हाल में चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन और चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक पूर्णाधिवेशन पेइचिंग में आयोजित हो रहे हैं। चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के धार्मिक सदस्यों ने पांच मार्च को ग्रुप मीटिंग में प्रधान मंत्री वन च्या पाओ की सरकारी कार्य रिपोर्ट पर विचार विमर्श किया। इसलामी धर्म, बौद्ध धर्म, क्रिश्चियन धर्म, ताउ धर्म और कैथोलिक धर्म समेत इन पांच चीनी प्रमुख धार्मिक जगतों से आये सदस्यों ने अपने अपने भाषण में कहा कि प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने जो सरकारी कार्य रिपोर्ट पेश की है, उस में विशेष तौर पर जन जीवन पर जोर दिया गया है, जिस से चीन सरकार की ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता जाहिर हो गयी है। जबकि इस सरकारी कार्य रिपोर्ट में धार्मिक संगठनों, धार्मिक जगतों की हस्तियों और धार्मिक समुदायों के कानूनी अधिकारों व हितों की रक्षा जैसे विषयों का जो पहली बार उल्लेख किया गया है, उस से धार्मिक जगतों की हस्तियों को बड़ी प्रेरणा मिली है। उन का मानना है कि संबंधित कायदा कानूनों व नीतियों के समर्थन तले चीनी धार्मिक कार्य अवश्य ही तेजी से विकसित होगा।
चीनी इसलामी संघ के अध्यक्ष महा इमाम छन क्वांग य्वान ने कहा कि उन का ध्यान इस बात पर गया है कि प्रधान मंत्री वन च्या पाओ की एक घंटे 50 मिनट लम्बी रिपोर्ट ने 26 बार तालियां जीत लीं। उन्होंने कहा:
"यह एक उत्साहवर्धक रिपोर्ट है, प्रेरणामय रिपोर्ट है, मर्मस्पर्शी रिपोर्ट है, मानवता से ओतप्रोत रिपोर्ट है और यह रिपोर्ट भी है कि सरकार हमारे कार्य को बखूबी अंजाम देने को संकल्पबद्ध है।"
इस सरकारी कार्य रिपोर्ट में जन जीवन एक सब से चर्चित शब्द बन गया है। चीनी राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के सदस्य, चीनी बौद्ध धर्म संघ के अध्यक्ष आचार्य छ्वान इन ने कहा कि सरकारी कार्य रिपोर्ट बहुत यथार्थवादी है, क्योंकि यह रिपोर्ट किसी भी काम से नहीं कतरायी, जो काम पूरा हुआ है, सो हो गया है, जो कास पूरा नहीं हुआ है, वह अधूरा रह गया है, इसी संदर्भ में कोई छिप-छिपाने का सवाल नहीं है, इस से साबित हो गया है कि सरकार राज्य और जनता की जिम्मेदाराना सरकार ही है। आचार्य छ्वान इन का कहना है:
"सरकारी कार्य रिपोर्ट में 2012 में महत्वपूर्ण कार्यों का जो तफसील से उल्लेख किया गया है, वे सब के सब जन जीवन से जुड़े हुए हैं, सुनकर बहुत प्रभावित हुए हैं। चालू वर्ष आर्थिक व सामाजिक विकास का प्रमुख प्रत्याशित लक्ष्य यह है कि संकल घरेलू उत्पाद 7.5 प्रतिशत बढेगा, शहरों व कस्बों में रोजगारियों में 90 लाख से अधिक वृद्धि होगी और पंजीकृत बेरोजगारी दर 4.6 प्रतिशत से कम नियंत्रित किया जायेगा , यह सब कुछ जनजीवन से संबंधित है।"
85 वर्षिय आचार्य छ्वान इन चीनी राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के सब से बुजुर्ग सदस्य हैं। उन का कहना है कि जन जीवन को छोड़कर सरकारी कार्य रिपोर्ट में धार्मिक विषयों के बारे में जो चर्चा हुई है, उस से अपने पर गहरी छाप छोड़ी गयी है। मिसाल के लिये रिपोर्ट की तीसवीं पृष्ठ में बताया गया है कि यह जरुरी है कि धार्मिक विश्वास व स्वतंत्रता और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के धार्मिक कार्य सिद्धांतों का संजीदगी के साथ पालन किया जाये तथा धार्मिक संगठनों, धार्मिक जगतों की हस्तियों और धार्मिक समुदायों के कानूनी अधिकारों व हितों की रक्षा की जाए, ताकि वे आर्थिक विकास, सांस्कृतिक समृ्द्धि और सामाजिक सामंजस्य को बढावा देने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सके।
