दोस्तो , स्थानीय समय के अनुसार 18 जनवरी की रात को कतर की यात्रा पर गये चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने दोहा में ठहरने वाले होटल में हुए देशी विदेशी संवाददाता सम्मेलन में सउदी अरब , संयुक्त अरब अमीरात और कतर इन तीनों खाड़ी देशों की अपनी मौजूदा यात्रा से अवगत कराया और ईरान व सीरिया समेत चर्चित क्षेत्रीय मामलों के बारे में संवाददाताओं के प्रश्नों के उत्तर दिये । वन चा पाओ ने कहा कि सऊदी अरब , संयुक्त अरब अमीरात और कतर इन तीनों देशों की चार दिवसीय यात्रा बेहद कामयाब और फलदायक है । चीन इन तीनों देशों के साथ संबंधों , राजनीतिक आपसी विश्वास और सार्थक सहयोग को और अधिक बढाने को कृतसंकल्प है ।
सऊदी अरब , संयुक्त अरब अमीरात और कतर समृद्ध तेल स्रोत से संपन्न अरब देश हैं । विश्व के अन्य बहुत से देशों की तरह चीन ऊर्जा क्षेत्र में उक्त तीनों देशों के साथ बेहतर सहयोगी संबंध बनाये रखे हुए है । वन चा पाओ ने कहा कि मौजूदा यात्रा उर्जा के सहयोग के लिये ही नहीं , दोस्ती के लिये भी है । जब प्रधान मंत्री वन चा पाओ से मौजूदा यात्रा में सब से बड़ी उपलब्धि के बारे में प्रश्न पेश किया गया , तो प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने जवाब में कहा मेरी यात्रा में सब से बड़ी उपलब्धि यह है कि दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक विश्वास मजबूत हो गया है , इतिहास पर हमारे अनुभव समान हैं या मिलते जुलते हैं , चीन व अरब राष्ट्र के बीच इतिहास द्वारा कोई छोड़ा गया सवाल , विवाद और झगड़ा नहीं है , केवल समान हित मौजूद हैं और विकास के समान मिशन का सामना करते हैं । ऐसी स्थिति में जबकि वर्तमान विश्व वित्तीय संकट गहराई में बढ रहा है और अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति जटिल व परिवर्तनशील बनी हुई है , चीन खाड़ी देशों और अरब देशों की जनता के साथ हाथ मिलाकर कठिनाइयों का समान सामना करने को तैयार है ।
गत वर्ष से पश्चिम एशियाई और उत्तर अफ्रीकी क्षेत्रीय परिस्थितियां उथल पुथल बरकरार रही हैं । सीरिया के बाशार अल अस्साद सत्ता मामले , ईरानी न्यूक्लीयर मामले और होर्मूज जलडमरुमध्य में उत्पन्न तनावपूर्ण स्थितियों पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान केंद्रित हुआ है । वन चा पाओ ने इस की चर्चा में कहा खाड़ी और मध्य पूर्व के कुछ देशों में उत्पन्न डावांडोल राजनीतिक स्थिति पर चीनी जनता विश्व के विभिन्न देशों की जनता की ही तरह बेहद चिन्ति हुई है , एक बड़ा देश होने के नाते हम समुचित दायित्व निभाने पर आशा बांधे हुए हैं , सारी दुनिया की जनता के साथ विभिन्न खाड़ी देशों और अरब देशों की जनता के पक्ष में खडे होकर शांतिपूर्ण व राजनीतिक माध्यमों के जरिये इस मामलों का उचित रुप से समाधान करना चाहते हैं , ताकि इस क्षेत्र में शांति की स्थापना की जा सके ।
सीरियाई सवाल का उल्लेख करते हुए वन चा पाओ ने कहा कि सीरिय़ाई सवाल के शांतिपूर्ण व राजनीतिक समाधान की कोशिश की जायेगी और बेगुनाह नागरिकों की हत्या का विरोध व रोकथाम की जायेगी । साथ ही सीरियाई जनता की सुधार व अपने आप के हित की रक्षा करने की मांग का समादर किया जायेगा । अरब लीग की भूमिका निभाकर राजनीतिक व राजनयिक माध्यमों के जरिये सीरियाई सवाल का समाधान किया जायेगा । ईरान सवाल के बारे में वन चा पाओ ने कहा कि चीन ईरान द्वारा न्यूक्लीयर हथायार बनाये जाने का डटकर विरोध करता है और मध्य पूर्व में न्यूक्लीयर रहित क्षेत्र की स्थापना का पक्ष भी लेता है , चीन का यह रुख अविचल है । चीन छै देशों के तंत्र की मध्यस्थता जारी ऱखने का समर्थन करता है और ईरानी न्यूक्लीयर सवाल के यथाशीघ्र ही शांतिपूर्ण समाधान के लिये प्रयासशील है । चीन ईरान के साथ सामान्य व्यापार संबंध बनाये ऱखने के साथ साथ ईरान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र द्वारा पारित प्रतिबंधित प्रस्ताव का समर्थन भी करता है , सिद्धांत से सौदा कभी भी नहीं करेगा ।
वन चा पाओ ने प्रश्नोत्तर में जोर देते हुए कहा मैं ने सचमुच ही विभिन्न देशों के नेताओं के साथ बातचीत में अनेक बार पश्चिम एशिय़ाई और उत्तर अफ्रिकी परिस्थितियों और वर्तमान खाड़ी और मध्य पूर्व की स्थितियों पर गहन रुप से विचार विमर्श किया और यह स्पष्टतः कहा कि विभिन्न देशों की जनता की सुधार और अपने आप के हित की रक्षा करने की मांग का समादर करना चाहिये । चीन और ईरान के बीच तेल का व्यापार सामान्य व्यापार गतिविधि है । मुझे विश्वास है कि ईरान के साथ व्यापार करने वाला चीन मात्र देश नहीं है , जैसा कि चीन सीरिया के साथ तेल का व्यापार करने वाला एकमात्र देश भी नहीं है । चाहे किसी भी हालत में क्यों न हो , होर्मूज जलडमरुमध्य की सुरक्षा और तेल के सामान्य परिवहन को सुनिश्चित बनाना ही होगा , क्योंकि यह विश्व का हित है , समूची मानव जाति का हित है , इसी मामले पर उठाये जाने वाला कोई भी उग्र कदम विश्व के विभिन्न देशों व जनता की अभिलाषा के उल्लंघन है ।