ब्राजिल, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष नेता 28 से 29 मार्च को नई दिल्ली में ब्रिक्स देशों के चौथे शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, इस सम्मेलन का मुख्य विषय ब्रिक्स देशों में स्थिर, सुरक्षित व समृद्ध साझेदारी संबंध की मज़बूति है।
मौजूदा शिखर सम्मेलन में पांच देशों के विकास बैंक अपने देश के मुद्रा के जरिए ऋण लेने-देने से संबंधित व्यापारिक सहयोगी ढांचागत समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे और साथ ही विकासशील देशों की सहायतार्थ नई बैंक संस्था स्थापित करेंगे। मशहूर अर्थशास्त्री, ब्राजिली उद्योग व वाणिज्य संघ के सलाहकार कोर्लोस टावारेस के विचार में यह विकासशील देशों को बड़ा लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स बैंक की स्थापना अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्योंकि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग व्यवस्था का नियंत्रण विकसित देशों के हाथ में है। चाहे विश्व बैंक हो, या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष क्यों न हो, सभी अमरीका, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस आदि विकसित देशों के हाथ में है। अब ब्रिक्स देश एकत्र होकर समान व्यापारिक संतुलन के जरिए नई अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग व्यवस्था स्थापित कर सकेंगे। यह पांच ब्रिक्स देशों के लिए ही नहीं, दूसरे विकासशील देशों के लिए भी फायदेमंद होगा।
(श्याओ थांग)