16 अफगान नागरिकों की हत्या करने वाले अमेरिकी सैनिक रोबर्ट बैलेस पर गुरूवार को अभियोग चलाया जाएगा, अभी बैलेस अमेरिका के एक फौजी जेलखाने में बंद है।
अमेरिकी सैनिक रोबर्ट बैलेस द्वारा अफगान नागरिकों की निमर्मतापूर्ण हत्या करने की घटना अब एक हफ्ता बीत गयी है। पिछले कुछ दिनों में अमेरिका ने कई बार इस घटना पर अपना रूख जताया, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सैनिक पक्ष से इस कैस को गंभीरता के साथ लेने की मांग की और रक्षा मंत्री बानेटा ने उसे मौत की सजा देने की संभावना तक भी कहा। लेकिन अभी तक इस मामने पर न्यायिक प्रक्रिया आरंभ नहीं हुई और अमेरिकी सेना ने भी इस घटना पर कहां और कैसे मुकदमा चलाने के सवाल पर मौन धारण कर रखा है, उस ने इतना ही कहा कि इस घटना की जांच हो रही है। प्रचलित नियम के मुताबिक इस प्रकार की जांत पड़ताल कई हफ्तों तक चल सकती है। इस के बाद संदिग्ध अपराधी पर अभियोग लगाया जाएगा, फिर कोर्ट में मुकदमा चलने की लम्बी अवधि होगी। जब अंततोगत्वा मामले पर सुनवाई चलेगी, तो भी पूरी प्रक्रिया लम्बी और जटिल होगी। कुछ मीडिया का कहना है कि वर्ष 2014 अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से हट जाने तक इस मामले का कोई परिणाम भी नहीं निकल सकेगा।
रोबर्ट बैलेस के वकील जॉन हेनरी ब्राउन ने 19 मार्च को बैलेस से मुलाकात के बाद कहा कि सैनिक पक्ष संभवतः गुरूवार को रोबर्ट बैलेस पर अभियोग लगाएगा और लगाने वाला आरोप भी कड़ा होगा। लेकिन उसने इस पर बल भी दिया कि सेना में सेवा करने के पिछले दस से अधिक सालों में रोबर्ट बैलेस चार बार रणमैदान में भेजा गया था और दो बार जख्म भी हुआ था। एक बार बारूदी सुरंग के विस्फोट में उस के मस्तिष्क को चोट भी लगी थी। अफगान नागरिकों को गोली से मारने की घटना से एक दिन पहले उस के एक साथी का एक पैर युद्ध में चला गया, अपने साथी की यह हालत देखने से बैलेस को भारी आघात लगी। वकील ब्राउन ने कहा कि वकील दल बैलेस के मेडिकल व पर्सनल इतिहास की जांच करेगा और बैलेस को मस्तिष्क को चोट लगने के बाद भी रणक्षेत्र में भेजे जाने के आधार पर वकालत करेगा। लेकिन इस से पहले ब्राउन कह चुका था कि इस मामले में वकालत का कानूनी महत्व कानून के अपने महत्व से बड़ा है।
ऐसी रिपोर्ट भी सुनने को मिली है कि मुकदमा के दौरान कई महीनों के लिए बैलेस का मनोवैज्ञानिक और उस के शराबीपन व मस्तिष्क जोट के सवाल का आकलन किया जाएगा ।
इन दिनों, अमेरिकी मीडिया ने बैलेस के जन्म स्थान, रहने के स्थान और उस के सैनिक कैंप में जाकर सर्व खोज किया और उस के परिवार जनों और पड़ोसियों की नजर में रोबर्ट बैलेस स्वभाव में विनम्र और घर को प्यार करने वाला अच्छा आदमी है, किन्तु किस चीज ने इस अच्छे आदमी को बदला है, लोकमत और मीडिया का यह समान मत है कि इस का दोष युद्ध है।
अमेरिका में इराक और अफगानिस्तान युद्ध में भाग लेने वाले अमेरिकी सैनिकों में उत्पन्न पोस्ट ट्रोमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर की समस्या हमेशा एक संवेदनशील और बड़ा ध्यानाकर्षक विषय है, इस साल के फरवरी में अमेरिकी कांग्रेस ने जो रिपोर्ट जारी की है उससे जाहिर है कि 2004 से लेकर 2009 तक उन अमेरिकी सैनिकों, जिन का इराक व अफगानिस्तान युद्ध में घायल होने के बाद इराज कराया जा रहा है, में से 20 प्रतिशत में उक्त रोग का लक्षण पाया जा चुका है।
सन् 2001 में 11 सितम्बर घटना होने के बाद अमेरिका ने इराक और अफगानिस्तान के खिलाफ दो युद्ध छेड़े, सेना में सेवा करने वाले करीब 20 फीसदी के अफसर व सैनिक इन दोनों रण मैदान में भेजे गए है। सालों से युद्ध में लड़ने, अजनबी स्थान में रहने तथा स्थानीय निवासियों से अविश्वास सहने के कारण अमेरिकी सिपाहियों को मनोविकार ग्रस्त हुआ। नागरिकों को गोली चलाकर मार डालने, यहां तक अपने साथियों को मार गिराने और आत्महत्या की घटनाएं हुआ करती सुनाई पड़ती है, निसंदेह, इस से अमेरिकी सेना में फैली विकृत मनोदर्शा दृष्टिगोचर हुई है।
लेकिन विश्लेषज्ञों का कहना है कि तथाकथित पोस्ट ट्रोमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर अमेरिकी सैनिकों द्वारा बेगुनाह लोगों की हत्या करने के लिए बहाना नहीं बनना चाहिए और अमेरिकी सेना को दंड याफ्त होने से बचाने के लिए सबब नहीं बनाया जाना चाहिए।