अनेक धार्मिक हस्तियों का विचार है कि धार्मिक संगठनों, धार्मिक हस्तियों और धार्मिक समुदायों के कानूनी अधिकारों व हितों की रक्षा का उल्लेख अतीत सरकारी कार्य रिपोर्टों में कभी नहीं हुआ था। यह नयी पेशकश कानूनी और नीतिगत तौर पर धर्मों के विकास को नयी गारंटी देगी। चीनी क्रिश्चियन की सान ची देशभक्तिपूर्ण आंदोलन कमेटी के अध्यक्ष फू श्येन वी ने कहा:
"हमें लगता है कि विभिन्न स्तरीय नेताओं की देखरेख और नीतिगत समर्थन के मद्देनजर धार्मिक जगतों को अपने कार्यों को बखूबी अंजाम देने के लिये अनुकूल स्थिति तैयार हो गयी है। कानूनी अधिकारों व हितों की रक्षा के आधार पर ही समाज, आर्थिक विकास और सामाजिक सामंजस्य व प्रगति के लिये तन मन से योगदान किया जा सकता है। इस सरकारी रिपोर्ट में धार्मिक नीतियों के कार्यांवयन, धार्मिक हस्तियों की सहायता और समूचे समाज के लिये योगदान जैसे विषय एक बहुत ऊंची बुलंदी पर ऱखे गये हैं।"
बहुत ज्यादा धार्मिक सदस्यों ने सकारात्मक धार्मिक भूमिका को कैसे निभाने के बारे में अपने सुझाव भी दिये हैं। मसलन तिब्बत से आये जीवित बुद्ध चमलीन। तेंजिनछिलय ने कहा कि धर्म अपनी सकारात्मक भूमिका अच्छी तरह निभाने के लिये समाजवादी व्यवस्था का अनुरुप बनना आवश्यक हैं। तिब्बती लामा बौद्ध धर्म सामंतवादी व्यवस्था में विकसित हुआ है, जिस में कुछ धार्मिक नियमों, कार्यक्रमों और कुछ धार्मिक संगठन व्यवस्थाओं को समाजवादी व्यवस्था से मेल खाना चाहिये। खासकर धार्मिक हस्तियों को अपने धर्म, जो सामाजिक विकास का अनुरुप होगा, पर प्रकाश डालना ही होगा। तिब्बती बौद्ध धर्म के जीवित बुद्ध तेंजिनछिलय ने कहा:
"धर्मों की सकारात्मक भूमिका निभाना और सामाजिक तकाजे के अनुरुप धार्मिक सिद्धांतों पर प्रकाश डालना महत्वपूर्ण है, इसी काम को बखूबी अंजाम देने से ही सकारात्मक धार्मिक भूमिका निभायी जा सकती है।"
कैथोलिक धर्म से आये सदस्य ल्यू पो न्येन का विचार है कि गत वर्ष उथल पुथल अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में कुछ देशों में राजनीतिक उपद्रव उत्पन्न हुआ, कुछ देशों में अस्थिरता पैदा हुई , सिर्फ चीन विभिन्न प्रकार वाली परीक्षाओं में खरा उतरा है, स्थिर रुप से अग्रसर रहा है, इस से समाजवादी श्रेष्ठता पूर्ण रुप से जाहिर हो गयी है। उन का मानना है कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व के बिना आज का चीन नहीं होता। कैथोलिक धर्म समेत सभी धर्म इतिहास के सब से बेहतरीन काल में हैं।
छिंगहाई प्रांत के शीनिंग शहर के तुंगक्वान मस्जिद के इमाम मा छांग छिंग ने अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा:
"धार्मिक हस्ति होने के नाते उन्हें सामाजिक स्थिरता, सामाजिक सामंजस्य, धार्मिक मेलमिलाप और जनजीवन सुधार को अपनी आंख व जान की तरह मूल्यवान समझना ही होगा। एकजुट व स्थिर स्थिति के बिना किसी भी काम की चर्चा व्यर्थ ही है।"
विचार विमर्श के दौरान धार्मिक जगत के सदस्यों ने सकारात्मक रुप से नये साल में राज्य के संपूर्ण विन्यास व नीतियों के बारे में अपने सुझाव दिये।
