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मालदीव की फौजदारी अदालत द्वारा पूर्व राष्ट्रपति नशीद के खिलाफ वारंट जारी
2012-02-10 13:44:23

मालदीव की डावांडोल परिस्थिति सत्ता के परिवर्तन से तुरंत ही नहीं सुधरी । मालदीव की फौजदारी अदालत ने नौ फरवरी को पूर्व राष्ट्रपति नशीद और पू्र्व राष्ट्रीय रक्षा मंत्री कालेफानु के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया , जबकि नशीद ने अगले वर्ष में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने का ऐलान भी किया , जिस से माले और अन्य द्वीपों में प्रदर्शनकारी गतिविधियां जारी रहीं ।

रिपोर्ट के अनुसार मालदीव के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति नशीद व पूर्व राष्ट्रीय रक्षा मंत्री कालेफानु के खिलाफ फौजदारी अदालत द्वारा जारी आदेश प्राप्त कर लिया है । पुलिस प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस इस दिन आदेश के अनुसार नशीद को गिरफ्तार करेगी । उसी दिन मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने अपने वक्तव्य में कहा कि सरकारी सेना और पुलिस ने परिस्थिति को काबू में पाने के लिये प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का प्रयोग नहीं किया और न रबड़ बम फेंका ।

उसी दिन मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने अपने निवास पर मीडिया व समर्थकों से कहा कि वे मालदीव को नहीं छोड़ेंगे और आगामी राष्ट्रपति चुनाव के मैदान में उतरेंगे । उन्होंने आशा जतायी कि देश लोकतांत्रिक पथ पर वापस लौट आयेगा , साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मालदीव मामले में दखल देने और मालदीव की नयी सरकार को मान्यता न देने की अपील की । नशीद ने 8 फरवरी को राजधानी माले की सड़क पर प्रदर्शनकारी गतिविधि चलायी और मौके पर मौजूद पत्रकारों से कहा कि उन्हें सेना और पुलिस की बंदूक की नोक पर अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा , सैनिकों व पुलिसकर्मियों ने उन की मारपीट भी की , वर्तमान सरकार एक कानूनी सरकार नहीं है । उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें देश से युद्धाग्नि में फंस पड़ने की उम्मीद नहीं है , लेकिन मानदीव की परिस्थिति अत्यंत गम्भीर हो गयी है ।

वर्तमान में मालदीव की उथल पुथल स्थिति राजधानी माले से देश के अन्य द्वीपों में बढ़ रही है , नशीद की डेमोक्रेटिक पार्टी और हजारों समर्थकों ने विभिन्न द्वीपों की सड़कों पर प्रदर्शनकारी गतिविधियां चलायीं । राजधानी माले में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी भवन के सामने चौक पर नारे बुलंद लगाते हुए बोतल फेंके और टी वी स्टेशन जैसे सार्वजनिक संस्थापनों में तोड़ फोड़ की ।

रिपोर्ट के अनुसार 8 फरवरी की रात को नशीद की पत्नी लैला अली अपनी दोनों बेटियों के साथ शरण लेने विमान से श्रीलंका के लिये रवाना हुई । लैला अली ने कोलंबो पहुंचने के बाद फोन पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति राजपक्षे को मालदीव की हालिया स्थिति से अवगत कराया और उन से नशीद की शारीरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने देने को भी कहा ।

विश्लेषकों का मानना है कि मालदीव की वर्तमान परिस्थिति नशीद व पूर्व राष्ट्रपति गयुम इन दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष का कुपरिणाम है। हालांकि गयुम पहले के आम चुनाव में हार गये थे , लेकिन उन की जबरदस्त ठोस शक्तियां फिर भी बनी हुई हैं , नशीद की गिरफ्तारी का वारंट ठीक ही गयुम के समर्थक न्यायाधिश ने जारी किया है । पता चला है कि अब नशीद की डेमोक्रेटिक पार्टी प्रतिरोध करने में सक्रिय है । उन्होंने यह आरोप लगाते हुए कहा कि नशीद की जगह लेने वाले मौजूदा राष्ट्रपति वहीद सेना और पुलिस की कठपुतली मात्र ही है , वर्तमान सरकार एक वैधानिक सरकार नहीं है , डेमोक्रेटिक पार्टी गैर सरकार के साथ वार्ता नहीं करेगी .

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मालदीव की परिस्थिति पर बेहद चिन्तित है । हिन्द महासागर स्थित द्वीपीय देश मालदीव हर वर्ष लाखों करोड़ों विदेशी पर्यटकों को भ्रमण पर आकर्षित करता है , साथ ही बड़े देशों की निगाहें हमेशा मालदीव के रणनीतिक स्थान पर टिकी हुई हैं । यदि मालदीव की परिस्थिति में और बिगाड़ आकर गम्भीर मानवीय आपदा पैदा होगी , तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अवश्य ही दखल देने के लिये कदम उठा देगा । हाल ही में ब्रिटेन , अमरीका और आँस्ट्रेलिया , जिन्हों ने मालदीव में अपना दूतावास स्थापित नहीं किया है , के राजनयिक अपने नागरिकों की रक्षा के नाम से पड़ोसी देश श्रीलंका से माले पहुंच गये हैं ।

साथ ही मालदीव के निकट पड़ोसी व बड़ा दक्षिण एशियाई देश होने के नाते भारत का रुख अत्यंत ध्यानाकर्षक है । 1988 में भारत ने मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति गयुम के अनुरोध से अंदरुनी उपद्रव को शांत करने अपनी सेना भेजी । भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 8 फरवरी को वहीद के नाम भेजे एक पत्र में पूरा समर्थन देने को कहा , इस तरह भारत एक ऐसा प्रथम देश बन गया है , जिस ने मानदीव की नयी सत्ता के प्रति समर्थन प्रकट किया है । भारतीय प्रधान मंत्री कार्यालय ने नौ फरवरी को यह खबर संकेत दी है कि वहीद ने पत्र मिलने के बाद उसी दिन रात को भारतीय प्रधान मंत्री सिंह से फोन पर बात की । फोन पर उन्होंने भारत के साथ मालदीव के परम्परागत घनिष्ठ संबंध को दोहराया और शीघ्र ही सिंह के साथ मुलाकात करने की आशा भी जतायी । वहीद ने यह भी कहा कि वे शीघ्र ही देश में शांति की बहाली की हरचंद कोशिश करेंगे और अगले साल में ठीक समय पर आम चुनाव के आयोजन को सुनिश्चित बना देंगे ।

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