21 फरवरी को उत्तरी अफगानिस्तान के पारवान प्रांत में स्थित अमेरिकी सेना के बागराम वायु सेना के अड्डे के बाहर हजारों अफगान लोगों ने अमेरिकी सेना द्वारा 20 फरवरी को कुरान जलाये जाने की घटना के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। अमेरिकी सेना द्वारा कुरान जलाने की घटना को लेकर अफगानिस्ता में तैनात अमेरिकी सेना के कमांडर जॉन अल्लेन ने खेद प्रकट किया और इस घटने की पूरी तरह जांच करने का आदेश दिया। लोकमतों का कहना है कि कुरान जलाये जाने की घटना का अमेरिका अफगानिस्तान संबंध पर कुप्रभाव पड़ेगा।
अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी वायु सेना का बागराम अड्डा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के उत्तर में 60 किलोमीटर दूर स्थित है। 20 फरवरी की रात सैनिक अड्डे में तैनात अमेरिकी सैनिकों ने कुरान सहित अनेक इस्लामी धार्मिक ग्रंथों को कचरा मैदान में पहुंचाकर वहां आग में जलाया, इस घटना को मीडिया के द्वारा सार्वजनिक किये जाने के बाद अफगान लोगों में जबरदस्त असंतोष भड़क उठा। 21 फरवरी को अमेरिकी सैनिक अड्डे के द्वार पर दो हजार से ज्यादा क्रोधित अफगान लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, कुछ प्रदर्शनकारियों ने बंदुक से हवा में गोली चला कर अपना क्रोध प्रकट किया, कुछ ने टायर जलाया और कुछ ने सैनिक अड्डे के द्वार पर पत्थर और गैस के बम दे मारे । अमेरिकी सैनिक अड्डे के पहरेदार सैनिकों ने चौकियों पर से प्रदर्शनकारियो पर रबर की गोलियां चलायीं, जिस से कम से कम 7 प्रदर्शनकारियों को चोट लगी।
21 तारीख को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भी सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन निकाला। उन्होंने काबुल से जलालाबाद प्रांत को जाने वाले मार्ग पर नाकेबंदी लगायी। प्रदर्शनकारियों ने कहा, विदेशी सेना ने दोबारा हमारी पवित्र किताब – कुरान को जला डाला है, तो हम उन से अफगानिस्तान को छोड़ने की मांग जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान के लिए शांति नहीं ला सकती, तो उसे अपना घर को जाना होगा। उसे अफगानिस्तान से हट जाना चाहिए, नकि हमारे धर्म व विश्वास का अपमान करती। अगर ऐसी घटना फिर एक बार हुई, तो हम अपने पवित्र कुरान तथा धार्मिक विश्वास की रक्षा करेंगे, इसकेलिए हम अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे।
अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने भाषण में कहा कि अफगान सुरक्षा बल ने प्रदर्शनकारियों पर काबू करने की कोशिश की है, उसी दिन वहां की स्थिति नियंत्रण में आ गयी है।
अफगानिस्तान में आम लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन की घटना घटित होने के बाद अफगानिस्तान में तैनात नाटो की अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता टुकड़ी व अमेरिकी सेना के कमांडर जनरल जॉन अल्लेन ने अपने वक्तव्य में अमेरिकी सेना के द्वारा कुरान जलाये जाने की घटना पर खेद जताया । उन्होंने कहा कि हम इस घटना की पूरी तरह जांच करेंगे और इस प्रकार की घटना को एक बार फिर घटित नहीं होने देने के लिए कदम उठाएंगे, मैं आप लोगों को वचन देता हूं कि यह घटना जानबुझ से नहीं की गयी है।
अफगान युद्ध अब दस साल तक चला है, इस युद्ध के कारण अफगान लोगों में अमेरिकी सेना के प्रति बड़ा असंतोष पैदा हुआ है, अमेरिकी सेना द्वारा कुरान जलाये जाने की इस नयी घटना से अफगान लोगों में फिर एक बार अमेरिका विरोधी भावना भड़क उठी। पिछले महीने में एक वेबसाइट पर यह विडियो दिखाया गया है जिस में अमेरिकी सैनिक मारे गए तालिबान लड़ाकों के शवों का अपमान करते हुए दिखाई देते हैं। अमेरिकी सेना की इस हरकत की अफगान सरकार ने कड़ी निन्दा की और घटना से अफगान लोगों में भी आक्रोश भड़का। फिर भी इस प्रकार की घटनाएं लगातार हुआ करती हैं। लोकमतों का कहना है कि अमेरिका अब तालिबान के साथ समझौता वार्ता करने की कोशिश में है, किन्तु अफगान लोगों में अमेरिका विरोधी भावना लगातार भड़कने से निस्संदेह अमेरिका अफगानिस्तान संबंध तथा अफगानिस्तान के प्रति अमेरिका की भावी रणनीति पर बड़ा प्रतिकूल असर पड़ेगा।