ब्रिक्स देशों के चौथे शिखर सम्मेलन का 29 तारीख को नई दिल्ली में आयोजन हुआ।सम्मेलन में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन-थाओ ने अपने भाषण में ब्रिक्स-सहयोग को आगे बढाने के लिए चार सूत्रीय सुझाव पेश किया और कहा कि चीन ब्रिक्स देशों में सहयोग पर डटा रहेगा और व्यापक विकासशील देशों के साथ किसी भी कठिन हालत में एक दूसरे की मदद करते हुए आगे चलता रहेगा।
हू चिन-थाओ के सुझाव में ये शामिल हैं कि साझे विकास पर कायम रहते हुए समान समृद्धि को बढावा दिया जाए,समानता के आधार पर सलाह-मशविरे को जारी रखा जाए,ठोस सहयोग के तरीके से सहयोग के आधार को मजबूत किया जाए और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से वैश्विक विकास को आगे ले जाया जाए।
हू चिन-थाओ ने कहा कि ब्रिक्स देशों को अपने-अपने काम अच्छी तरह से करने चाहिए,आर्थिक वृद्धि व जनजीवन में हो रहे सुधार की स्थिति बनाए रखनी चाहिए,आपस में प्रमुख हितों व चिन्ताओं पर पूरा ध्यान देकर हमेशा अच्छे दोस्त और अच्छे साझेदार बनने चाहिए।इसके अलावा ब्रिक्स देशों को ऐसा भी करना चाहिए कि वे व्यवहार व उच्च कारगरता के सिद्धांत के अनुसार आपसी सहयोग के आर्थिक व सामाजिक एवं जनमत वाले आधार को मजबूत करें,प्राप्त एकमतताओं पर बेहतर ढंग से अमल करे,वितीय व बैंकिंग संस्थाओं में विचार-विमर्श एवं सहयोग को समृर्द्ध बनाएं।हू चिन-थाओ का यह भी कहना है कि ब्रिक्स देशों को विकासशील देशों के हितों की रक्षक बनना चाहिए,अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक,वित्तीय,व्यापारिक क्षेत्रों में,खासकर जी-20 समूह जैसे बहुपक्षीय व्यवस्थाओं में सलाह-मशविरे व समंवय को बल देना चाहिए और वैश्विक अर्थव्यवस्था के जोरदार,सतत एवं संतुलिक विकास को बढ़ाने की समान कोशिश करनी चाहिए।
हू चिन-थाओ ने अपने भाषण में रेखांकित करते हुए कहा कि चीन शांति व विकास के रास्ते पर डटा रहेगा,आपसी लाभ व साझी जीत की खुली रणनीति अपनाते हुए अपने विकास करने के साथ-साथ वैश्विक विकास को बढाने में भी जुटा रहेगा।