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लोगों में गुस्से को शांत करने के लिये अमरीकी रक्षा मंत्री अफगानिस्तान पहुंचे
2012-03-15 17:10:34

अमरीकी रक्षा मंत्री पनेटा ने 14 मार्च को अफगानिस्तान की दो दिवसीय यात्रा शुरु की । लोकमत का मानना है कि ऐसे मौके पर जबकि एक अमरीकी सैनिक द्वारा 16 अफगान नागरिकों का कत्लेआम किये जाने से अफगान लोगों में क्रोध भड़क उठा है और अमरीकी अफगान संबंध में तनाव आ गया , पनेटा का मौजूदा यात्रा का उद्देश्य अफगान नागरिकों में गुस्से को शांत करना है , लेकिन यह यात्रा कामयाब होने की संभावना कम है।

पनेटा ने 14 मार्च को दक्षिण अफगानिस्तान स्थित अमरीकी सैनिक अड्डे पहुंचकर यात्रा शुरु कर दी । उसी दिन शाम को पनेटा ने दक्षिण अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत के अधिकारियों के साथ वार्ता की । पनेटा ने कहा कि अमरीका फिर भी अपना मिशन पूरा करने की भरसक कोशिश करेगा , हाल ही में हुई घटना से गठबंधन सेना की विजय बाधित नहीं है । पनेटा ने अमरीका , नाटो सहयोगियों और अफगानिस्तान के सैनिकों के सम्मुख भाषण भी दिया । उन्होंने मान लिया है कि अफगानिस्तान में ताबड़तोड़ मुसीबतें घटित हुईं , जैसे गत माह में अमरीकी सैनिकों ने कुरान को आग से जलाया , इस माह की 11 तारीख को अमरीकी सेना ने अफगान नागरिकों को गोली मारने की वारदात खड़ी कर दी और अफगान सैनिकों ने गठबंधन सेना पर प्रहार किया , इन में कोई भी घटना बड़ी मुसीबत ही नहीं , बड़ी चुनौति भी मानी जाती है । लेकिन उन्होंने फिर कहा कि हम इनी गिनी घटनाओं को अपने संकल्प पर प्रभाव डालने की इजाजत नहीं देंगे । 14 मार्च की रात को पनेटा ने अफगान राष्ट्रपति करजाई के साथ वार्ता भी की । पनेटा ने कहा कि अमरीकी सैनिक द्वारा अफगान नागरिकों का कत्लेआम किये जाने की घटना एक अलग घटना मात्र ही है , अमरीका के नेतृत्व में अफगान युद्ध स्थापित पथ पर बढ़ रहा है , तालिबान को शिकस्त खानी ही होगी । करजाई ने कहा कि इसी प्रकार वाला नरसंहार क्षम्य नहीं किया जा सकता । अफगान संसद ने घटना स्थल पर संदिग्ध अपराधी पर मुकदमा चलाने की मांग की । जबकि पनेटा ने कहा कि संदिग्ध अपराधी अमरीकी सैनिक को अमरीकी सैनिक अदातल का फैसला मिलेगा और संभवतः मृत्युदंड की सजा होगी ।

इस से पहले अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा ने इस गोलीबारी घटना की पूरी तरह जांच पड़ताल करने का वंचन दिया है । उन्होंने कहा कि अमरीका इस घटना के साथ अपने नागरिकों व बच्चों की हत्या किये जाने की ही तरह व्यवहार करेगा । हालांकि ओबामा और पनेटा ने क्रमशः अफगान नागरिकों के सम्मुख जिम्मेदारी लेने का विविध रुख व्यक्त किया है , लेकिन अफगान नागरिकों में क्रोधाग्नि वश में लेना फिर भी कठिन है ।

वर्तमान अफगानिस्तान की अंदरुनी स्थिति अत्यंत गम्भीर बनी रही है । पनेटा के वहां पहुंचने के दिन हेलमंद प्रांत में सड़क बम का विस्फोट हुआ , जिस से नौ लोगों की मौत हुई । इसी बीच अफगान नागरिकों की अमरीका विरोधी भावना बुलंदी पर है । 13 मार्च को पूर्व अफगान क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने ओबामा की तस्वीर और क्रिश्चयन के प्रतीक क्राँस को आग से जला दिया और अफगान नागरिकों की हत्या करने वाले अमरीकी सैनिक को मृत्युदंड देने की अपील की । यह गोलीबारी घटना के बाद अफगानिस्तान में हुई प्रथम बड़े पैमाने वाली प्रदर्शनकारी गतिविधि ही है । बहुत ज्यादा व्यक्ति चिन्तित हैं कि कहीं इस गोलीबारी घटना से गत माह में अमरीकी सेना द्वारा कुरान आग से जलाये जाने की ही तरह समूचे अफगानिस्तान में नये दौर की हिंसक टक्कर उत्पन्न न हो ।

इस के अलावा विश्लेषकों का मानना है कि इस गोलीबारी घटना से अमरीकी अफगान रणनीति को कार्यांवित करने में रुकावट आयी है । हालांकि पनेटा और अन्य दूसरे अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि अमरीकी सैनिक द्वारा अफगान नागरिकों की हत्या किये जाने से 2014 के अंत से पहले अमरीकी सेना व नाटो सेना की अफगानिस्तान से वापसी की निर्धारित रणनीति पर असर नहीं पड़ेगा , पर विश्लेषकों ने फिर भी बताया है कि असल में इस गोलीबारी घटना से बड़ी हद तक अमरीकी अफगान संबंध पर असर पड़ गया है , अमरीका को उम्मीद है कि अफगान सेना के साथ घनिष्ठ सहयोग कर अफगान सरकारी सेना को पूर्ण रुप से सुरक्षा कार्य संभालने दिया जायेगा और तालिबान की वापसी की रोकथाम की जायेगी । इस के अलावा अमरीका की यह आशा भी है कि अपनी सेना की वापसी के बाद अफगानिस्तान में और कुछ सैनिकों की तैनाती बनी रहेगी । अब वह करजाई सरकार के साथ दीर्घकालिक फौजी सहयोग पर वार्ता कर रहा है , लेकिन अमरीका विरोधी बुलंद अफगान भावना से अमरीका की इस योजना को अल्पकाल में मूर्त रुप देना असम्भव है ।

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