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मधुर गीतों में तिब्बती पंचांग के नए साल का मज़ा
2012-02-27 16:27:09

22  फरवरी को चीनी तिब्बती लोगों का परम्परागत त्योहार---तिब्बती पंचांग का नया साल होगा। तिब्बती पंचांग के अनुसार यह तिब्बत में वसंत शुरू होने का दिन है। चीन के भीतरी इलाके में 22 जनवरी को  वसंत त्योहार मनाया गया, लेकिन तिब्बत पठार में बसे तिब्बती लोग 22 फरवरी से अपना परम्परागत त्योहार वसंतोत्सव मनाना शुरू करेंगे। तो आज के इस कार्यक्रम में हम तिब्बती लोगों के साथ त्योहार की खुशियां मधुर तिब्बती गीतों के जरिए मनाएंगे। मैं पेश करूंगी कई तिब्बती लोक गीत। सबसे पहले आप सुनिए यह गीत।"गाते हैं मदिरा का गीत", जिसमें त्योहार के दिनों में तिब्बतियों की खुशियां जाहिर होती हैं।

------गीत 1------

आप सुन रहे हैं तिब्बती लोकगीत《गाते हैं मदिरा का गीत》। तिब्बती जाति के कई परम्परागत त्योहार हैं और त्योहारों को मनाने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं। लेकिन इसमें हमेशा मदिरा व गीत जरूरी होता है। त्योहार के दिनों में परिजनों के साथ पार्टी होती है, उस समय तिब्बती लोग मदिरा गीत गाते हैं। शादी की रस्म के दौरान तिब्बती लोग नाचने के साथ मदिरा गीत गाते हैं।《गाते हैं मदिरा का गीत》की धुन तेज़ ही नहीं, बहुत उत्साहपूर्ण है, जिसमें मधुर मदिरा के गुणगान से तिब्बती लोगों के सीधे सादे व्यवहार, मेहमाननवाजी की भावना अभिव्यक्त होती है। गीत में कहा गया है

ऊंची आवाज़ में गाते हैं

मदिरा का गीत

तिब्बती पुरूष है छ्यांगबा

बहुत ज्यादा हैं मधुर गीत

पीते हैं मधुर मदिरा

नशा नहीं होता

तो गीत गाता रहता

छ्यांगबा है एक किसान

खुशी के साथ लेता है

मदिरा का मज़ा

शराब पी सरते हैं

यांत्सी व पीली नदी के पानी से ज्यादा

दोस्तो, तिब्बती लोग मदिरा के गीत से पवित्र प्रेम, फ़सलों की खुशियां, जीवन की सुन्दरता का वर्णन करते हैं और साथ ही मदिरा गीतों के जरिए दूसरों को शुभकामनाएं भी देते हैं। अब आप सुनिए एक और मदिरा गीत। नाम है《मधुर मदिरा दोस्त के सम्मान में》, जो तिब्बती जाति के मदिरा गीतों का प्रतिनिधित्व है। गीत के बोल कुछ इस प्रकार हैं

मधुर मदिरा को देते हैं

महान भगवान के सम्मान के लिए

मधुर मदिरा को देते हैं

महान माता पिता के सम्मान में

मधुर मदिरा को देते हैं

मित्रों की शुभकामनाओं के लिए

------गीत 2------

दोस्तो, नये साल में तिब्बती लोग पटाखे जलाते हैं और जौ की शराब और घी पीते हैं, तिब्बती ओपेरा और स्थानीय ओपेराओं की प्रस्तुतियां पेश की जाती हैं और तिब्बती चरवाहे आग जलाकर रातभर गाते नाचते हैं । इसी दौरान तिब्बती लोगों के बीच कई लोकप्रिय प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं । नए साल में तिब्बती लोग खूब मज़ा लेते हैं ।अच्छा, तिब्बती पंचांग के नए साल के मौके पर हम साथ-साथ खुशियां मनाते हैं उक्त दो मदिरा गीतों के जरिए। कार्यक्रम के अगले भाग में आप सुनिए《चरवाहे का गीत》।

------गीत 3 ------

आप सुन रहे हैं 《चरवाहे का गीत》नामक तिब्बती लोकगीत। इस मधुर व ऊंची आवाज़ वाले गीत से लोगों को छिंगहाई तिब्बत पठार के विशाल घास के मैदान में ले जाया जाता है। पठारीय चरवाहे आसमान को पर्दे और जमीनी शिविर बनाकर घास के मैदान पर रहते हैं। चरवाहे गीत तिब्बती चरवाहों के घुमंतू जीवन का एक अंग है, जिससे वे अपने जीवन में खुशियां और गम दिखाते हैं। अब आप जो गीत सुन रहे हैं, वह उत्तर तिब्बत क्षेत्र में बसे चरवाहों द्वारा चरागाह के समय गाए गए गीतों में से एक है। गीत के बोल इस प्रकार हैं

