा विशेषज्ञों ने वीफांग के विभिन्न जिलों में जाकर पारिवारिक शिक्षा के बारे में ज्ञान प्रचारित किया है।
चीनी शिक्षा सोसाइटी के महा सचिव यांग न्येन लु ने कहा कि पारिवारिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा और सामाजिक शिक्षा शिक्षा के तीन मुख्य भाग हैं, तीनों समान महत्वपूर्ण हैं। समाज में तेज विकास होने की अवधि में पारिवारिक शिक्षा विशेष तौर पर अहम सिद्ध हुई है। बड़ी संख्या में देहाती दंपतियों के शहर में नौकरी करने जाने की स्थिति में गांव में छोड़े रखे गए उन के बच्चों को पारिवारिक शिक्षा देना निहायत जरूरी है। उन्होंने कहाः
चीन के गांवों में विभिन्न कारणों से पारिवारिक शिक्षा शहरी परिवारों की तुलना में कमजोर है और बच्चों के अभिभावकों में पारिवारिक शिक्षा के प्रति कम जानकारी भी है। इसके मुद्देनजर मौजूदा पारिवारिक शिक्षा प्रसार योजना में गांवों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। इस से ग्रामीण अभिभावकों में पारिवारिक शिक्षा की चेतना उन्नत करने के लिए मदद मिलेगी। वर्तमान चीन में बहुतसे ग्रामीण दंपति शहर में नौकरी करने चले गए, उन के बच्चों की देखभाल करने का काम बच्चों के दादा दादी पर पड़ा, यह हालत बच्चों के स्वस्थ विकास केलिए हितकारी नहीं है। क्योंकि मां बाप बच्चे के लिए प्रथम शिक्षक हैं, बच्चों को शिक्षा देने में उन की जगह दूसरे लोग नहीं ले सकते। इसलिए हम ने गांवों में पारिवारिक शिक्षा प्रोत्साहित करने का प्रोग्राम शुरू किया, जिसके माध्यम गांवों में रहने वाले बच्चों के मां बात और अन्य अभिभावकों को घर में शिक्षा देने के तौर तरीके सिखाए जाते हैं। यह उन बच्चों जिन के मां बाप शहर में काम करते हों, के लिए लाभदायक साबित होगा।
चीनी राष्ट्रीय बुनियादी शिक्षा प्रयोग केन्द्र के कम्य़ुनिटी व पारिवारिक शिक्षा अनुसंधान संस्थान की उप प्रभारी चिन येन ने पिछले 6 सालों में वीफांग में गांवों में पारिवारिक शिक्षा प्रसारित करने का काम किया। उन के विचार में इंटरनेट युग में हालांकि बच्चों को शिक्षा मिलने के माध्यम शहर व गांव के बीच ज्यादा फर्क नहीं है, फिर भी जब कभी समस्या पैदा हुई, तो गांव में रहने वाले अभिभावक अपने को अधिक असमर्थ महसूस करते हैं। शिक्षा कार्यकर्ताओं को उन्हें अधिक मदद देना चाहिए। सुश्री चिन येन ने कहाः
2009 में मैं ने ची शान कस्बे में मातृ दिवस के दिन एक विशेष सभा ओयोजित की, जिस में 5000 से अधिक लोग उपस्थित हुए। क्योंकि इस कस्बे में बहुतसे बच्चों की मां शहर में नौकरी चली गयी और उन के बच्चे गांव में दादा दादी या नाना नानी के साथ रह रहें। स्थानीय स्कूल की मदद से बहुतसी बच्चों की माताएं वापस आयीं और सभा के बाद दसियों मां ने कहा कि वे बच्चों की देखभाल करने के लिए फिर शहर नहीं जाएंगी और कस्बे की सरकार ने भी उन के लिए कस्बे में नौकरी करने के मौके दिलाए।
वीफांग शहर के शिक्षा ब्यूरो ने 2007 से शिक्षाविदों व मनोविज्ञान विशेषज्ञों को गांवों में पारिवारिक शिक्षा प्रसारित करने के लिए आमंत्रित करना शुरू किया, अब तक कुल 2500 से अधिक लेक्चर सभाएं बुलाईं जिससे 80 लाख से अभिभावकों को लाभ मिला। मौजूदा कार्यवाही में 120 बैठकें और 10 बाल कला अभियन कार्यक्रम आयोजित हुए, इन कार्यक्रमों में पिता की जिम्मेदारी पर भी बल दिया गया।
चीनी शिक्षा सोसाइटी की पारिवारिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष चाओ चुंगशिन ने कहा कि वीफांग में चल रही गांवों में पारिवारिक शिक्षा प्रसार योजना सारे देश के लिए एक आदर्श मिसाल है और इस तरीके का देश भर में प्रसार करने की कोशिश करनी चाहिए। उन का कहना हैः
मौजूदा वीफांग पारिवारिक शिक्षा प्रसार योजना देश भर में पारिवारिक शिक्षा केलिए एक अच्छी शुरूआत है। पारिवारिक शिक्षा शहरों में अच्छी तरह चल रही है, लेकिन गांव में नहीं, इसलिए गांवों को अनुकूल निर्देशन देना चाहिए। हमें वीफांग के फार्मुले को देश के विभिन्न स्थानों में प्रचारित करना चाहिए।