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चीन, जापान और दक्षिण कोरिया का शिखर सम्मेलन पेइचिंग में हुआ
2012-05-14 15:54:04

चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं का पांचवां सम्मेलन 13 मई को पेइचिंग में हुआ। सम्मेलन में तीनों देशों के बीच निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और इस साल के भीतर तीनों देशों के मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना के बारे में वार्ता शुरू करने का फैसला लिया गया। चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में चीन, जापान और दक्षिण कोरिया को आपस में राजनीतिक व रणनीतिक विश्वास बढ़ाना चाहिए, उचित तौर पर सहयोग को प्रभाव डालने वाले प्रतिकूल मसलों से निपटना चाहिए और समान हितों की रक्षा करते हुए सहयोग के नए आयाम का विकास करना चाहिए।

पिछली शताब्दी के नब्बे वाले दशक के अंत में चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं ने तीनों देशों के बीच सहयोग की प्रक्रिया आरंभ की और 2008 में तीनों देशों के नेताओं ने पहली बार आसियान, चीन, जापान व दक्षिण कोरिया के ढांचे से अलग सम्मेलन आयोजित किया और भविष्यउन्मुख, बहुमुखी सहयोग के साझेदार संबंध कायम करने का निश्चय किया।

13 मई को पेइचिंग में आयोजित तीनों देशों के नेताओं के पांचवें सम्मेलन में चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली म्युंग बाक तथा जापानी प्रधान मंत्री नॉडा उपस्थित हुए और तीनों देशों के बीच सहयोग इतिहास का सिंहावलोकन किया गया तथा भावी सहयोग की दिशा निश्चित की गयी। भावी सहयोग का ध्यानाकर्षक मुद्दा है कि तीनों देश मुक्त व्यापार क्षेत्र के बारे में औपचारिक वार्ता शुरू करने पर सहमत हुए हैं तथा पूंजी निवेश को बढ़ावा, सुविधा व रक्षा देने के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। सम्मेलन के बाद संवाददाता सम्मेलन में चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने सम्मेलन में प्राप्त उपलब्धियों का उच्च मूल्यांकन किया। उन्होंने कहाः

तीनों देश इस साल के भीतर मुक्त व्यापार क्षेत्र के बारे में वार्ता आरंभ करने पर राजी हुए हैं, यह एक अहम रणनीतिक निर्णय है। हम तीनों देशों के बीच जल्द ही मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना के लिए समान प्रयास करेंगे । निवेश के बारे में संपन्न किया गया समझौता भी एक अहम कानूनी दस्तावेज है। हम इस समझौते पर संजीदगी से अमल करने के प्रतिबद्ध हैं और तीनों देशों में निवेश बढ़ाने के लिए स्थिर, न्यायोचित व पारदर्शी वातावरण तैयार करेंगे और तीनों के बीच आर्थिल एकीकरण गहरा करेंगे।

चीन, जापान और दक्षिण कोरिया उत्तर पूर्वी एशिया में स्थित हैं, जिन का कुल आर्थिक उत्पादन मूल्य विश्व का पांचवां भाग बनता है और यह क्षेत्र विश्व की तीन प्रमुख अर्थव्यवस्था में से एक है। लेकिन इस क्षेत्र में आर्थिक एकीकरण की गति अपेक्षाकृत धीमी है। मौजूदा सम्मेलन में जो दो उपलब्धियां हासिल हुई हैं, जिस से तीनों देशों के बीच आर्थिक एकीकरण तथा आपसी मुनाफे को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली म्युंग बाक और जापानी प्रधान मंत्री नॉडा ने भी मुक्त व्यापार क्षेत्र पर वार्ता और निवेश समझौते का उच्च मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि तीनों देशों के सहयोग से तीनों देशों को ठोस लाभ मिलेगा और क्षेत्रीय स्थिरता व विकास के लिए हितकारी होगा। जापानी प्रधान मंत्री नॉडा ने संवाददाताओं से कहाः

तीनों देशों के बीच हस्ताक्षरित निवेश समझौता इस क्षेत्र के व्यवस्था निर्माण के लिए एक भारी उपलब्धि है, इससे हमें बड़ी खुशी हुई है। हम इस का लाभ उठाकर आर्थिक सहयोग का स्तर ऊंचा बढ़ाएंगे। मौजूदा शिख सम्मेलन में तीनों देशों के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना के बारे में वार्ता शुरू करने पर प्राप्त सहमति एक अत्यन्त अहम उपलब्धि है।

चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना पर हमेशा ध्यान दिया जाता है, अध्ययन से जाहिर है कि तीनों देशों में मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना से व्यापार के लिए बाधाएं मिट सकेंगी, बाजारों का विस्तार होगा और तीनों को साझा मुनाफा मिलेगा। विश्व के बड़े व्यापार देश होने के नाते, तीनों देशों के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना से क्षेत्रीय आर्थिक जीवन शक्ति और बढ़ेगी और उत्तर पूर्वी एशिया के आर्थिक एकीकरण को बड़ी प्रेरणा मिलेगी।

चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने इस पर अपना विश्वास जताते हुए कहाः

तीनों देशों को चाहिए कि जल्दी ही अपना अपना तैयारी का काम शुरू करें और यथाशीघ्र ही वार्ता आरंभ करें। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया की अपनी अपनी आर्थिक श्रेष्ठता होती है, वे एक दूसरे के पूरक है, प्रतिद्वंद्वता गौण है। हम खुले, युक्तिसंगत व पारदर्शी सिद्धांत पर कायम रहते हुए एक दूसरे की कठिनाइयों व चिंताओं को भी तरजीह देंगे और ज्यादा से ज्यादा साझा लाभ मिलने की कोशिश करेंगे। चीन जापान व दक्षिण कोरिया के साथ इसके लिए समान प्रयास करेगा और इस की सफलता पर पक्का विश्वास भी बंधेगा।

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