चीन के राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ के नई दिल्ली पहुचने के बाद पांच उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के तथाकथित ब्रिक्स देशों का शिखर सम्मेलन 28 मार्च को शुरू हुआ। ब्रिक्स देशों यानी चीन,ब्राजील, रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने शिखर सम्मेलन में वर्ष 2015 तक आपसी व्यापार में दोगुने की वृद्धि कर से इसे 500 अरब अमेरिकी डालर तक बढ़ाने का लक्ष्य घोषित कर दिया है।
गत वर्ष इन देशों का आपसी व्यापार 230 अरब डॉलर दर्ज हुआ था । इस अवसर पर भारत आये चीनी वाणिज्य मंत्री छङ दहमिंग ने 28 मार्च को संवाददाताओं से कहा कि चीन भारत सहित अन्य ब्रिक्स देशों से आयात बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने व्यापार बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई है। चीन सरकार अपनी कंपनियों से भारत और ब्रिक्स के अन्य देशों से अधिक आयात करने को प्रोत्साहित करेगी।
ब्रिक्स देशों के द्वारा एक संयुक्त बैंक स्थापित करने की संभावना पर चीनी समाज विज्ञान अकादमी के अनुसंधानक्रता ली जूंग मिन ने कहा कि विश्व बैंक में विकासमान देशों की आवाज़ कमजोर होने के कारण से ब्रिक्स देशों का यही प्रयास अनिवार्य है कि वे समान कोशिशों से विकासशील देशों के लिए अधिक आवाज़ कर सकेंगे। ब्रिक्स देशों की सहमति से न सिर्फ उन खुद को, बल्कि तमामू विश्व अर्थतंत्र के लिए ही हितकारी साबित होगी ।
(हूमिन)