ग्यारहवीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के पांचवें वार्षिक सम्मेलन का संवाददाता सम्मेलन 14 मार्च को पेइचिंग में आयोजित हुआ। चीनी प्रधानमंत्री वन च्यापाओ ने संवाददाता के द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए तिब्बती बहुल क्षेत्र में हुए भिक्षुओं के आत्मदाह मामले को लेकर खेद व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि हाल में तिब्बती बहुल क्षेत्र में कई भिक्षुओं के आत्मदाह मामले हुए। हम सामाजिक स्थिरता व सामंजस्य को तोड़ देने वाली इस प्रकार की उग्रवादी कार्यवाही का विरोध करते हैं। युवा भिक्षु बेगुनाह हैं, उनकी ऐसी हरकत के प्रति हमें बहुत दुख लगती है।
वन च्यापाओ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि तिब्बत और स्छ्वान प्रांत के तिब्बती बहुल क्षेत्र चीन की प्रादेशिक भूमि का अभिन्न अंग है। धर्मशाला में स्थापित तथाकथित"तिब्बती निर्वासित सरकार" जो दलाई लामा के सीधे नियंत्रण में हो या उन के अप्रत्यक्ष प्रभाव में हो, राजनीतिक व धार्मिक मिश्रित वाली ही है, जिसका मकसद तिब्बत स्वायत्त प्रदेश व तिब्बती बहुल क्षेत्र को मातृभूमि से अलग कर देना है। इस सवाल पर हमारा रूख व सिद्धांत कभी नहीं बदलेगा।
(श्याओ थांग)