चार साल का नन्हा घोड़ा है

हमारा प्यारा बच्चा

तीन साल की भेड़ है

हमारा प्यारा बच्ची

ऊपजाऊ घास के मैदान हैं

भेड़ बकरों का जन्मस्थान

दोस्तो, तिब्बती लोग कठोर प्राकृतिक पठारीय क्षेत्र में रहते हैं, उनके पास विशेष उत्पादन व जीवन के तरीके होते हैं। तिब्बत में मकान निर्माण के लिए मुख्य तौर पर आगा नामक विशेष स्थानीय मिट्टी का प्रयोग किया जाता है, जिससे बनाए गए मकान बहुत मजबूत ही नहीं, सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडे लगते है। तिब्बती लोग आम तौर पर लकड़ी के हथौडे से आगा मिट्टी पीटते हैं, पीटी गई आगा मिट्टी ज्यादा अच्छी तरह प्रयोग की जा सकती है। आगा मिट्टी पीटने के वक्त तिब्बती लोग गोल बनाकर एकीकृत कार्रवाई में मधुर धुनों के साथ गाते हुए काम करते हैं। अगर तिब्बतियों को इस प्रकार का परम्परा मालूम नहीं होता, तो दूसरे लोग शारीरिक श्रम के बजाए नाचगान समझते हैं। तो कार्यक्रम में आप सुनिए इस प्रकार का तिब्बती लोकगीत। नाम है《दीवार मिट्टी पीटने का गीत》। गीत में कहा गया है

------गीत 4------

अरे युवक युवती

आओ मदद करने के लिए

हम साथ साथ पीटें

दीवार की मिट्टी

पीटने के बाद निर्माण करेंगे

एक नया मकान

नए मकान में नए दंपति का है

जीवन बहुत सुखमय है

विशाल व शानदार छिंगहाई तिब्बत में रहने वाले तिब्बती लोग बहुत उत्साहपूर्ण हैं। गंभीर प्राकृतिक वातावरण से उनकी मेहनत व साहसी भावना पैदा होती है। इस तरह तिब्बती लोकगीत विशाल व उत्साहपूर्ण भी लगते हैं। आगे आप सुनिए《केसांग ला》नामक तिब्बती लोकगीत, जिसमें मधुर धुनों के साथ दोस्तों, व परिजनों व रिश्तेदारों के बीच रहने के सुनहरे समय का वर्णन किया गया है। गीत के बोल इस प्रकार हैं

------गीत 5------

सुनहरे समय में एक साथ रहते हैं हम

आनंद व खुशहाल का मज़ा लेते हैं

शुभकामनाएं देते हैं हम

इसी सुन्हरे क्षण के लिए

कामना है हर व्यक्ति स्वस्थ रहे

मंगलमय होगा हमेशा

तिब्बती जाति नाचगान निपुण वाली जाति है। चाहे आम जीवन में हो

या त्योहार के दिनों में, लोग नृत्य व गीत संगीत के जरिए अपनी खुशियां प्रकट करते हैं। नाचगान तिब्बती लोगों के मनोरंजन का प्रमुख तरीका बन जाता है। इस तरह तिब्बतियों के बीच रंगारंग लोकगीत प्रचलित हैं। अब आप सुनिए《वापसी》नामक तिब्बती पहाड़ी गीत।

------गीत 6------

आप सुन रहे हैं《वापसी》नामक तिब्बती पहाड़ी गीत। इसमें तिब्बती

लड़के का अपनी प्रेमिका के प्रति गहरा प्यार व्यक्त हुआ है। वह दूर से अपनी प्रेमिका के लिए बहुत ज्यादा मूल्यवान उपहार वापस लाता है।

अच्छा दोस्तो, आज का कार्यक्रम समाप्त होने से पूर्व आप सुनिए एक और

तिब्बती लोकगीत। नाम है《आमा लाईहोंग》, जिसमें अनाज की फ़सल के वक्त तिब्बती लोगों की खुशियां व्यक्त हुई हैं । गीत के बोल हैं

अगस्त माह में शरद ऋतु आ रही है

हमारी अनाज की फसल पक रही है

स्वर्ण जौ का ढेर

पहाड़ से ऊंचा है

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