चीन सरकार के विशेष दूत, उप विदेश मंत्री ज्ये चुन ने 18 फरवरी को सीरिया की दो दिवसीय यात्रा समाप्त की. यात्रा के दौरान उन्होंने सीरिया सरकार तथा विरोधी पक्ष सहित विभिन्न संगठनों से संपर्क किया । सीरिया सरकार और संबंधित विरोधी पक्ष ने कहा कि चीन ने सीरिया सवाल के समाधान में अहम भूमिका अदा की है, वे चीन के साथ घनिष्ट संपर्क कायम करने को तैयार हैं। अपनी यात्रा के दौरान चीनी विशेष दूत ज्ये चुन ने कहा कि चीन सरकार सीरिया की स्थिति पर बड़ा ध्यान देती है। श्री ज्ये चुन ने सीरिया में वहां के राजनेताओं व सरकारी अधिकारियों के साथ भेंट वार्ता के अलावा सीरिया के कुछ विरोधी दलों के साथ भी संपर्क किया, जिसमें विरोधी पक्ष ने सीरिया की स्थिति पर अपना विचार व अपनी मांग बतायी है। विशेष दूत के इन प्रयासों से जाहिर है कि चीन सीरिया के सभी पक्षों के साथ सहयोग और संपर्क करने को तैयार है और अपनी राजनयिक कोशिशों में सीरिया की वास्तविकता और जन हितों का पर्याप्त ख्याल रखता है, इससे जाहिर है कि सीरिया सवाल पर चीन का रूख न्यायपूर्ण और जिम्मेदाराना है। इस के बारे में चीनी अन्तरराष्ट्रीय सवाल अनुसंधान संस्थान के शौधकर्ता श्री ली क्वो फू ने कहाः चीन सरकार के विशेष दूत की हैसियत से उप विदेश मंत्री ज्ये चुन की मौजूदा सीरिया यात्रा इस बात का द्योतक है कि चीन वर्तमान सीरिया स्थिति पर बहुत चिंतित है और इसपर बड़ा ध्यान देता है। चीन की उम्मीद है कि सीरिया सरकार जन-आदेश के अनुसार लोकतांत्रिक सुधार करेगी, साथ ही चीन सीरिया के विभिन्न विरोधी दलों से चाहता है कि वे सीरियाई जनता के सर्वाधिक व दीर्घकालीन हितों का ख्याल रखें। चीन ने सीरिया के हित में बहुत से काम किए हैं, विश्वास है कि सीरियाई जनता चीन की मध्यस्थता को समझ ले। चीनी विशेष दूत की मौजूदा यात्रा का मुख्य मकसद सीरिया की विभिन्न राजनीतिक शक्तियों को हिंसा बन्द करने के लिए प्रेरित करना है। चीन बेगुनाह नागरिकों के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसक कार्यवाही की निन्दा करता है और सीरिया सरकार व विरोधी पक्ष से तुरंत और चौतरा तौर पर हिंसा बन्द करने तथा बिना पूर्वशर्त के ईंमानदार राजनीतिक वार्ता शुरू करने एवं जल्दी ही देश में स्थिरता व सामान्य व्यवस्था बहाल करने का आग्रह करता है। चीन का यह काम सीरिया की जनता के हित में है, इससे सीरिया सवाल के शांतिपूर्ण समाधान के लिए चीन का विकल्प व संकल्प व्यक्त हुआ है। शौधकर्ता ली ने कहाः मुझे लगता है कि हिंसा को रोकना, बाहरी शक्तियों को सीरिया की स्थिति में दखलंदाजी करने से रोक देना तथा राजनीतिक वार्ता व लोकतांत्रिक सुधार करना और सीरिया में सामान्य सामाजिक व्यवस्था बहाल करना अधिकांश सीरियाइयों की अभिलाषा है। अधिकांश सीरियाई लोग हिंसा और मुठभेड़ों का विस्तार नहीं चाहते हैं। असल में सीरिया का सवाल किसी एक देश का भीतरी मामला है, बाहरी शक्ति का हस्ताक्षेप वहां की स्थिति को शांत बनाने केलिए होना चाहिए, नकि उसे जटिल बनाने के लिए। चीन सीरिया के संकट के राजनीतिक समाधान केलिए अरब लीग के मध्यस्थ प्रयासों का समर्थन करता है और विभिन्न पक्षों से अरब लीग के ढांचे में सीरिया सवाल को हल करने की अपील करता है। चीन के रवैये से सीरिया सवाल केलिए व्यावहारिक समाधान का रास्ता पेश हुआ है जो सीरिया संकट के शांतिपूर्ण समाधान के अनुकूल है। चीन का रूख बहुत सकारात्मक और रचनात्मक है, जिसे सीरिया के विभिन्न पक्षों की समझ मिली है। चीन एक जिम्मेदाराना देश है और कड़ाई से संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांत व प्रचलित अन्तरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मापदंड का पालन करता है और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के खिलाफ किसी भी प्रकार के बल प्रयोग का विरोध करता है, चीन ने सुरक्षा परिषद में सीरिया सवाल के प्रस्ताव मसौदे के विरूद्ध वीटो कर दिया और संयुक्त राष्ट्र महा सभा में सीरिया संबंधी प्रस्ताव के विपक्ष में वोट डाला है, इसी तरह चीन ने सीरिया सवाल के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपना प्रयास किया है। इसपर शौधकर्ता ली ने कहाः मेरे विचार में चीन ने सीरिया सवाल पर अपना काम किया है, चीन का सबसे अहम काम यह है कि सुरक्षा परिषद में उस प्रस्ताव को वीटो कर दिया, जिससे सीरिया की प्रभुसत्ता के उल्लंघन, सीरिया की स्थिति को बिगाड़ने तथा बाहरी सशस्त्र शक्तियों को सीरिया में हस्ताक्षेप करने का मौका देने की संभावना है। सीरिया अब विभिन्न राजनीतिक शक्तियों के लिए जोर-आजमाइश करने का अखाड़ा बन गया है। कोई सीरिया का राजनीतिक सुलह चाहता है, तो कोई अपने स्वार्थ के लिए सीरिया की स्थिति को गड़बड़ बनाने की कुचेष्टा करता है। चीनी विशेष दूत की मौजूदा यात्रा का क्या नतीजा निकलेगा और सीरिया की स्थिति कैसी होगी, अभी बताना मुश्किल है। किन्तु चीन का रूख दृढ़ व स्पष्ट है, चीन सरकार के प्रयास सर्वविदित है।