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भारत अग्नि-पांच मिसाइल छोड़ने जा रहा है
2012-04-18 16:54:58

भारतीय मीडिया ने यह खबर दी है कि भारत 18 अप्रैल को देश के पूर्व भाग में स्थित व्हीलर द्वीप पर स्वनिर्मित 5000 किलोमीटर मध्यम दूरी वाला अग्नि-पांच बैलिस्टिक मिसाइल छोड़ने जा रहा है। यह इस प्रकार के मिसाइल का पहला प्रक्षेपण है। ऐसे वक्त जबकि पाकिस्तान के राष्ट्रपति असिफ अली जरदरी ने अभी अभी पिछले हफ्ते भारत की व्यक्तिगत यात्रा की थी, भारत के द्वारा अग्नि-पांच मिसाइल छोड़े जाने से क्या दक्षिण एशिया की स्थिति पर असर पड़ेगा? इस पर लोकमतों का बड़ा ध्यान गया है।

अग्नि-पांच मिसाइल भारत द्वारा स्वनिर्मित मध्यम दूरी वाला बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 5000 किलोमीटर तक मार कर सकता है, इस तरह एशिया के अधिकांश भाग, आधा यूरोप और हिन्द महासागर का आधा भाग इस के दायरे में आएंगे। अग्नि-पांच 17 मीटर लम्बा है और अपना वजन 50 टन है और एक टन भार ले जा सकता है। इसपर कई वारहेड लगाये जा सकेंगे और ठोस ईंधन और तीन स्तर वाली प्रोपुल्सन तकनॉलोजी का इस्तेमाल होता है। यदि इस बार इस का परीक्षण सफल हुआ, तो अग्नि पांच भारत का अब तक का सब से दूर और सब से तेज मार करने वाला मिसाइल होगा। खबर है कि मौजूदा अग्नि पांच एक चलते फिरते लांचर पर से छोड़ा जाएगा, इस की सफलता के बाद वह भारत के अन्य प्रकारों के मिसाइलों से ज्यादा मोबाइल और द्रुत गति वाला मिसाइल बनेगा।

असल में अग्नि पांच का अनुसंधान व निर्माण काम बहुत पहले ही पूरा हो चुका है और इस की अनेक बार जांच परख भी की गयी है। इसे छोड़ने के लिए भारत अनुकूल मौके का इंतजार कर रहा है। प्रक्षेपण को कई बार स्थगित करने के बाद भारत ने अंत में यह निश्चय किया है कि 18 अप्रैल से 20 अप्रैल तक किसी ठीक समय पर पूर्व भारत में स्थित व्हीलर द्वीप पर छोड़ा जाएगा। मिसाइल प्रक्षेपण केन्द्र के एक अधिकारी ने 17 अप्रैल के तीसरे पहर मीडिया से कहा कि अब सभी तैयारी के काम पूरे हो चुके हैं और मिसाइल की कई बार जांच परख भी की गयी है और उस की हालत प्रक्षेपण के काबिला है। मिसाइल उड़ान सर्वेक्षण के लिए रडार और रिमोट सेंसिंग केन्द्रों में भी तैयारी के सभी काम हो चुके हैं और सब कुछ ठीकठाक होने पर 18 अप्रैल को छोड़ा जा सकेगा।

भारतीय रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन के डायरेक्टर वी.की. सरस्वत ने हाल ही में संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि अग्नि पांच के अनुसंधान व निर्माण में अनेक कठिनाइयों को दूर किया गया और तकनीकों में भारी प्रगति प्राप्त हुई है। पिछले साल के नवम्बर में भारत ने अग्नि चार छोड़ने में सफलता पायी है, इस की रिमोट सेंसिंग तकनॉलोजी पर वैज्ञानिक संतुष्ट हैं। अग्नि चार की सफलता ने अग्नि पांच की कामयाबी के लिए आधार तैयार किया है। श्री सरस्वट ने यह भी कहा कि अग्नि पांच के मौजूदा प्रक्षेपण के अलावा भारत इस मिसाइल का आगे कई परीक्षण भी करेगा और इसमें सुधार लाएगा, पूरी सफलता के बाद 2014 और 2015 के बीच उसे सेना में तैनात किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि डी आर डी ओ 2013 से पहले 750 किलोमीटर दूर मार करने वाले की-15 और 3500 किलोमीटर दूर मार करने वाले की-4 पानी में से छोड़ने वाले मिसाइलों का परीक्षण करेगा। इन के अलाबा भारत 2014 तक मिसाइल शील्ड फॉर दिल्ली मिसाइल विरोधी व्यवस्था का निर्माण करेगा ताकि भारतीय सेना की तकनीकी शक्ति पूर्ण रूप से उन्नत हो।

पिछले हफ्ते, पाक राष्ट्रपति जरदरी ने भारत की यात्रा की थी, वह सात साल बाद पाक राष्ट्रपति की प्रथम भारत यात्रा है, जिससे दोनों देशों के संबंधों में सुधार का आसार दिखाई पड़ा है। वार्ता में दोनों देशों के नेताओं ने कहा था कि भारत पाक संबंधों का सामान्यीकरण दोनों देशों की समान अभिलाषा है। भारतीय प्रधान मंत्री सिंह ने पाकिस्तान का निमंत्रण स्वीकार किया है कि वे उचित समय पर पाकिस्तान की यात्रा पर जाएंगे। दक्षिण एशिया में तनाव शिथिल होने के इस परिवेश में भारत अग्नि पांच छोड़ने जा रहा है, इस पर लोकमतों को यह चिंता उत्पन्न हुई है कि कहीं इससे क्षेत्रीय स्थिति में तनाव पुनः पैदा तो नहीं हो जाए। इसे लेकर भारतीय शांति व मुठभेड़ अध्ययन प्रतिष्ठान ने माना है कि भारत के मौजूदा मिसाइल परीक्षण में प्रचार करने का खासा मकसद है, वह चाहता है कि इस के जरिए उस का अपना रणनीतिक स्थान ऊंचा उठे तथा अन्तरराष्ट्रीय समाज में बड़े दक्षिण एशियाई देश के रूप में उस का स्थान स्वीकृत हो जाए।

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