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तिब्बती लोगों को विश्वास है कि अपराधियों को सजा मिलेगी
2012-02-03 17:42:58

चीनी पंचांग के अनुसार नव वर्ष अभी अभी मनाया गया है , विभिन्न क्षेत्रों के लोग अभी भी त्यौहार के उल्लासपूर्ण माहौल में डूबे हुए हैं । लेकिन दक्षिण पश्चिम चीन स्थित सछ्वान प्रांत के कानची तिब्बती स्वशासन प्रिफेक्चर की लूहो कांऊटी के शिनतूशिन गांव में एक तिब्बती दादी मां के घर में यह नौबत आयी कि अपराधियों ने न सिर्फ उन के घर की चार दीवारों को गिर दी हैं , बल्कि घर में स्थापित तीर्थ आले भी तो़ड़फो़ड़ कर दी है , सुत्र पुस्तकें और बुद्ध मूर्तियां इधर उधर पड़ी हुई हैं ।

23 जनवरी को चीनी पंचांग के अनुसार नव वर्ष का प्रथम दिन था । इसी दिन दोपहर को 74 वर्षीय तिब्बती दादी मां घर के बगल में खड़े मंदिर में गयी । जब दादी मां मंदिर से घर लौट आयी , तो अचानक बाहर में भीड़ की चिल्लाहट सुनाई पड़ी । लगभग सौ से अधिक लोग एक कम्युनिटी में जमे हुए हैं , जिन में कुछ भिक्षु भी हैं । उन्होंने दादी मां के आंगन को घेर कर लिया और कुछ ही देर में आगन की चार दीवारों , मकानों , आले और घरेलू उपकरणों को तोड़फोड़ कर दिया । बुजुर्ग दादी मां को इसे देखकर बेहद दुख हुआ । 

मैं अपने मझौले बेटे के साथ मंदिर से घर अभी अभी लौट आयी , तो अचानक कुछ व्यक्तियों ने बाहर से घर में पत्थर फेंक दिये । डर के मारे मैं किचन में छिप गयी और बेटा बाथरुम में भाग गया । इसी वक्त मारपीट की आवाज सुनायी पड़ी । लोगों के चले जाने के बाद देखा कि सब कुछ बरबाद हुए हैं । एक तिब्बती होने के नाते मैं ने सोचा कि आले सब से तीर्थ व मूल्यवान है , शायद कुछ नुकसान नहीं हुआ । पर मैंने वहां जाकर देखा कि बुद्ध मूर्तियां और दीप फर्श पर पड़े हुए हैं , मेरी मूल्यवान सूत्र पुस्तक भी गायब हो गयी है ।

अब बुजुर्ग दादी मां के मकान ढह गये हैं , रहने की कोई जगह नहीं है । बुजुर्ग दादी मां के मझौले बेटे ने कहा कि यदि वे ठीक समय पर नहीं छिपे हैं , तो आज तक जिंदा नहीं होते । 

उसी दिन जो लोग आगन में आये हैं , वे सब के सब अपरिचित हैं । हमें बाहर आने का साहस नहीं था , नहीं तो मर जाय़ेंगे । मालूम नहीं है कि वे लोग कहां से आये हैं , वे चिल्लाते हुए तोड़फोड़ कर रहे थे ।

उसी दिन लूहो कांऊटी में जो झड़प और मारपीट वारदातें हुईं , वह तीन भिक्षुओं के आत्मदाह करने और शवों को सरकार को सौंपने न देने की अफवाह से हुई है । उन्होने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और पुलिस स्टेसन पर धावा भी बोल दिया , साथ ही कुछ दुकानों व रिहायशी मकानों को भी नष्ट कर दिया।

बुजुर्ग दादी मां का चौथा बेटा लूहो कांऊटी के टाऊनशिप सरकार में कार्यरत है , अपने घर की दुर्दशा देखकर वह भी बेहद दुखी है । लेकिन उसे पक्का विश्वास है कि अपराधियों को जरूर ही समचित सजा मिलेगी , ममी का घर पुनर्निर्मित हो पायेगा , सामाजिक अमन चैन और जातीय एकता फिर भी मुक्य सामाजिक धारा ही है ।

आज लूहो कांऊटी में सामाजिक व्यवस्था फिर सामान्य हो गयी है , दुकानें खुली हुई हैं , हान और तिब्बती लोग आने जाने नजर आते हैं , इस छोटे कांऊटी शहर में शांतिमय वातावरण पहले की तरह व्याप्त रहा है ।

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