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भारत पाक संबंध का सामान्यकरण दोनों देशों की समान अभिलाषा
2012-04-09 16:38:02

 पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी ने 8 अप्रैल को भारत की निजी यात्रा की और भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के साथ वार्ता की । जरदारी 2005 के बाद भारत की यात्रा पर गये प्रथम पाक राष्ट्रपति भी हैं । दोनों देशों के नेताओं ने वार्ता के बाद जताया कि भारत पाक संबंध का सामान्यकरण दोनों देशों की समान अभिलाषा है । श्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वे पाकिस्तान का निमंत्रण स्वीकार कर समुचित समय पर इस्लामाबाद की यात्रा पर जाएंगे ।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी स्थानीय समय के अनुसार 8 अप्रैल की सुबह 11 बजे भारत की राजधानी नयी दिल्ली पहुंचे , फिर उन्हों ने भारत की 6 घंटे की निजी यात्रा की । जरदारी ने भारत पहुंचने के बाद भारत के प्रधान मंत्री भवन जाकर प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के साथ करीब 40 मिनट की वार्ता की । वार्ता के बाद दोनों देशों के नेताओं ने साथ मिलकर लंच किया । इस के बाद जरदारी कर्मचारियों के साथ राजस्थान स्थित अजमेर दरगाह पर चादर चढाकर पाकिस्तान वापस गये ।

दोनों देशों के नेताओं ने संवाददाताओं के साथ बातचीत करते समय कहा कि भारत पाक संबंध का सामान्यकरण दोनों देशों की समान अभिलाषा है । श्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मौजूदा वार्ता सकारात्मक व फलदायक है , दोनों पक्ष दोनों देशों के बीच मौजूद सवालों के समाधान के लिये एक ठोस व व्यवहारिक उपाय की खोज करना चाहते हैं । जरदारी ने कहा कि उन्होंने प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के साथ द्विपक्षीय़ संबंध में मौजूद सभी मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया , पाकिस्तान भारत के साथ संबंध को सुधारने पर कायम है । इस के अलावा भारत के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने यह घोषित किया है कि वे पाकिस्तान के निमंत्रण को स्वीकार कर दोनों पक्षों के विचार में समुचित समय पर इस्लामाबाद की यात्रा करेंगे । लोकमत का आम विचार है कि इस से यह सकारात्मक संकेत मिल गया है कि यदि मनमोहन सिंह की पाक यात्रा कामयाब होगी , तो वह संभवतः भारत पाक संबंध के भावी विकास का एक कुंजीभूत मोड़ बन सकती है ।

भारत के विदेश सचिव रंजन मथाई ने इसी दिन हुई न्यूज ब्रीफिंग में संकेत दिया है कि इस बार दोनों देशों के नेताओं ने आतंक विरोधी और आर्थिक व व्यापारिक सहयोग जैसे मुद्दों पर मुख्यतः विचार विमर्श किया । भारत ने पहले की ही तरह पाकिस्तान को आतंक विरोधी मामलों पर चिन्ता , खासकर 26 नवम्बर में हुए मुम्बई आतंकवादी प्रहार से संबंधित संदिग्ध अपराधी का मुद्दा उठाया । पाकिस्तान ने कहा कि पाकिस्तान खुद ही आतंकवाद का शिकार है और वह आतंकवाद पर रोक लगाने के लिये विविधतापूर्ण कदम उठाने को तैयार है ।

आर्थिक व व्यापारिक मामलों पर दोनों पक्षों का विचार है कि वर्तमान परिस्थिति में दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को बढावा देने के लिये ठोस कदम उठाना चाहिये , ताकि आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को मार्गदर्शन बनाकर दोनों देशों के संबंध की नीव मजबूत बनायी जा सके । इसी बीच कुछ भारतीय मीडिया का मानना है कि भारत पाक आर्थिक व व्यापारिक संबंधों का तेज विकास दोनों देशों के संबंध को सुधारने के लिये लाभदायक ही नहीं , दोनों देशों के बीच मौजूद अनसुलझे सवालों के कदम ब कदम समाधान के लिये वार्तालाप का आधार भी तैयार हो गया है ।

विश्लेषकों का कहना है कि कुल मिलाकर कहा जाये , तो मौजूदा यात्रा में दोनों पक्षों ने संबंध के सुधार के लिये अत्यंत सकारात्मक अभिलाषा जतायी है । हालांकि इस बार जरदारी की निजी यात्रा मात्र है , पर असल में दोनों पक्षों ने अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया है और मतैक्य भी प्राप्त कर लिया । वास्तव में निजी यात्रा दोनों देशों के कुटनीतिक मामलात में एक वैकल्पिक तरीका ही है , चाहे 80 वाले दशक में भूतपूर्व पाक राष्ट्रपति जिया उल हक हो या 2005 में पूर्व पाक राष्ट्रपति मुशर्रफ क्यों न हो , उन्होंने भारत में क्रिकेट कुटनीति के रुप में क्रिकेट मैच देखे । मौजूदा पाक प्रधान मंत्री गिनाली ने मार्च 2011 में भारत जाकर प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के साथ क्रिकेट मैच भी देखा । कहा जा सकता है कि विधिवत राजकीय यात्रा का मौका परिपक्व न होने की हातल में दोनों देशों के नेताओं ने निजी यात्रा के रुप में जो कुटनीतिक गतिविधि चलायी है , उस से वार्ता में प्राप्त ठोस परिणामों पर बाहरी दबाव से बच गया है , साथ ही दोनों पक्षों की सदिच्छा भी अभिव्यक्त हो गयी है , यह एक बहुत विवेकपूर्ण विकल्प ही है ।

इस के साथ ही मनमोहन सिंह ने समुचित समय पर इस्लामाबाद की यात्रा पर जाने को कहा , इस सकारात्मक संकेत से जाहिर है कि दोनों पक्षों के बीच पिछले अनेक सालों में विभिन्न अवसरों पर हुए सम्पर्कों से वास्तविक महत्वपूर्ण प्रगति हो पाई है । खासकर इधर सालों में मनमोहन सिंह और गिलानी समेत दोनों देशों के नेताओं ने सार्क शिखर सम्मलेन , सीयुल न्युक्लीयर सुरक्षा शिखर सम्मेलन और शांगहाई यहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन जैसे बहुपक्षीय अवसरों और अन्य कुछ द्विपक्षीय अवसरों पर हुए बारंबार सम्पर्कों में आवाजाही सुदृढ़ बनाने की बेहतरीन प्रवृति दिखायी दी है । जबकि दोनों पक्षों के नेताओं के बीच हुई सहमति के अनुसार दोनों देशों के गृह मंत्रालय और वाणिज्य व्यापार मंत्रालय के अधिकारियों का वार्तालाप तंत्र भी मजबूत होता गया है ।

विश्लेषकों का मानना है कि भारत पाक संबंध को निकट भविष्य में नये विकास का मौका मिलेगा और यह विकास जारी होने की आशा भी है ।

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