5 मार्च की सुबह, चीनी राज्यसत्ता के सर्वोच्च अंग यानी चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का वार्षिक सम्मेलन राजधानी पेइचिंग में शुरू हुआ, 3000 प्रतिनिधियों से खचाखच बृहत जन सभा भवन में चीन के आर्थिक व सामाजिक विकास की वार्षिक योजना पर फैसले लिये जा रहे हैं।
5 मार्च की सुबह 9 बजे, 11वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का पांचवां अधिवेशन उत्घाटित हुआ, जिसमें चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने चीनी राज्य परिषद की ओर से सरकारी कार्य रिपोर्ट दी। उन्हों ने कार्य रिपोर्ट में पिछले साल के सरकारी कार्यों का सारांश निकाला और इस साल के कार्यों की योजना पेश की। चीन सरकार के लिए वर्ष 2012 एक विशेष वर्ष होगा। प्रधान मंत्री वन चापाओ ने सरकारी कार्य रिपोर्ट में कहाः
इस साल, 12वीं पंचवर्षीय योजना का अंतिम साल है, जो बहुत महत्वपूर्ण है, साथ ही वह मौजूदा चीन सरकार के कार्य काल का अंतिम साल भी है। इसलिए हम कर्तव्यपरायणता, बड़े संकल्प, दृढ इच्छा-शक्ति के साथ अपने कार्य़ को संतोषपूर्वक पूरा करने के प्रतिबद्ध हैं।
प्रधान मंत्री वन चापाओ ने सरकारी कार्य रिपोर्ट में वर्ष 2012 के लिए चीन की आर्थिक व सामाजिक विकास के ये मुख्य लक्ष्य पेश किए हैः सकल घरेलू उत्पादन मूल्य में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हो, शहरों व कस्बों में रोजगार के 90 लाख नए अवसर हो, बेरोजगारी दर 4.6 प्रतिशत तक सीमित हो, महंगाई की दर 4 फीसदी से नीची हो और आयात निर्यात की कुल रकम में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो।
लक्ष्यों में जीडीपी की दर पिछले साल की 8 प्रतिशत से घटाकर 7.5 कर दी गयी है, यह कटौती चीन सरकार के मौजूदा सत्र में पहली बार पेश की गयी है। इसपर प्रधान मंत्री वन चापाओ ने कहाः
मैं विशेषकर यह बताना चाहता हूं कि जीडीपी की वृद्धि दर को थोड़ा सा कम किया गया है, इस का मुख्य कारण यह है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान विभिन्न कार्यों का जोर आर्थिक विकास के तौर तरीकों में बदालव लाने और आर्थिक विकास की क्वालिटी उन्नत करने पर दिया जाना चाहिए, ताकि दीर्घकाल तक और अधिक उच्च व गुणवान विकास प्राप्त हो सके।
इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत सी कठिनाइयों को दूर करना बाकी है। प्रधान मंत्री वन चापाओ ने कार्य रिपोर्ट में यह स्वीकार किया है कि चीन के सामने आगे विकास के लिए अनेक दिक्कतें व चुनौतियां मौजूद हैं, अन्तरराष्ट्रीय क्षेत्र में वित्तीय संकट बढ़ता जा रहा है और कुछ देशों के संप्रभु कर्ज संकट का अल्प समय के भीतर समाधान नहीं हो पा रहा है और देश के अन्दर भी ढांचागत विषमतों का निवारण, आर्थिक संचालन में असंतोलन व असामंजस्य एवं निरंतरताहीनता सवाल का समाधान शेष है। इन मुश्किलों को दूर करने के लिए चीन सरकार क्या करेगी। इस के बारे में प्रधान मंत्री वन चापाओ ने कहाः
हमें चाहिए कि इस साल के सभी कार्यों को अच्छा पूरा करने की अथक कोशिश करें, मुख्य कार्यों पर प्राथमिकता दें, योजनाबद्ध और संतुलित प्रगति बढ़ाते हुए उत्पादन की वृद्धि, चीजों के दामों पर नियंत्रण, ढांचागत समायोजन, जनजीवन के सुधार, सुधार को बढ़ावा और सामंजस्य को बढ़ाया जाएं।
लोकमतों का मानना है कि प्रधान मंत्री के इन बातों से यह आम धारणा व्यक्त हुई है कि आर्थिक विकास में साधक कदम होना चाहिए। वर्ष 2008 में जब चीन सरकार का वर्तमान सत्र शुरू हुआ, उससमय विश्व भर में वित्तीय संकट मचने लगा। इससे निपटने के लिए चीन सरकार ने साधक कदम के साथ प्रगति पाने की नीति लागू की। चार साल के बाद सरकारी कार्य रिपोर्ट में फिर एक बार यह नीति दोहरायी गयी और सरकार के 9 मुख्य कार्यों में उसे भी शामिल किया गया। क्योंकि वर्तमान में चीन के छोटे मझोले कारोबारों में अनेक कठिनाइयां पैदा हुई हैं, इसलिए आर्थिक विकास के लिए संभल कर चलने की जरूरत है। प्रधान मंत्री वन चापाओ ने कहाः
देश के आर्थिक विकास में दीर्घकालीन, तेज व सुस्थिर वृद्धि के लिए अन्दरूनी मांगों का विस्तार करना इस साल का मुख्य काम है। इस केलिए अनेक उपाए भी प्रस्तुत किए गए है जैसाकि मध्यम व निम्न आय वालों की आमदनी में वृद्धि, वृद्ध परवरिश काम का सामाजिकीकरण, सेवा के कार्य का विकास, उपभोक्ता के लिए अधिक कर्ज, चीजों के दामों को स्थिर बनाना और सुस्थिर वित्तीय नीति पर अमल इत्यादि।
सरकारी कार्य रिपोर्ट में सुधार के जरिए प्रगति पाने का सिद्धांत पेश किया गया है। प्रधान मंत्री वन चापाओ ने कहा कि सुधार और खुलेपन चीन के भविष्य को तय करने का सही विकल्प है, वैज्ञानिक ढंग से संपूर्ण तौर पर आर्थिक व राजनीतिक सुधार के विभिन्न कार्यों को पूरा करने से विभिन्न कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है। जाहिर है कि चीन सरकार आगे इस पर कायम रहते हुए वर्ष 2012 में नई तरक्की हासिल करेगी।