नाटो का कहना है कि अफगान सुरक्षा बलों द्वारा वर्ष 2014 के अंत तक राष्ट्रीय सुरक्षा व रक्षा कार्यों की ज़िम्मेदारी पूरी तरह अपने हाथ में लेने के बाद ही नाटो और उसके सदस्य देश अफगानिस्तान से हटेंगे।
नाटो के एक प्रतिनिधि के प्रवक्ता डोमिनिक मेडले ने काबुल में आयोजित नियमित पत्रकार सम्मेलन में कहा कि 2014 के अंत तक सुरक्षा व रक्षा जिम्मेदारियों के हस्तानांतरण के लिए नाटो अफगानिस्तान को समर्थन देता रहेगा, साथ ही सुरक्षा बलों की प्रशिक्षण भी देगा।
वहीं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल के प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान के सहयोगी देश वर्ष 2014 के बाद भी अफ़गानिस्तान नहीं छोड़ेंगे।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 1 मई की रात अचानक अफगानिस्तान की यात्रा की और राष्ट्रपति हामिद करज़ई के साथ अमेरिका-अफगान सामरिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे 2014 के बाद भी अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान में तैनाती के लिए रास्ता साफ हो गया।
योजना के मुताबिक अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों का हस्तांतरण पिछले साल जुलाई से शुरू हुआ। अफगान सुरक्षा बल धीरे-धीरे नाटो के अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बलों के हाथ से सुरक्षा ज़िम्मेदारी अपने हाथ में ले रहे हैं। यह काम साल 2014 के अंत तक पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
(नीलम)