तिब्बत के जीवित बुद्ध तेंजिनछिलय ने कहा कि दलाई गुट ने धर्म से मातृभूमि के पुनरेकीकरण और जातीय एकता को जो भंग किया है, वह तिब्बती लामा बौद्ध धर्म के सामने मौजूद सबसे बड़ा सवाल है, इस लिये तोड़फोड़ और धर्म के जरिये मातृभूमि के पुनरेकीकरण को भंग करने की गतिविधियों का कड़ा विरोध करना चाहिये । उन के विचार में यह वर्तमान तिब्बत के लिये प्राथमिक कार्य ही है।
इस सरकारी कार्य रिपोर्ट में यह पेश किया गया है कि चालू वर्ष में धार्मिक संगठनों, धार्मिक हस्तियों और धार्मिक समुदायों के कानूनी अधिकारों व हितों की रक्षा की जायेगी, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक समृद्धि और सामाजिक सामंजस्य को बढावा देने में उन की सकारात्मक भूमिका पूर्ण रुप से निभायी जायेगी, जीवित बुद्ध तेंजिनछिलय को यह सुनकर बड़ी प्रेरणा मिली। उन का विचार है कि तिब्बत के लिये तिब्बती लामा बौद्ध धर्म की भूमिका अच्छी तरह निभाना एक बेहद कठोर कार्य ही है। उन्होंने कहा:
"कुंजीभूत सवाल यह है कि दलाई गुट विदेशों में धर्म के जरिये मातृभूमि को विभाजित करने और मातृभूमि के पुनरेकीकरण व जातीय एकता को भंग करने में लगा हुआ है, यह हमारे तिब्बती लामा बौद्ध धर्म के सामने खड़ा सब से गम्भीर मामला है और हमारी नियमित गतिविधियां चलाने की सब से बड़ी बाधा भी है। इसलिये हम अवश्य ही विभाजन करने और धर्म के जरिये मातृभूमि को तोड़फोड़ करने की गतिविधियों का कड़ाई से विरोध कर देंगे, यह तिब्बत का प्राथमिक कार्य ही है।"
छेमोलिन जीवित बुद्ध व्यवस्था तिब्बत के प्रसिद्ध जीवित बुद्ध अवतार व्यवस्थाओं में से एक है। इस व्यवस्था के पहले , द्वितीय और तीसरे जीवित बुद्ध तिब्बत के शासक रहे थे, जिन में पहले व द्वितीय जीवित बुद्ध आठवें व दसवें दलाई लामा के सुत्र गुरु भी रहे थे, उन का धार्मिक स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। 1950 में जन्मे तेंजिनछिलय तिब्बत के लहासा रहने वाले हैं और वे निर्दलीय व्यक्ति है, 1959 में वे छेमोलिन के पांचवें जीवित बुद्धि निश्चित हुए।
जीवित बुद्ध तेंजिनछिलय ने कहा कि वर्तमान तिब्बत में धार्मिक स्वतंत्रता नीति अच्छी तरह लागू हो गयी है। मसलन मठों या मंदिरों को बिजली, मार्गों, पानी, डाकतार और टेलिफान की सुविधाएं उपलब्ध हो गयी हैं, कुछ दूरस्त क्षेत्रों को यह सुविधा भी मिली है। पुराने तिब्बत में चिकित्सा बीमा प्रणाली नहीं थी, आम लोग बीमारी का इलाज करने में असमर्थ थे, पर अब आम लोगों से लेकर मठों के भिक्षुओं व भिक्षुणियों तक सबों को चिकित्सा बीमा उपलब्ध हुआ है। उन का मानना है कि यह सत्तारुढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और केंद्रीय सरकार द्वारा तिब्बत को दिलाया गया ख्याल ही है, इस से जाहिर है कि तिब्बती जनता व भिक्षु राज्य के विकास के सुफल का आनन्द उठाते हैं।
इस जीवित बुद्ध ने इस बात पर भी जोर देते हुए कहा कि तिब्बती लामा बौद्ध धर्म की कुछ प्रणालियों व संस्कारों के लिये लगातार विकास की नयी स्थिति और समाजवादी व्यवस्था का अनुरुप होना भी जरुरी है ।
चीनी प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने 6 मार्च को पेइचिंग में कहा कि जनजीवन के सुधार को तिब्बती क्षेत्रों के आर्थिक विकास का प्राथमिक कार्य बनाना चाहिये और ऐसे क्षेत्रों के पारिस्थितिकि संरक्षण कार्य को बखूबी अंजाम देने पर भी जोर दिया है ।
