वर्ष 2011 के सितम्बर माह में चीन सरकार ने चीन का शांतिपूर्ण विकास शीर्षक श्वेत पत्र जारी किया था, जिसमें सारी दुनिया के आगे यह घोषित किया गया है कि शांतिपूर्ण विकास आधुनिक, शक्तिशाली व समृद्ध देश के निर्माण के लिए चीन का रणनीतिक विकल्प है और विश्व में स्थाई शांति व साझी समृद्धि की स्थापना में योगदान देने के लिए चीन का अनिवार्य चुनाव है। चीन अडिग रूप से दृढ संकल्प के साथ शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर कायम रहेगा।
6 सालों के बाद अपने इस नए श्वेत पत्र में चीन का यह दृढ़ रूख दोहराया गया है कि सारे विश्व में बड़ी कठिन स्थिति आने की घड़ी में भी चीन जिम्मेदाराना रवैये से काम लेगा।
इन दिनों, पेइचिंग में हो रहे चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के वार्षिक अधिवेशन में उपस्थित सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के सदस्य, केन्द्रीय वैदेशिक मामला कार्यालय के उप प्रधान छ्यो युन फिंग ने संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि विकास के लिए शांति के रास्ते पर चलना चीन का हमेशा का रूख है। पिछले 30 सालों के तथ्यों से सिद्ध हुआ है कि चीन ने अपने देश की वास्तविकता और युग की धारा से अनुकूल रास्ता अख्तियार कर लिया है।
शांतिपूर्ण विकास चीन का राजकीय संकल्प बन गया है, जो स्पष्ट शब्दों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी व सरकार के विभिन्न अहम दस्तावेजों में लिखित है। और जिसे चीनी नेताओं ने विभिन्न अन्तरराष्ट्रीय मौकों पर अनेक बार स्पष्ट कर दिया है, चीन के विभिन्न कामों में इस सिद्धांत पर अमल हो रहा है।
नए श्वेत पत्र में चीन की सुरक्षात्मक रक्षा नीति एवं स्वतंत्र व शांतिनिष्ठ विदेश नीति को दोहराये जाने के अलावा यह भी जाहिर किया गया है कि नई अन्तरराष्ट्रीय परिस्थिति में चीन सक्रिय रूप से राजनयिक कार्यवाही में भाग लेने जा रहा है।
बीते दस सालों में अन्तरराष्ट्रीय परिस्थिति में भारी बदलाव आ रहा है, तरह तरह की घटनाएं हुआ करती है, इस के दौरान चीन अपने रास्ते पर कायम रहते हुए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सक्रिय व सहज रूप से चुनौतियों का सामना करता रहता है और एक जिम्मेदार देश होने की छवि दिखायी है।
चीनी विदेश मंत्री यांग च्येछी ने 6 मार्च को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले दस सालों में चीन की राजनयिक कार्यवाहियों में जो भारी प्रगति हुई है, उसे तारीफ प्राप्त हुई है और देश के मान की रक्षा भी की गयी है। उन्होंने कहाः
बीते दस सालों में विश्व में बड़ा विकास, बड़ा परिवर्तन और व्यापक हेरफेर हुआ है, चीन के राजनयिक कार्य में शानदार उपलब्धियां हासिल हुई हैं। हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में समग्र परिस्थिति को महत्व देते हुए उचित रूप से चुनौतियों का मुकाबला करेंगे और सक्रिय रूप से नई स्थिति का सृजन करेंगे और देश के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए हितकारी बाह्य स्थिति तैयार करने का प्रयास करेंगे।
निस्संदेह, विश्व की परिस्थिति में भारी बदलाव आने के कारण चीन और विश्व के बीच संबंधों में भी जटिल परिवर्तन आ रहा है। चीन की शक्ति लगातार बढ़ते जाने की वजह से कुछ लोगों को चीन के रणनीतिक ध्येय पर संदेह भी हुआ, इसलिए चीन नए परिवर्तन के अनुकूल लचीला, व्यावहारिक व रचनात्मक नीति के साथ विभिन्न देशों के साथ मामलों का निपटारा करेगा।
अपनी शक्ति के बढ़ने के बाद भी चीन जिम्मेदाराना रूख अपनाता है और प्रभुत्व के लिए कभी कोशिश नहीं करेगा और शांति व सहयोग के रूप में विभिन्न देशों के साथ मिलकर साझे विकास के लिए प्रयत्नशील रहेगा। इस पर राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के सदस्य, चीन के मध्यपूर्व सवाल के विशेष दूत वु शख ने कहाः
चीन विश्व को अपनी शांति, समानता व आपसी लाभ वाली बुनियादी नीति दिखाएगा और चीनी परंपरागत संस्कृति में गर्भित शांति व सहयोग की भावना से लोगों को असली चीन दिखाएगा, हम दूसरों के हितों की कीमत पर अपना हित नहीं बनाएंगे, हम शांति, सहयोग और साझी विजय के लिए प्रयास करेंगे।
वर्ष 2012 में अन्तरराष्ट्रीय परिस्थिति में गहरा परिवर्तन आ रहा है, इस के दौरान अनेकों अप्रत्याशीत घटनाएं घटित हो सकती हैं, चीन के सामने शीतयुद्ध के बाद सब से जटिल व गंभीर क्षेत्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्थिति आएगी। राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के स्थाई सदस्य, वैदेशिक कार्य कमेटी के उपाध्यक्ष, पूर्व उप विदेश मंत्री वु तावी ने कहा कि शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर कायम रहना चीन की अहम राजकीय नीति है, अब चीन इस नीति पर कायम रहा है, भविष्य में भी कायम रहेगा, चीन की यह नीति कभी भी नहीं बदलेगी।