दोस्तो , हाल ही में चीन के दक्षिण पश्चिम चीन स्थित सछ्वान प्रांत के तिब्बतियों बहुल क्षेत्र में भिक्षुओं के आत्मदाह , झड़प और मारपीट वारदाते हुईं । चीनी तिब्बती विद्या अनुसंधान केंद्र के धार्मिक अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रधान व अनुसंधानकर्ता ली त्ह छंग ने हमारे संवाददाता के साथ विशेष बातचीत में जताया कि ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाये , तो तिब्बती क्षेत्र में हुई झड़प बाहरी अलगाववादी शक्तियों तथा अंतर्राष्ट्रीय दुश्मनी शक्तियों के उकसावे से संबंधित है , इसलिये हाल ही में तिब्बती क्षेत्र में जो दंगाफसाद हुआ है , उस के पीछे संभवतः किसी व्यक्ति का हाथ हो ।
गत वर्ष के अंत से लेकर अब तक सछ्वान प्रांत के तिब्बती क्षेत्र में कई युवा साधुओं ने अपने आप को आग लगायी है । गत 23 जनवरी को कानची तिब्बती स्वाशासन प्रिफेक्चर की लुहो कांऊटी में जलूस और मारपीट घटनाएं हुईं , सैकड़ों भिक्षुओं और स्थानीय लोगों ने तीन भिक्षुओं के खुद को आग लगा देने और उन के शवों को सरकार को सौंपने न देने वाली अफवाह के उकसावे में पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके और पुलिस चौकी पर धावा बोला तथा दुकानों व बैंक टेलर मशीनों को क्षति पहुंचायी । 24 जनवरी को पास की सेता कांऊटी में भी मारपीट घटना हुई , सैकड़ों स्थानीय लोगों ने पुलिस स्टेशन पर प्रहार किया , जिस से इस कांऊटी के 14 पुलिसकर्मी घायल हुए ।
ली त्ह छंग ने गत वर्ष से तिब्बत क्षेत्र में हुई आत्दाह घटनाओं का अध्ययन किया । जिस से उन्होंने इन वारदातों के इस समान नियम का पता लगाया है कि भिक्षुओंने बाहरी दुश्मनी शक्तियों के उकसावे व प्रयोग में आत्मदाह वारदातें खड़ी कर दी हैं ।
कुछ व्यक्तियों ने अपने व्यक्तिगत कारण या दूसरे लोगों के साथ हुए अंतरविरोध की वजह से अपने आप को आग लगायी है । इस के अलावा और कुछ व्यक्तियों ने राजनीतिक या धार्मिक गलतफहमी के कारण किसी दुराश्य लिये व्यक्ति के उकसावे में आत्महत्या कर ली है । ऐतिहासिक विकास की दृष्टि से तिब्बती लामा बौद्ध घर्म के कुछ व्यक्तियों को हमेशा से समाजवादी व्यवस्था और स्वतंत्र धार्मिक विश्वास नीतियों पर आपत्ति है और पुरानी सामंतवादी भूदास व्यवस्था का विषाद भी है , और अन्य कुछ लोगों ने तिब्बत की स्वाधीनता के विचार के प्रभाव से अवांछित वारदात खड़ी की है । इसलिये अभी तक कुछ व्यक्ति सरकार और समाजवादी व्यवस्था से नफरत करते हैं ।
तिब्बती क्षेत्रों में हुए जलूस व मारपीट घटनाओं की चर्चा करते हुए ली त्ह छंग ने कहा कि सैकड़ों लोगों ने पुलिस स्टेशन पर धावा बोलने और पुलिसकर्मियों पर पत्थराव करने की जो हरकतें की हैं , उस के पीछे स्पष्टतः कुछ शक्तियों का हाथ है ।
ऐतिहासिक दृष्टि से तिब्बती क्षेत्रों के धार्मिक जगत में हुई कुछ झड़पें बाहरी अलगाववादी शक्तियों से जुड़ी हुई हैं . अंतर्राष्ट्रीय जगत में कुछ दुश्मनी शक्तियों ने भी उन का समर्थन किया । बाहरी अलगाकवादी शक्तियां दलाई लामा गुट ही हैं । जबकि अतर्राष्ट्रीय जगत में वे कुछ चीन विरोधी शक्तियां हैं , जो चीन के साथ पक्षपात करने और दुश्मनी रखने वाले देशों के कुछ व्यक्ति ही हैं , वे चीन के भीतरी ऐसे लोगों का समर्थन करते हैं ।
पता चला है कि लू हो और सेता इन दोनों कांऊटियों में सामाजिक स्थिति अब मूल रुप से सामान्य हो गयी है , कुछ दुकानें खुली हुई हैं और घायलों का बेहतर इलाज किया जा रहा है ।