चीन में बतौर संसदीय कांग्रेस के दो वार्षिक सत्रों के दौरान प्रधान मंत्री वन च्या-पाओ द्वारा दी गई सरकारी कार्य-रिपोर्ट की ओर व्यापक ध्यान चला गया है,खासकर इन बातों के लिए कि आर्थिक विकास के तौर-तरीकों को बदलने,आर्थिक विकास की गुणवत्ता व कारगरता को बढाने और आर्थिक विकास की दर को घटाकर 7.5 प्रतिशत करने पर जोर दिया गया है।यह रिपोर्ट सुनकर विदेशी मीडिया और विशेषज्ञों ने चीन की स्तिरता से आर्थिक विकास करने के लिए प्रशंसा की है।
रूसी—24 टी.वी चैनल ने टिप्पणी जारी कर कहा कि चीन अपनी आर्थिक विकास की नीति को सुधार रहा है, मतलब कि वह मात्रा पर जोर देने के पुराने तर्ज से हटकर गुणवत्ता पर जोर दे रहा है और बाहरी बाजारों पर निर्भरता को कम कर घरेलू जरूरतों को बढाने की कोशिश कर रहा है।चीन अपनी अनुमानित आर्थिक वृद्धि-दर को नीचा करने के साथ-साथ आर्थिक ढांजे में सकारात्मक समयोजन कर रहा है,ताकि घरेलू अर्थतंत्र का जटिल बाह्य वातावरण में भी स्थिर व स्वस्थ विकास हो सके।
जापानी अखबार निक्केई न्यूज ने अपने एक संपादकीय में कहा कि चीन में आर्थिक विकास स्थिरता पर केंद्रित किया जा चुका है।आर्थिक विकास के इंजन के रूप में घरेलू जरूरतों को बढाने पर प्रधान मंत्री वन च्या-पाओ ने विशेष जोर दिया है।
ब्रितिश फ़िनान्शल टाइम्स ने भी एक लेख प्रकाशिक कर कहा कि चीन में आर्थिक वृद्धि की गति को धीमा करना न सिर्फ आवश्यक है,बल्कि चीन की आशा भी है।जीडीपी में वृर्द्धि का कम होना सुधार में आड़े नहीं आएगा,बल्कि सुधार के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व भी है।
जर्मनी के फ़िनान्शल टाइम्स डेउत्सचलैंड के वेबसाइट पर लगे एक लेख में कहा गया है कि चीन सरकार ने अपने नागरिकों में महंगाई की दर को 4 प्रतिशत के आसपास नियंत्रित करने का लक्ष्य रखा है।इससे उपभोक्ताओं का बोझ हल्का होगा।
उधर संयुक्त राष्ट्र के उपमहासचिव नोएलेन हेईज़र ने कहा कि चीनी अर्थव्यवस्था में आइंदे भी स्थिरता के साथ-साथ विकास बना रहेगा।चीन एशिया-प्रशांत क्षेत्र समेत पूरे संसार के आर्थिक विकास में नई शक्ति का संचार करता रहेगा।