उसी दिन वन च्या पाओ ने पश्चिमी चीन के कानसू प्रांतीय प्रतिनिधि मंडल की मीटिंग में प्रतिनिधियों के साथ सरकारी कार्य रिपोर्ट पर विचार विमर्श किया। मौके पर चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि की हैसियत से आये कान नान क्षेत्र के तिब्बती लामा बौद्ध धर्म के जीवित बुद्ध कामूयांग ने प्रधान मंत्री वन च्या पाओ के साथ बातचीत की।
वन च्या पाओ ने कहा कि कामूयांग अपने पुराने दोस्त हैं, मुझे प्रतिनिधि बने हुए बीस साल हो गये हैं, वे मुझ से पुराने भी हैं।
कामूयांग ने जवाब में कहा कि ओहो, 15 साल हुए हैं।
64 वर्षिय कामूयांग 1951 में कानसू प्रांत के लाप्लंग मठ के छठें कामूयांग जीवित बुद्ध निश्चित हुए हैं। 15 साल पहले वे कानसू प्रांतीय प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि निर्वाचित हुए हैं। संयोग की बात है कि पहले वन च्या पाओ भी काम के कारण बीस साल पहले कानसू प्रांत के राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि भी निर्वाचित हुए। ठीक इसी कारण से वे दोनों पुराने दोस्त बन गये हैं।
कानूयांग ने प्रधान मंत्री वन च्यापाओ को कान नान तिब्बती क्षेत्र के आर्थिक व सामाजिक विकास से अवगत करा दिया:
"पांचवीं केंद्रीय तिब्बती कार्य संगोष्ठी में छलांग रुपी विकास व दीर्घकालिक अमनचैन को बनाये रखने के बारे में भारी निर्णय किया गया है, जिस से हमारे तिब्बती क्षेत्र नये एतिहासिक दौर में प्रविष्ट हो गय़े हैं। गत वर्ष केंद्रीय सरकार ने फिर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश, सछ्वान, युननान, कानसू और छिंगहाई इन चार तिब्बती क्षेत्रों को गरीबी उन्मूलन आंदोलन का प्रमुख अखाड़ा बना दिया, केंद्रीय सरकार की स्नेहपूर्ण देखरेख और समूचे देश की विभिन्न जातियों के पुरजोर समर्थन से तिब्बती क्षेत्रों की विभिन्न जातीय जनता अत्यंत प्रभावित हुई, तिब्बती क्षेत्रों में बसी सभी जातियों की जनता और अधिक एकताबद्ध हुई है और वह सुंदर जन्मभूमि का निर्माण करने को कृतसंकल्प भी है।"
कानसू प्रांत के राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि की हैसियत से वन च्या पाओ का ध्यान बराबर काननान तिब्बती क्षेत्र के विकास पर केंद्रित हुआ है। प्रधान मंत्री वन ने कहा कि इधर सालों में केद्रीय सरकार ने तिब्बती क्षेत्रों के आर्थिक व सामाजिक विकास में जो पूंजी लगायी है, वह काफी फलदायक है। साथ ही तिब्बती क्षेत्रों में बहुत ज्यादा काम करने ही हैं। उन का कहना है:
"जन जीवन के सुधार को तिब्बती क्षेत्रों के आर्थिक विकास का प्राथमिक कार्य बनाना आवश्यक है, इस के अलावा आर्थिक विकास फारमूले को बदलकर सन्साधन श्रेष्ठता को आर्थिक श्रेष्ठता का रुप देना भी जरुरी है। इस के अलावा तिब्बती क्षेत्रों के शिक्षा कार्य, खासकर व्यवसायिक शिक्षा का विकास करना चाहिये। ताकि बाच बच्चे स्कूलों में पढ़ सकें, विशेषकर युवा लोग व्यवसायिक शिक्षा के जरिये रोजगारी प्राप्त कर सके। साथ ही तिब्बती क्षेत्रों में पारिस्थितिकि संरक्षण, पारिस्थितिकि वातावरण का संरक्षण, विशेषकर घास मैदान वातावरण, नद नदियों के ऊपरी भागों के वातावरण का संरक्षण रखना निहायत जरुरी है।"
वन च्या पाओ ने कहा कि इन सभी कामों को मूर्त रुप देने के लिये कार्यकर्ताओं की भूमिका सब से प्रमुख है । उन्हें पार्टी की सभी सैद्धांतिक नीतियों को, खासकर जातीय व धार्मिक नीतियों का संजीदगी के साथ पालन करना और निस्वार्थ व स्वच्छ कार्य शैली से विशाल जन समुदाय की ओर हिमायत प्राप्त करना चाहिये।