Saturday   Jul 26th   2025  
Web  hindi.cri.cn
विश्व निरक्षरता निवारण शिखर सम्मेलन ब्रिटेन में शुरू
2012-04-03 17:55:03

प्रथम विश्व निरक्षरता निवारण शिखर सम्मेलन 2 अप्रैल को ब्रिटिश विश्वविद्यालय ओक्सफोर्ड में उद्घाटित हुआ है जिसमें विश्व में निरक्षरता निवारण के सवाल पर विचार विमर्श हो रहा है।

विश्व के विभिन्न देशों व स्थानों से आए 200 विद्वान, सरकारी व गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि सम्मेलन में उपस्थित हुए। सम्मेलन आयोजन कमेटी के अध्यक्ष एंथोनी क्री ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि निरक्षरता निवारण मानव सभ्यता के विकास के लिए खास महत्व रखता है, जितना अधिक क्षेत्रों में निरक्षरता का निवारण हुआ, उतनी वहां के आर्थिक व सांस्कृतिक विकास में तरक्की प्राप्त होगी। लेकिन विभिन्न कारणों से अब भी बहुत से देशों में निरक्षरता निवारण की समस्या हल नहीं हो पायी है, यह हालत विकासशील और विकसित दोनों प्रकार के देशों में पायी जाती है। श्री एंथोनी क्री ने कहाः

युद्ध और सामग्रियों, बुनियादी सुविधाओं व शिक्षकों के अभाव के कारण अनेक क्षेत्रों में बच्चे शिक्षा लेने से वंचित हो गए हैं। इसके अलावा लिंग व संस्कृति का भी शिक्षा स्तर पर असर पड़ता है। कभी कभी धार्मिक वजह से भी शिक्षा बाधित होती है। लेकिन निरक्षरता का मुख्य कारण गरीबी है। गरीब लोग अपने बच्चों के शिक्षा खर्च से असह्य होते हैं। वर्तमान दुनिया में हर पांच वयस्कों में से एक अपढ़ है, जिन की कुल संख्या 77 करोड़ से अधिक है। गैरतलब बात यह है कि अब विश्व में 6 करोड़ 70 लाख से अधिक बच्चों को कभी पढ़ने का मौका नहीं मिला और लाखों बच्चे ढंग की शिक्षा से वंचित हुए हैं, उन की प्राप्त शिक्षा उन्हें रोगगार मिलने में जरा भी मदद नहीं दे सकती। खास कर ओस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी निरक्षर लोगों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है।

विश्व विख्यात शिक्षा संस्था यानी पीर्सन इंटरनेशनल के सीईओ ज़ॉन फालोन ने शिखर सम्मेलन में कहा कि शिक्षा के स्तर का आर्थिक विकास पर सीधी प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहाः

विश्व भर में निरक्षरता के चलते 10 खरब अमेरिकी डालर का सालाना आर्थिक बोझ बनता है। विश्व में जिस देश में तेज आर्थिक वृद्धि हुई है, उसी देश में जरूर निरक्षरता निवारण व स्कूली पढ़ाई में भारी सुधार आया है, इसी के परिणामस्वरूप वहां आर्थिक तरक्की हो पायी है। अच्छी शिक्षा से आविष्कार, सृजन, नवीनीकरण और उद्यमियों में लचीलापन की भावना बहुत बढ़ जाती है। किन्तु खराब शिक्षा से बाधाएं बढ़ जाती हैं और वैश्विक संपर्क कम होता है।

ब्रिटिश नेशनल निरक्षरता निवारण ट्रस्ट के अधिकारी जॉहथान डॉग्लास ने शिखर सम्मेलन में कहा कि ऐतिहासिक विकास और विभिन्न देशों की वास्तविक स्थिति के मुताबिक अब निरक्षरता निवारण की परिभाषा भी बदली है, इस समय यह जरूरी है कि इस विश्वव्यापी समस्या को हल करने के लिए समाज के सभी तबकों को समान प्रयास करें और नए रास्ते की खोज लें। उन का कहना हैः

निरक्षरता से प्रभावित हरेक लोग इस समस्या के समाधान में अपनी भूमिका निभा सकता है, जबकि सरकार इस के लिए सब से बड़ा जिम्मेवार है, क्योंकि निरक्षरता निवारण का काम आम लोगों के लिए कल्याण लाता है। मौजूदा निरक्षरता निवारण सम्मेलन ने लोगों को यह संदेश पहुंचाया है कि शिक्षा लेना सभी लोगों का अधिकार है, पढ़ने लिखने से लोगों में आदान प्रदान बढ़ जाएगा। दूसरा है कि सभी लोगों को यह मानवाधिकार प्राप्त होना चाहिए, शिक्षा से वंचित होने की हालत बदली जा सकती है बशर्ते इस के लिए कुछ न कुछ तो किया जाए। वास्तव में इस दुनिया में हरेक लोग का यह फर्ज है, न केवल शिक्षा जगत, बल्कि सरकार को और बड़ा नेतृत्वकारी काम करना चाहिए।

केन्या से आए 18 वर्षीय छात्र केल्वीन मुतुजी ने शिखर सम्मेलन में पढ़ाई में अपनी कोशिशों के बारे में जानकारी दी, उन्हों ने न केवल अपनी पढ़ाई में अच्छा परिणाम प्राप्त किया है, साथ ही अन्य लोगों को भी प्रभावित कर दिया है। उन की आशा है कि मौजूदा सम्मेलन में जिस ओक्सफोर्ड घोषणा पत्र पर विचार विमर्श हो रहा है. उससे विश्व में निरक्षरता को पूरी तरह समाप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मेरी उम्मीद है कि विश्व निरक्षरता निवारण शिखर सम्मेलन में उपस्थितों के साथ अच्छी मित्रता व सहयोग के संबंध कायम होंगे. मुझे विश्वास है कि ओक्सफोर्ड घोषणा पत्र विश्व में निरक्षरता निवारण काम को आगे बढ़ाएगा।

आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040