ब्रिक्स देशों का चौथा शिखर सम्मेलन 29 मार्च को नई दिल्ली में समाप्त हुआ। इसके बाद चीनी विदेश मंत्री के सहायक मा चाओश्यू आदि चीनी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सम्मेलन में हासिल उपलब्धियों की जानकारी दी।
मा चाओश्यू ने कहा कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिनथाओ ने "आपसी लाभ वाला सहयोग मजबूत कर सुंदर भविष्य साकार करना" शीर्षक भाषण व बाद में आयोजित चर्चा में चीन के इस रुख से अवगत कराया कि चीन शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर हमेशा कायम रहा है और न्यायपूर्ण व अनवरत विकास के लिए लाभदायक विश्व आर्थिक व्यवस्था की स्थापना में कोशिश करेगा। हू चिनथाओ की इस बात की ब्रिक्स देशों के नेताओं ने प्रशंसा की।
प्रस्तावित ब्रिक्स विकास बैंक की चर्चा में मा चाओश्यू व चीनी विदेश मंत्रालय के एशिया विभाग के प्रमुख ल्वो चाओह्वी ने कहा कि वर्तमान शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों द्वारा विकास बैंक स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। ब्रिक्स विकास बैंक की स्थापना का उद्देश्य ब्रिक्स देशों व अन्य विकासशील देशों में बुनियादी संस्थापनों के निर्माण के लिए पूंजी जुटाना है। संबंधित तैयारी की जा रही है। बैंक स्थापित होने की स्थिति में वह मौजूदा विश्व वित्तीय संगठनों का पूरक बनेगा, स्थानापन्न नहीं।
मा चाओ श्यू ने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों का शिखर सम्मेलन क्षेत्रीय व अन्तरराष्ट्रीय सहयोग व्यवस्थाओं में से एक है। अब इसमें मुख्य तौर पर आर्थिक व वित्तीय मामलों के सहयोग पर चर्चा होती है। विश्व स्थिति में व्यापक परिवर्तन होने के साथ साथ ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग भी व्यापक होगा। इसलिए इस बार के सम्मेलन में अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सवाल पर भी विचार-विमर्श हुआ। चीन का हमेशा विचार रहा है कि अन्तरराष्ट्रीय मामलों के समाधान में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रमुख भूमिका है।
(ललिता)