बीबीसी ने कहा कि प्रधानमंत्री वन च्यापाओ ने संवाददाता सम्मेलन में फिर एक बार राजनीतिक व्यवस्था में सुधार की चर्चा की। वन ने कहा कि आर्थिक विकास के चलते चीन में असमान वितरण, ईमानदारी की कमी व भ्रष्टाचार आदि सवाल पैदा हुए। इन सभी सवालों के समाधान के लिए न सिर्फ आर्थिक व्यवस्था, बल्कि राजनीतिक व्यवस्था में सुधार भी करना चाहिए।
द डेली टेलीग्राफ की रिपोर्ट में वन च्यापाओ के हवाले से कहा गया है कि अब चीन में सुधार के गुंजीभूत दौर से गुजर रहा है। राजनीतिक व्यवस्था में सुधार के बिना आर्थिक सुधार नहीं हो पाएगा, यहां तकि कि सुधार में प्राप्त उपलब्धियां भी खो जाएंगी और सामाजिक सवालों का अच्छी तरह समाधान भी नहीं हो पाएगा।
द टाइम्स पर चीन से लौटे परिष्ठ अर्थशास्त्री की टिप्पणी छपी, जिसमें कहा गया है कि चीन की भविष्य विशाल होगी और चीन में प्रचलित सुधार के कदम कारगर हैं। चीन दुनिया में सबसे अहम आर्थिक शक्ति बन गया है, जिसका विश्व अर्थव्यवस्था पर प्रभाव जारी रहेगा। चीन में रोजगार की विशाल संभावना है।
(ललिता)