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2012 बोओ एशिया मंच का उद्घाटन
2012-04-02 17:13:16

2012 बोओ एशिया मंच 2 अप्रैल को चीन के हाईनान प्रांत के बोओ में उद्घाटित हुआ है। चीनी उप प्रधान मंत्री ली खछांग ने प्रमुख वक्ता के रूप में भाषण दिया और खुले व सहिष्णु एशिया, चीन के सुधार व खुलेपन एवं एशिया के प्रति चीन के अधिक खुलने जैसे तीन विषयों पर चर्चा की और बलपूर्वक कहा कि खुले रहना और सहयोग करना आपसी लाभ पाने का सही रास्ता है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था मूलतः अच्छी है और चीन में विकास की प्रवृत्ति बनी रही है और दीर्घकालीन स्थिरता व तेज विकास का रूझान बना रहेगा।

बोओ एशिया मंच में चीनी उप प्रधान मंत्री ली खछांग ने अपने भाषण में कहा कि एशिया में बहुत से देशों का विकास स्तर नीचा है और विभिन्न देशों के बीच विकास का बड़ा अन्तर पड़ा है और विकास के लिए रास्ता कठिन भी है। लेकिन एशिया के लिए अब चुनौति के साथ साथ मौके भी मौजूद है, दिक्कतों के साथ साथ आशाएं भी हैं। मौके और आशा बहुत बड़ी है। एशिया में विकास बढ़ाने के बारे में श्री ली खछांग ने पांच सूत्रीय सुझाव दिया है जिसमें देश के आंतरिक विकास पर कायम रहना, खुलेपन व सहिष्णुता का रवैया अपनाना, साझी सफलता, एकता बढ़ाना तथा शांति के साथ विकास पर कायम रहना शामिल हैं। श्री ली खछांग ने कहाः

बीते समय में एशिया की अर्थव्यवस्था में जो तेज वृद्धि हुई है, वह खुलेपन के आधार पर प्राप्त हुई है, भावी विकास के लिए भी एशिया को खुलेपन पर कायम रहना चाहिए, विश्व के अन्य क्षेत्रों तथा अन्य देशों के लिए द्वार खोलना चाहिए। एशिया को क्षेत्रीय नीति में खुले द्वार का व्यवहार करना चाहिए, और एक दूसरे से सीखेंगे, एक दूसरे की खुबियां अपनाएंगे।

उन्होंने कहा कि एशियाई देशों को चाहिए कि वे एक दूसरे के प्रति सहिष्णुता का व्यवहार करें, अहम अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों पर संपर्क बनाएं, सक्रिय रूप से जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटें तथा सक्रिय रूप से वैश्विक प्रशासन ढांचे व अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय तंत्र के सुधार में हिस्सा लें। उन्हों ने कहा कि एशिया से बाहर के देशों का एशिया विकास में रचनात्मक भूमिका अदा करने के लिए स्वागत है।

मौजूदा बोओ मंच में उपस्थित एक तिहाई लोग यूरोप व अमेरिका से आए हुए हैं, इस से जाहिर है कि एशिया और अधिक खुल गया है। वर्तमान में विश्व आर्थिक वृद्धि में एशिया का योगदान 30 प्रतिशत से अधिक है, विश्व के नवोदित अर्थव्यवस्थाओं के केन्द्रिय रहने के चलते एशिया की श्रेष्ठता व विकास की संभावना और दिखेगी।

चीनी आधुनिक संबंध अध्ययन अकादमी के आर्थिक अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रधान सुश्री छन फनयंग ने कहा कि उप प्रधान मंत्री ली के भाषण में वैश्वीकरण में चीन व एशिया और एशिया व विश्व के घनिष्ठ संबंधों पर बल दिया गया है। सुश्री छन ने कहाः

भूमंडलीकरण में एशिया की शक्ति उभर रही है, विश्व आर्थिक संकट से निपटने में एशिया की आर्थिक वृद्धि सब से तेज है। एशिया के कारण विश्व में आर्थिक पुनरूत्थान हो रहा है और विश्व मंदी से बाहर निकल रहा है। एशिया व विश्व तथा चीन व एशिया के संबंध एक दूसरे से जुड़े हुए है और दोनों एक दूसरे से कभी नहीं अलग हो सकते हैं।

अपने भाषण में श्री ली खछांग ने यह भी कहा कि चीन संतुलित व निरंतर आर्थिक व सामाजिक विकास को गति देगा। उन्होंने कहा कि विश्व व चीन की स्थिति में गहरा परिवर्तन आया है, इसलिए आर्थिक विकास के लिए प्रतिकूल तरीकों को भी बदलना चाहिए। उन का कहना हैः

चीन वित्तीय, बैंकिंग, चीजों के दामों, आय वितरण तथा कारोबारों के सुधार को गहराई में लाएगा, चीन अहम आर्थिक क्षेत्रों में नयी प्रगति के लिए प्रयास करेगा और व्यवस्थाओं के सुधार, तकनीकी सृजन तथा प्रबंध कार्य में नवनीकरण को बढ़ावा देगा।

चीनी विश्व आर्थिक अनुसंधान प्रतिष्ठान की प्रधान सुश्री छन ने कहा कि उप प्रधान मंत्री ली के भाषण से अनेक आश्वासन के संकेत मिले हैं। उन के भाषण से बाजार को बड़ा विश्वास मिला हैः चीन की बुनियादी आर्थिक स्थिति नहीं बदली है, औद्योगीकरण, शहरीकरण और कृषि आधुनिकीकरण नहीं बदले हैं, वे भावी आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने वाले मुख्य लक्ष्य हैं। उसने विश्व को यह आश्वासन दिया है कि चीन में विकास की गुंजाइश है, चीन में आर्थिक विकास के तौर तरीके बदलेगा जिस से चीन में विकास की निरंतरता बनी रहेगी।

श्री ली ख छांग ने इस पर भी बल दिया है कि चीन एशिय़ा के प्रति अधिक द्वार खोलने को अपनी खुलेपन रणनीति का मुख्य भाग बनाएगा, चीन संबंधित देशों के साथ मिलकर चीन-आसियान आदि क्षेत्रीय सहयोग व्यवस्थाओं के निर्माण को गति देगा, मुक्त व्यापार क्षेत्रों की स्थापना करेगा तथा नवोदित उद्योगों में सहयोग का विस्तार करेगा।

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