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शांगहाई सहयोग संगठन के पेइचिंग शिखर सम्मेलन में प्रत्य़ाशित सुफल
2012-05-23 17:09:30

आगामी 6 से 7 जून तक शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों की राज्याध्यक्ष परिषद का 12वां सम्मेलन पेइचिंग में आयोजित होगा । चीनी उप विदेश मंत्री छंग क्वो फिंग ने 23 मई को पेइचिंग में संकेत दिया है कि मौजूदा शिखर सम्मेलन में शानदार प्रत्याशित सुफल होंगे , खासकर शांगहाई सहयोग संगठन की स्थापना के पिछले 11 सालों में प्रथम बार भावी विकास दिशा के बारे में संपूर्ण रणनीतिक योजना बनायी जायेगी । लोकमत इसी बात पर नजर रखे हुए है कि अफगानिस्तान व तुर्की संभवतः मौजूदा शिखर सम्मेलन में शांगहाई सहयोग सगठन का नया पर्यवेक्षक और वार्ता भागीदार बनेंगे । चीन ने इस की चर्चा में कहा कि उक्त दोनों देशों को उचित कानूनी स्थान देने से समान रुप से राष्ट्रीय विभाजिक शक्ति , धार्मिक उग्रवादी शक्ति और आतंकवादी शक्ति पर रोक लगाने और क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बनाये रखने के लिये लाभदायक है , सलाह मशविरे के आधार पर संबंधित फैसला किया जायेगा ।   

पिछले दस सालों में शांगहाई सहयोग संगठन ने संयुक्त रुप से उक्त तीनों शक्तियों पर रोक लगाने से क्रमशः संपूर्ण बहुक्षेत्रीय व बहुपक्षीय सहयोग करने में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कर ली हैं । आज यह संगठन क्षेत्रीय स्थिरता को बनाये रखने और सदस्य देशों के विकास को बढावा देने वाली प्रमुख शक्ति बन गया है । जबकि गहरे जटिल व परिवर्तनशील अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय परिस्थितियों व विविधतापूर्ण नये अनिश्चित तत्वों के सामने इस क्षेत्रीय संगठन का क्या नया विकास होगा , यह विषय अब बहुत चर्चित है । चीनी उप विदेश मंत्री छंग क्वो फिंग ने 23 मई को पेइचिंग में हुई न्यूज ब्रीफिंग में कहा चालू वर्ष शांगहाई सहयोग संगठन के दूसरे दशक की शुरुआत है । इस संगठन के सदस्य देशों का समान विचार है कि मौजूदा पेइचिंग शिखर सम्मेलन का फायदा उठाकर शांगहाई सहयोग संगठन के भावी विकास लक्ष्य को निश्चित किया जायेगा , नये दशक के सहयोग आयामों का विन्यास किया जायेगा , राजनीतिक , सुरक्षित , मानवीय और कुटनीतिक सहयोग की निहित शक्तियों को प्रदर्शित किया जायेगा , क्षेत्रीय स्थिरता की रक्षा कर समान विकास को बढावा दिया जायेगा और सदस्य देशों की जनता की मांगों को पूरा किया जायेगा ।

रिपोर्ट के अनुसार 6 से 7 जून तक चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ पेइचिंग में शांगहाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे , यह शिखर सम्मेलन तीसरी बार चीन में आयोजित हो रहा है । रुसी राष्ट्रपति पुतिन समेत विभिन्न सदस्य देशों के राज्याध्यक्ष निमंत्रण पर शिखर सम्मेलन में उपस्थित होंगे । इस के अलावा ईरान के राष्ट्रपति अहमदीनेजाद और अफगान राष्ट्रपति करजाई पर्यवेक्षक देशों के प्रतिनिधि और सदस्य देशों के अतिथि की हैसियत से शिखर सम्मेलन में मौजूद होंगे ।

छंग क्वो फिंग ने कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान विभिन्न देशों के राज्याध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय परिस्थितियों , सदस्य देशों के मैत्रीपूर्ण सहयोग के कदमों और शांगहाई सहयोग संगठन के भावी विकास पर रायों का आदान प्रदान करेंगे और रणनीतिक योजना निर्धारित कर देंगे । छंग क्वो फिंग ने संकेत दिया है कि मौजूदा शिखर सम्मेलन के प्रत्याशित सुफलों का परिचय देते हुए कहा मौजूदा शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के राज्य़ाध्यक्ष शांगहाई सहयोग संगठन की मध्यम अवधि की विकास योजना की पुष्टि करेंगे , आपसी विश्वास की मजबूती , सुरक्षा की हिफाजत , विकास के बढावे , जनजीवन के सुधार और आदान प्रदान को आगामी प्राथमिक सहयोग की दिशा के रुप में निश्चित करेंगे और उन्हें मूर्त रुप देने के लिये ठोस कदम बना देंगे ।

सुरक्षा क्षेत्र में सदस्य देशों के राज्याध्यक्ष 2009 में संपन्न अपने क्षेत्रीय शांति , सुरक्षा और स्थिरता के लिये खतरनाक घटनाओं के मुकाबले के राजनयिक कदमों व तंत्र नियम में संशोधन की पुष्टि करेंगे । नियम के संशोधन के बाद संयुक्त पूर्वचेतावनी, संकट के निपटारे और प्रवासियों की रक्षा व वापसी आदि कदमों को शांगहाई सहयोग संगठन के सहयोगी कानूनी दायरे में शामिल किया जायेगा । जिस से संकट की स्थिति में विभिन्न सदस्य देशों की आपसी समझ और संयुक्त मुकाबले की क्षमता उन्नत होगी , ताकि मध्य एशियाई क्षेत्रीय सुरक्षा को अच्छी तरह बनाये रखा जाये ।

आर्थिक क्षेत्र में शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देश विशेष खाता व विकास बैंक स्थापित करने में तेजी लायेंगे , ताकि संगठन के ढांचे तले बड़े आकार वाली परियोजनाओं व सदस्य देशों की प्रमुख परियोजनाओं को पूंजी जुटाने का सरल व कारगर चैनल उपलब्ध कराया जा सके ।

लोगमत की निगाहें इसी बात पर टिकी हुई हैं कि अफगानिस्तान व तुर्की मौजूदा शिखर सम्मेलन में शांगहाई सहयोग संगठन का नया पर्यवेक्षक व वार्ताभागीदार बन सकते हैं । चीन ने इस की चर्चा में कहा कि उक्त दोनों देशों को उचित कानूनी स्थान देने से समान रुप से राष्ट्रीय विभाजिक शक्ति , धार्मिक उग्रवादी शक्ति और आतंकवादी शक्ति पर रोक लगाने और क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बनाये रखने के लिये लाभदायक है , सलाह मशविरे के आधार पर संबंधित फैसला किया जायेगा ।

अफगानिस्तान व तु्र्की दोनों देशों को उचित कानूनी स्थान देने और उन के साथ सहयोग करने से समान रुप से तीनों प्रकार वाली शक्तियों , नशीली पदार्थों की तस्करी और सीमापार संगठित अपराधों पर रोक लगाने के लिये मददगार सिद्ध होगा , दोनों पक्षों के दिलचस्पी वाले क्षेत्रीय सहयोग व शांगहाई सहयोग संगठन के क्षेत्रीय सुरक्षा व स्थिरता और समान विकास के लक्ष्य को बढावा मिलेगा । 2009 के बाद शांगहाई सहयोग संगठन फिर एक बार नये वार्ता भागीदारों को स्वीकृत करेगा , इस से शांगहाई सहयोग संगठन का खुलेपन पूर्ण रुप से अभिव्यक्त हो गया है ।

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