चीन और अमेरिका के बीच चौथे दौर की रणनीतिक व आर्थिक वार्ता 3 मई को पेइचिंग में शुरू हुई. दो दिन की वार्ता के दौरान चीनी व अमेरिकी राज्याध्यक्षों के विशेष प्रतिनिधि अपने अपने देश के अनेक अधिकारियों को लेकर विभिन्न विषयों पर गहन विचार विमर्श कर रहे हैं। चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने उद्घाटन रस्म में भाषण देते हुए चीन और अमेरिका से एक दूसरे की रणनीतिक इरादे को गहन समझने, परस्पर आदर करने तथा सहयोग से साझी विजय पाने के नई किस्म के बड़े देशों के संबंध बनाने की अपील की।
विश्व वित्तीय संकट उत्पन्न होने के बाद 2009 में चीनी व अमेरिकी शीर्ष नेताओं ने लंदन में जी बीस के सम्मेलन के दौरान चीन व अमेरिका के बीच रणनीतिक व आर्थिक वार्ता करने का फैसला किया, जिसमें दोनों देशों के रणनीतिक व दीर्घकालीन विकास पर सलाह मसविरा होगा, ताकि दोनों देशों के बीच अन्तरविरोधों को सुलझाया जा सके और सहयोग बढ़ सके। अब तक इस के तीन दौर हो चुके हैं। तीन मई को शुरू चौथे दौर की वार्ता में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने अपने भाषण में पिछले तीन सालों में प्राप्त उपलब्धियों का उच्च मूल्यांकन किया। उन का कहना हैः
पिछले तीन सालों में चीन अमेरिका रणनीतिक व आर्थिक वार्ता के जरिए दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय रणनीतिक संपर्क बढ़ गया है और एक दूसरे की रणनीति व अन्य नीतियों के बारे में अधिक समझ प्राप्त हुई है, चीन अमेरिका संबंध के विकास की दिशा पर सहमति कायम हुई एवं आपसी लाभ वाला सहयोग गहरा हो गया है। दोनों देशों की जनता में आपसी समझ व दोस्ती बढ़ गयी तथा विभिन्न स्तरों व क्षेत्रों में आदान प्रदान समृद्ध हुए है।
पिछले तीन सालों में चीन अमेरिका संबंध का तेज विकास हुआ। इस बीच दोनों देशों के शीर्षनेताओं के बीच 11 भेंट वार्ताएं हुईं, संयुक्त वक्तव्य प्रकाशित हुए। जनवरी 2011 में दोनों देशों के नेताओं के बीच परस्पर आदर व आपसी लाभ वाले सहयोग साझेदार संबंध की स्थापना पर सहमति हुई, जिससे नए काल में चीन अमेरिका संबंध के विकास के लिए दिशा दिखायी गयी है।
3 मई की वार्ता में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने बलपूर्वक कहा कि सारे विश्व के तमाम देशों की जनता आशा करती है कि 21वीं शताब्दी मानव जाति के इतिहास में प्रथम शांतिपूर्ण व समान समृद्धि वाली सदी बनेगी। लोगों की उम्मीद है कि चीन अमेरिका सहयोग दोनों देशों व सारी दुनिया को बड़ा अच्छा मौका लाएगा। चीन और अमेरिका के बीच टक्कर से केवल भारी नुकसान लगेगा। अन्तरराष्ट्रीय परिस्थिति में क्या परिवर्तन क्यों न आए, चीन और अमेरिका के भीतर स्थिति का कैसा भी विकास हो, दोनों को चाहिए कि सहयोग व साझेदारी के संबंध को आगे बढ़ाने पर कायम रहें और दोनों देशों व विभिन्न देशों के लोगों के लिए निश्चिंत रहने के काबिला नई किस्म के बड़े देशों के संबंध का सक्रिय विकास किया जाए।
मौजूदा वार्ता में रणनीति व अर्थव्यवस्था के बारे में वार्ता हो रही है जिन के विषयों में चीन अमेरिका सहयोग व साझेदारी संबंध का विकास, नई किस्म के बड़े देशों के संबंध की स्थापना, रणनीतिक आपसी विश्वास और अहम अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों पर समन्वय व सहयोग तथा एशिया प्रशांत क्षेत्र में अच्छे संपर्क का विकास आदि शामिल हैं।
वार्ता की उद्घाटन रस्म में चीनी राष्ट्राध्यक्ष के विशेष प्रतिनिधि, चीनी उप प्रधान मंत्री वांग छीसान, स्टेट कौंसुलर ते बिनक्वो तथा अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष प्रतिनिधि, विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन व वित्त मंत्री गेटना ने भाषण दिए। चीनी उप प्रधान मंत्री वांग छीसान ने अपने भाषण में कहाः
चीनी पक्ष की आशा है कि मौजूदा वार्ता को एक अच्छा मौका समझकर वर्तमान के आधार पर दूरदर्शिता के साथ दोनों देशों के बीच आर्थिक, व्यापारिक, वित्तीय और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग को और अधिक बढ़ाया जाएगा, दोनों देशों के राज्याध्यक्षों में प्राप्त सहमतियों को अमली रूप दिया जाएगा तथा मिलकर चीन, अमेरिका, तथा सारी दुनिया तक आर्थिक तरक्की को बढ़ावा दिया जाएगा और निरंतर व संतुलित वृद्धि हासिल करने की कोशिश की जाएगी।
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिन्टन ने अपने भाषण में कहा कि अमेरिका चीन के साथ आपसी सम्मान व साझी विजय वाले सहयोग व साझेदारी संबंधों के निर्माण में लग रहा है। रणनीतिक व आर्थिक वार्ता से दोनों के संबंध और अधिक घनिष्ट हुए और आदान प्रदान भी ज्यादा हो गए। उन्होंने कहाः
सारी दुनिया चीन व अमेरिका दोनों को देखती हैं और अमेरिकी व चीनी जनता भी चाहती हैं कि दोनों देशों के सहयोग और घनिष्ठ हो और दोनों देशों की जनता के हित में हो। सारी दुनिया की अपेक्षा है कि चीन अमेरिका सहयोग दुनिया को कल्याण लाए। चीन अमेरिका दोनों देशों को समान रूप से खुशहाल बनाने वाले संबंध के विकास में जुटे हैं यह संबंध अस्वस्थ मुठभेड़ों व टक्करों से छूट हो और दोनों देशों की जनता एवं सारी दुनिया के प्रति जिम्मेवार हो।