ब्रिक्स देशों का चौथा शिखर सम्मेलन मार्च की 28 से 29 तारीख तक नई दिल्ली में आयोजित होगा। भारत स्थित चीनी राजदूत चांग यान ने 27 मार्च को हमारे संवाददाता के साथ हुए एक साक्षात्कार में कहा कि चीन की आशा है कि मौजूदा शिखर सम्मेलन ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग मज़बूत करने का नया मौका बन सकेगा और विश्व आर्थिक वृद्धि व पुनरुत्थान के लिए योगदान कर सकेगा।
चांग यान ने जानकारी देते हुए कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान चीन, भारत, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के नेतागण ब्रिक्स देशों के बीच स्थिर, सुरक्षित व समृद्ध साझेदार संबंध, वैश्विक आर्थिक विकास, अनवरत विकास और ब्रिक्स देशों के सहयोग आदि विषयों पर गहन रूप से विचारों का आदान प्रदान करेंगे।
चांग यान ने कहा कि इधर के वर्षों में ब्रिक्स देशों की आर्थिक वृद्धि तेज़ व स्थिर रही, उसे विश्व आर्थिक विकास का इंजन माना जा रहा है। इसके साथ ही पांच देशों ने युक्तियुक्त व न्यायपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली की स्थापना, अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग व्यवस्था के सुधार, अनवरत विकास की प्राप्ति, विकासशील देशों के बोलने वाले अधिकार की उन्नति तथा व्यापक विकासशील देशों के कानूनी अधिकारों व हितों की रक्षा आदि क्षेत्रों में अपरिहार्य भूमिका निभाई। साथ ही ब्रिक्स देशों ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन वार्ता, दोहा रांउड वार्ता, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष व विश्व बैंक के सुधार आदि क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग किया और उल्लेखनीय उपलब्धियां भी प्राप्त कीं।
चीनी राजदूत चांग यान ने ब्रिक्स देशों के ढांचे में चीन व भारत के बीच फलदायी सहयोग का उच्च मूल्यांकन करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में चीन भारत संबंध का विकास बहतरीन रूझान बरकरार रहा है। वर्ष 2011 में द्विपक्षीय व्यापारिक रक्म 73 अरब 90 करोड़ अमरीकी डोलर पहुंच गई। इस वर्ष चीन भारत मैत्री व सहयोग वर्ष है। मौजूदा ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिनथाओ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ वार्ता करेंगे। वे चीन भारत रणनीतिक सहयोगी साझेदार संबंध मज़बूत करने, विभिन्न क्षेत्रों में आपसी लाभ वाले सहयोग विस्तार करने तथा अंतरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों में पारस्परिक समन्वय आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान प्रदान करेंगे, ताकि चीन भारत संबंध ज्यादा अच्छा, तेज़ व सर्वांगीर्ण विकास हो सके।
(श्याओ थांग)