दोस्तो , चीनी उप राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग 13 फरवरी को अमरीका की औपचारिक यात्रा के लिये पेइचिंग से रवाना हुए । यह चीन अमरीका संबंधों की एक बड़ी घटना ही नहीं , चीन व अमरीका दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आपसी यात्रा की प्रवृति को बनाये रखने का एक महत्वपूर्ण आयाम भी है , यह यात्रा दोनों देशों के राज्याध्यक्षों के बीच संपन्न सहमति को मूर्त रुप देने , दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान , पारस्परिक लाभ और उभय जीत वाले सहयोग व साझेदार संबंध को बढावा देने में अहम भूमिका निभाएगी ।
राष्ट्रपति ओबामा के पदावधि के दौरान ओबामा और हू चिन थाओ ने एक दूसरे के यहां की यात्रा की , साथ ही क्रमशः नवम्बर 2009 और जनवरी 2011 में दोनों संयुक्त वक्तव्य संपन्न किये , जिन में चीन अमरीका संबंधों के विकास व परिवर्तन को प्रतिबिंबित हुआ ही नहीं , बल्कि दोनों देशों के संबंधों के विकास के बारे में सोच विचार व आयाम भी प्रस्तुत किये गये हैं और यह तीनों विज्ञप्तियों का एक महत्वपूर्ण पूरक ही है । दोनों देशों के नेताओं ने यह निश्चय किया है कि दोनों देश आपसी सम्मान , पारस्परिक लाभ व उभय जीत वाले सहयोग व साझेदार संबंध के निर्माण की समान कोशिश करेंगे । यह चीन अमरीका संबंधों का एक नया सकारात्मक मूल्यांकन है , जिस से दोनों देशों के विकास की नयी दिशा निर्दिष्ट हो गयी है ।
बंदोबस्त के अनुसार उप राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग अमरीका के तीन स्थलों की यात्रा पर जा रहे हैं , उक्त तीनों स्थलों की यात्रा के दौरान वाशिंगटन में दोनों पक्षों के बीच आर्थिक वार्ता की जायेगी , एओवा स्टेट में कृषि वार्ता की जायेगी और लोसएंजेल्स में आर्थिक व व्यापारिक वार्ता की जाएगी ।
उप राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा , उप राष्ट्रपति बाडेन , विदेश मंत्री हिलारी क्लिंगटन , राष्ट्रीय रक्षा मंत्री पानेट्टा और प्रतिनिधि सभा व सीनेट तथा दोनों पार्टियों के नेताओं के साथ भेंट व वार्ता करेंगे , साथ ही दोनों पक्ष दोनों पक्षों के दिलचस्पी वाले द्विपक्षीय , क्षेत्रीय व भूमंडलीय मामलों पर स्पष्टवादिता और गहराई से विचारों का आदान प्रदान कर देंगे , जिस का दोनों पक्षों की आपसी समझ , आपसी विश्वास और दोनों देशों के सहयोग को सुदृढ़ बनाने के लिये भारी महत्व है । चीन व अमरीका दोनों देशों की राष्ट्रीय परिस्थितियां अलग अलग हैं , कुछ मामलों पर मौजूद मतभेद स्वाभाविक ही है । लेकिन दोनों देशों के समान हित मतभेदों से कहीं अधिक है , सहयोग दोनों देशों के संबंधों की मुख्य धारा है । उप राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग की मौजूदा यात्रा चीन व अमरीका दोनों देशों के नेताओं को सीधा सम्पर्क करने का फिर एक मौका प्रदान कर देगी ।
कृषि चीन व अमरीका दोनों देशों के सहयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू है । अब चीन अमरीकी कृषि उत्पादनों का सब से बड़ा निर्यातित गंतव्य स्थल है , जबकि अमरीका चीन कृषि उत्पदानों का तीसरा बड़ा निर्यातित गंतव्य स्थल ही है । 2001 से 2010 तक के दौरान दोनों देशों के कृषि उत्पदानों की व्यापार रकम चार अरब दस करोड़ अमरीकी डालर से बढ़कर 24 अरब 50 करोड अमरीकी डालर तक पहुंच गयी । इस के अलावा दोनों देशों ने कृषि तकनीकों और टेकनीशियनों व वैज्ञानिकों के आदान प्रदान आदि क्षेत्रों में काफी ज्यादा सहयोग भी किये हैं । एओवा स्टेट अमरीका का बड़ा कृषि स्टेट ही है , जहां सोयाबिन , कपास , मकई और सुअर खूब पैदा होते हैं , ये ठीक ही चीन द्वारा अमरीका से आयात करने का बड़ा मुद्दा ही है । उपा राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग की इस स्टेट की यात्रा और अन्य संबंधित गतिविधियां अवश्य ही कृषि के क्षेत्र में दोनों देशों के सहयोग को बढावा मिलेगा ।
आर्थिक व व्यापारिक सहयोग चीन अमरीका संबंधों का महत्वपूर्ण आधार ही है , इसी क्षेत्र में दोनों देशों के समान हित और पारस्परिक निर्भरता सब से स्पष्ट व जबरदस्त देखने को मिलती है । चीन व अमरीका दोनों देश एक दूसरे का बड़ा द्वितीय व्यापार साझेदार हैं , गत वर्ष द्विपक्षीय व्यापार रकम चार खरब 40 अरब अमरीकी डालर से अधिक है , चालू वर्ष संभवतः यह रकम बढ़कर पांच खरब अमरीकी डालर तक पहुंच जाएगी । ज्यादा आवाजाहियों की वजह से मतभेद और विवाद पैदा होना स्वाभाविक है । अब अमरीकी अर्थतंत्र कठिन पुनरुत्थान के दौर में है , चीन अमरीकी आर्थिक मंदी के बलि का बकरा आसानी से बन सकता है । रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदारों ने गत वर्ष से ही चीन व अमरीका के आर्थिक व व्यापारिक संबंध को लेकर बड़ी हद तक मामलों को उठाया , ओबामा ने अभी अभी जारी नीति विषययक भाषण में चीन के प्रति कड़ा रुख उठाने को भी कहा । मौजूदा यात्रा के दौरान उप राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग अमरीकी नेताओं के साथ इन मामलो पर स्पष्टवादिता के साथ विचार विमर्श करेंगे , उन की यह यात्रा और लोसएजेल्स में होने वाले आयोजन इसी क्षेत्र में दोनों देशों के सहयोग को मजबूत बना देंगे ।
ध्यान देने योग्य की बात है कि उप राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग की एओवा स्टेट की यात्रा का विशेष महत्व है । क्योंकि वे 27 साल पहले मस्कटिन कसबे पर गये थे , इस बार वे फिर यहां पर पुराने दोस्तों से मुलाकात कर देंगे , यह चीनी नेता का अमरीका के आम नागरिकों से मिलने का अच्छा मौका है । चीनी नेता की आवाज व छवि एक बार फिर नाना प्रकार वाली मीडिया के माध्यम से अमरीका के लाखों करोड़ घरों में दिखाय़ी देगी , यह चीन के बारे में अमरीका नागरियों की समझ के लिये जरूर ही मददगार सिद्ध होगी और दोनों देशों की मानवीय आदान प्रदान व सहयोग को बढावा देगी । एक शब्द में दोनों देशों के संबंध अवश्य ही दोनों देशों की जनता के दिल में घर कर लेंगे । आशा है कि उप राष्ट्राध्यक्ष शी चिन फिंग की मौजूदा यात्रा कामयाब होगी ।